रामगढ़ताल झील के बाद अब राप्ती नदी के तट पर भी लोग बोटिंग का लुत्फ ले सकेंगे. यहां डल झील में चलने वाली शिकारा बोट चलेगी. शिकारा बोट चलाने वाले नाविकों के प्रपोजल पर नगर निगम एडमिनिस्ट्रेशन ने निर्णय लिया है. नगर आयुक्त के संचालन की मंजूरी पर नाविकों ने तैयारी शुरू कर दी है. संभवत: अगले महीने से यहां शिकारा बोट चलने लगेगी. 2 किलोमीटर की सैर के लिए लोगों को 60 रुपए चुकाने होंगे. फस्र्ट फेज में चार बोट चलेंगी. भीड़ बढऩे पर धीरे-धीरे शिकारा बोट की संख्या बढ़ाई जाएगी.


गोरखपुर (ब्यूरो).अयोध्या के सरयू नदी में शिकारा बोट चलाने वाले सुरेंद्र मांझी ने शनिवार को नगर आयुक्त के सामने प्रपोजल रखा था। इस पर नगर आयुक्त ने हरी झंडी दी तो सुरेंद्र मांझी योजना के क्रियान्वयन में जुट गए। सुरेंद्र ने बताया कि शिकारा मोटरचालित बड़ी नाव है। इसकी क्षमता करीब 20 लोगों के बैठने की है। नाव में बैठने वालों को दो किलोमीटर की सैर कराई जाएगी। ग्रुप के लोग मिलकर नाव को चलाएंगे।राप्ती नदी किनारे बढ़ाई जाएगी और सुंदरता
सिंचाई विभाग और नगर निगम के प्रयास से राप्ती तट के दोनों ओर सौंदर्यीकरण कराने के बाद यहां पयर्टन स्थल बन गया है। यहां भगवान शंकर की भव्य प्रतिमा है। घाट की सुंदरता और भव्यता देखने केलिए रोजना यहां सैकड़ों की संख्या में लोग आते हैं। अब शिकारा चलने पर यहां सुंदरता और बढ़ाई जाएगी। इसमें लाइटिंग पर विशेष फोकस रहेगा। इससे यहां शाम को बोटिंग करते समय अलग नजारा होगा।राप्ती नदी में शिकारा चलाने की अनुमति दी गई है। शिकारा चलाने वाले नाविक इसकी तैयारी में जुटे हंै। संभवत: वह अगले महीने बोट लेकर आ जाएंगे। इसके बाद से राप्ती नदी में इसका लुत्फ लोग ले सकेंगे।- अविनाश सिंह, नगर आयुक्त गोरखपुर

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