नहीं तो बेचनी पड़ जाती जमीन
- सीएम से मिले रिकवरी न करने और सैलरी दिए जाने के आश्वासन के बाद शिक्षामित्रों ने ली राहत की सांस
- मंगलवार से काम पर लौटेंगे शिक्षामित्र GORAKHPUR: कोर्ट के आदेश के बाद गम में डूबे शिक्षामित्रों को रिकवरी के आदेश के बाद दोहरा झटका लगा। इससे डरे-सहमे कई शिक्षामित्रों ने मौत को भी गले लगा लिया। दोहरा झटका खाए शिक्षामित्रों को प्रदेश ने बड़ी राहत दी। उन्होंने न सिर्फ उन्हें एडजस्ट करने, बल्कि सैलरी भी देने की बात कही है। प्रदेश के मुखिया के इस फैसले से शिक्षामित्रों के बीच खुशी की लहर है। मीटिंग के बाद उन्होंने काम पर भी वापस लौटने का फैसला किया। इस मामले में शिक्षामित्र ने बताया कि अगर उनसे रिकवरी की जाती है, तो वह सड़क पर आ जाएंगे और उन्हें अपनी जमीन-मकान सब बेचना पड़ेगा।शिक्षामित्र संयुक्त संघर्ष मोर्चा गोरखपुर जनपद के संयुक्त अध्यक्ष अजय सिंह एवं गदाधर दुबे ने बताया कि शीर्ष नेत्तृत्व में गाजी इमाम आला, जितेंद्र शाही व अनिल यादव के साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की बातचीत हुई। कोर्ट के फैसले के बाद वेतन मिलेगा या नहीं। इस बात की लगातार टेंशन थी। मीडिया प्रभारी बेचन सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री का वेतन मिलने संबंधी मांग पर मुहर लगाना शिक्षामित्रों में नई उम्मीद व ऊर्जा का संचार पैदा कर दिया है। साथ ही सभी सुविधाएं पूर्व की भांति मिलती रहेंगी। हाईकोर्ट के फैसले का सरकार अध्ययन कर रही है। समायोजन बचाने का हर संभव प्रयास होगा। उन्होंने बताया कि यूपी सरकार सुप्रीम कोर्ट के टॉप अधिवक्ताओं से राय विमर्श कर रही है। सभी शिक्षामित्रों से अपील है कि विद्यालयों में शिक्षण कार्य प्रारंभ कर दें। इस पर मोर्चा के सभी नेताओं ने सहमति प्रदान की है। मंगलवार से सभी शिक्षामित्र से विद्यालय पहुंचने और पढ़ाने की अपील करेंगे।
सीएम का आदेश बेहद सराहनीय है। हाईकोर्ट के फैसले के बाद से काफी टेंशन थी, लेकिन जब से सीएम का आदेश आया है, तब से राहत की सांस सबने ली है। ऐसा न होता तो शिक्षामित्रों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता। - अजय सिंह, जिलाध्यक्ष, शिक्षामित्र संयुक्त संघर्ष मोर्चा हाईकोर्ट के फैसले के बाद से लगातार टेंशन बनी हुई थी, लेकिन सरकार ने रुपए रिकवरी न करने और यथास्थिति को बनाए रखने के लिए जो आश्वासन दिया है, वह सराहनीय है। इससे शिक्षामित्रों को काफी राहत मिलेगी। - राजीव गुप्ता, जिला मंत्री, शिक्षामित्र संयुक्त संघर्ष मोर्चा