बहुत हुई पढ़ाई, बच्चियां भी सीखेंगी लड़ाई
- पहली बार क्लास 3 से 5 तक की बच्चियां भी सीखेंगी सेल्फ डिफेंस के गुर
- प्रॉब्लम में फंसने पर खुद को बचाने की दी जाएगी ट्रेनिंगGorakhpur@inext.co.inGORAKHPUR: देश में महिलाओं और कॉलेज गोइंग गर्ल्स के साथ हो रहे अपराध का ग्राफ घटने का नाम नहीं ले रहा। दूसरी तरफ छोटी-छोटी बच्चियों के साथ भी हिंसा की खबरें आम हो गई हैं। आए दिन 5 से 10 साल तक की बच्चियां हैवानों का शिकार बन रही हैं। इसे रोकने के लिए कोर्ट, शासन और प्रशासन शिद्दत से लग गए हैं। इसी क्रम में अब बेसिक शिक्षा विभाग जो अभी तक 6 से 8वीं क्लास तक की गर्ल्स को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देता रहा है, अब क्लास 3 से 5 तक की बच्चियों को भी आत्मरक्षा के गुर सिखाएगा। इस कवायद को शुरू करने के लिए गोरखपुर बीएसए ऑफिस में सोमवार को लेटर भी पहुंच चुका है।
मीना मंच का होगा गठन
जेंडर इक्विटी प्रोग्राम में बालिकाओं को शिक्षा, बच्चों के साथ हो रहे शोषण को रोकने के लिए यूनिसेफ के सहयोग से मीना मंच का संचालन होता है। इसके गठन के बाद से ही बालिकाएं शाक्तिशाली हुई हैं। इसके साथ ही स्कूल स्तर पर होने वाले आयोजनों में भी इनकी हिस्सेदारी बढ़ी है। इसको देखते हुए प्राथमिक स्तर से ही इसका गठन किया जाएगा।
अभी तक बेसिक शिक्षा विभाग माध्यमिक स्कूलों की छात्राओं पर फोकस करता रहा है। पहली बार ऐसा हो रहा है कि प्राथमिक स्तर पर भी बच्चियों को ट्रेनिंग देने की जरूरत समझी गई है। अधिकारियों की मानें तो इधर बच्चियों के साथ लगातार हुए अपराध के बाद ऐसा कदम उठाया गया है।दो स्तर पर होगा गठन
इस बार दो स्तर पर मीना मंच का गठन किया जाएगा। पहला प्राथमिक स्कूल स्तर और दूसरा उच्च प्राथमिक स्कूल स्तर पर मीना मंच का गठन होगा। जो बच्चियों को गुड टच और बैड टच के बारे में बताकर अवेयर करेंगे। होंगे जीवन कौशल शिक्षा कार्यक्रम
मीना मंच के गठन के साथ ही जीवन कौशल शिक्षा कार्यक्रम भी स्कूलों में ऑर्गनाइज किए जाएंगे। इसमें बच्चों के मन को पढ़कर उनकी काउंसलिंग करा आगे बढ़ाया जाएगा। ये भी होंगे कार्यक्रम- बच्चियों को टाइम मैनेजमेंट, वॉटर मैनेजमेंट और हेल्थ मैनेजमेंट सिखाएंगे।- स्कूल और घर में गार्डनिंग करने के लिए करना होगा अवेयर।- नेचुरल डिजास्टर के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी।
- लड़कियों को बैंक, पुलिस स्टेशन, पोस्ट ऑफिस और रेलवे स्टेशन पर भी घुमाया जाएगा।
- धार्मिक सदभाव विकसित हो इसके लिए अवेयर करना होगा।ये भी है निर्देश- सभी स्कूलों में बाल अधिकार और हेल्पलाइन नंबरों को पेंट करना होगा।- बच्चों को हेल्प लाइन नंबर यूज करना सिखाना होगा।- सभी स्कूलों में कंप्लेन बॉक्स रखा जाएगा।- सभी स्कूलों में इंसीनेटर होना चाहिए।- लड़कियों को अनिवार्य रूप से सेनेट्री पैड और हाईजीन की जानकारी देनी होगी।- बच्चों की शिकायत और समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर दूर करना होगा।- लड़कियों को स्पोर्ट्स की शिक्षा अनिवार्य है।- नशा और मारपीट करने वाले पैरेंट्स की काउंसिलिंग करनी होगी।- बच्चों की मेंटल हेल्थ पर खास ध्यान देना होगा। वर्जनछोटी बच्चियों के साथ हो रहे अपराध को देखते हुए इस बार 3 से 5 क्लास तक की बच्चियों को भी सेल्फ डिफेंस के गुर सिखाए जाएंगे।- बीएन सिंह, बीएसए