-टिटनेस की वैक्सीन तक नहीं

-मरीजों को बाहर से खरीदनी पड़ रही दवाइयां

GORAKHPUR: डिस्ट्रिक हॉस्पिटल के मरीज पिछले चार दिनों से दवाइयों की कमी से जूझ रहे हैं। जबकि हॉस्टिपल एडमिनिस्ट्रेशन का दावा है कि इमरजेंसी सेवाओं के लिए दवाओं की उपलब्धता है, लेकिन उसके इस दावे की पोल संडे इवनिंग को खुल गई। दुर्घटना में घायल मरीजों के लिए इमरजेंसी में टिटनेस वैक्सीन तक भी नहीं थी। आलम यह है कि प्रपोजल भेजने के बाद भी शासन से दवाइयों की खेप नहीं भेजी गई। इसके नाते शहर और ग्रामीण एरिया से आए मरीजों के सामने संकट खड़ा हो गया है।

दवाओं की जबर्दस्त कमी

जिला अस्पताल के सेंटर ड्रग स्टोर में चार फरवरी को एंटी रैबीज वैक्सीन की कमी तो उसके बाद फ्9 दवाइयों का टोटा रहा। यहीं नहीं सैटर्डे मार्निग एआरवी सेंटर में एंटी रैबीज वैक्सीन भी खत्म हो गई। इसके बाद मरीजों ने जमकर हंगामा किया, लेकिन अफसर नहीं चेते। दवाइयों की कमी मरीजों और उनके तीमारदारों की जेब पर भारी पड़ रही है। उन्हें मजबूरन बाहर से दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं।

आखिर कब आएंगी दवाइयां?

जिम्मेदार अफसरों को भी नहीं मालूम कि दवाओं की नई खेप कब तक आएगी। एक ओर हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन दवाओं के प्रपोजल भेजने की बात कर रही है तो दूसरी तरफ दवा भेजने वाली कंपनी सप्लाई में लेटलतीफी की शिकायत कर रही है।

इमरजेंसी के लिए पहले से ही दवाईयां रख ली गई थी। सभी दवाएं उपलब्ध है। मरीजों को दी जा रही है। दवाईयों के लिए शासन को पत्र भेजा गया है। जल्द ही दवाईयों की कमी दूर कर ली जाएगी।

डॉ। एचआर यादव, एसआईसी, जिला अस्पताल

Posted By: Inextlive