चिरैया मेरा नाम, चोरी मेरा काम
- पांच हजार का इनामी शातिर चोर अरेस्ट
- कैंट एरिया में अकेले करता था वारदातें GORAKHPUR : कैंट एरिया का शातिर चोर चिरैया आखिरकार पुलिस के जाल में फंस गया। फ्राइडे को क्राइम ब्रांच की क्राइम इंटेलीजेंस यूनिट ने उसको धर दबोचा। 17 से अधिक मुकदमों में दो साल से फरार चिरैया पर पांच हजार का इनाम था। चिरैया के पास से ज्वेलरी, बाइक, मोबाइल और गांजा बरामद हुआ। उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करके पुलिस ने जेल भेज दिया। कमरे पर आराम करने गया, पुलिस ने दबोचाखोराबार एरिया के कुरमौल का रामप्रीत उर्फ चिरैया, कैंट एरिया के रामपुर चौराहे पर किराये पर कमरा लेकर रहता था। फ्राइडे दोपहर रामपुर में उसके मौजूद होने की सूचना मिली। सीआईयू के प्रभारी राजेश मिश्रा, इंजीनियरिंग कालेज चौकी प्रभारी भिक्खू राय, क्राइम ब्रांच के एसआई सुनील सिंह, कांस्टेबल शशिकांत राय, रशीद अख्तर खा, सत्य प्रकाश वर्मा, करुणा तिवारी, गुलाब चंद्र यादव की टीम घेराबंदी करने पहुंची। पुलिस को चकमा देने के चक्कर में वह बाइक फिसलने से गिर पड़ा। पुलिस ने उसको घेरकर पकड़ लिया।
17 से ज्यादा बड़ी चोरियांकैंट पुलिस के नाक में दम करने वाले चिरैया काफी शातिर है। वह अकेले कैंट एरिया में 17 से अधिक चोरी की बड़ी वारदातों को अंजाम दे चुका है। चोरी के लिए वह दिन भर रेकी करता था। फिर अकेले चोरी करने पहुंच जाता था। अकेले ही उसने पुलिस की नाक में दम कर दिया। चोरी के लिए वह इंजीनियरिंग कालेज पुलिस चौकी के घरों को चुनता था। लाखों रुपए नकदी, ज्वेलरी चुरा चुके चिरैया के लिए किसी मकान में घुसना, चोरी करना बाएं हाथ का खेल है।
जरा सी जगह मिली, घुस गया चिरैया पुलिस का कहना है कि चिरैया की बॉडी फलेक्सिबल है। थोड़ी सी जगह में वह आसानी से घुस जाता है। बिल्ली घुसने भर की जगह उसके लिए काफी है। उसकी फुर्ती देखकर घरवालों ने बचपन में चिरैया नाम रख दिया। वह ताला तोड़ने में भी एक्सपर्ट है, लेकिन उसकी कोशिश रहती है कि बंद मकान को दूसरे तरीके से खंगाला जाए। शातिर चिरैया को पकड़ने वाली पुलिस टीम को पांच हजार का इनाम दिया गया है। चोरी की वारदातों में शामिल चिरैया वर्ष 2014 से फरार चल रहा था। प्रदीप कुमार, एसएसपी