Smart Rakhi: भाई को बांधेंगी सुरक्षा की डोर
गोरखपुर (अनुराग पांडेय).संतकबीर नगर की रहने वाली किसान पिता धनुषधारी की बेटी पूजा यादव और बिहार निवासी नीरज कुमार ओझा की बेटी विजया रानी अच्छी दोस्त हैं। रक्षाबंधन को देखते हुए उनके मन में विचार आया कि इस बार कुछ अलग करते हैं। दोनों बेटियों का कहना था कि कहानियों में सुना था राखी के महत्व के बारे में, इसकी फिलिंग को सही साबित करने के लिए स्मार्ट राखी बनाई। सेट कर सकते हैं 3 नंबरस्मार्ट राखी भाई की कलाई पर बांध कर अपने मोबाइल के ब्लूटूथ से अटैच कर स्मार्ट राखी के सॉफ्टवेयर में आप अपने परिवार, एम्बुलेंस या पुलिस के 3 नंबर सेट कर सकते हैं। इसके साथ ही इस सॉफ्टवेयर में आप अपना ब्लड ग्रुप, मेडिकल सम्बंधित जानकारी भी सेव कर सकते हैं। एक क्लिक पर डॉयल हो जाएगी कॉल
स्मार्ट राखी में एक बटन लगा है। जो मुसीबत के समय दबाने पर परिवार, पुलिस और एंबुलेंस, डॉक्टर को लोकेशन भेज देगा। इससे मुसीबत के समय व्यक्ति की मदद हो सकेगी। एक्सीडेंट के समय भी ये राखी हाथ में मोबाइल लिए बिना एम्बुलेंस, परिवार के सदस्य और डॉक्टर्स को लोकेशन के साथ कॉल कर सकता है। बाजार में लाने का होगा प्रयास
दोनों छात्राओं ने बताया कि इस इनोवेशन को स्मार्ट डिजिटल राखी कहा जाता है। इसे अप्रूव के लिए कॉलेज में भेजा गया है। अप्रूव होने के बाद इसका यूज हमेशा हो सकेगा। तब इसका नाम स्मार्ट मेडिकल राखी हो जाएगा। आईटीएम के डायरेक्टर डॉ। एनके सिंह ने बताया कि दोनों छात्रों का यह प्रयास बहुत ही सराहनीय है। इन छात्राओं के आइडिया इन्नोवेशन से देश को और विकासशील बनाने में मदद मिलेगी। हम जल्द ऐसे छात्रों के इन्नोवेशन को बाजार में लाने का प्रयास करेंगे। एक हजार में तैयार हो जाएगी राखीपूजा और विजया ने बताया कि इस राखी को बनाने में करीब 4-5 दिन लगे। एक राखी पर करीब 1 हजार रुपए खर्च हुए। राखी के लिए उपकरण में ब्लूटूथ 3.0 रिसीवर मॉडुल, 3.71-4 वोल्टेज बैटरी, (माइक्रो यूएसबी और स्विच का इस्तेमाल किया गया है।