किसी को नहीं है कानून व्यवस्था बिगाड़ने की छूट
- निषाद आंदोलन के बंदियों से मिले राज्य मंत्री
- सदर सांसद, हियुवा कार्यकर्ताओं को ठहराया जिम्मेदार GORAKHPUR : सहजनवां के कसरौल कांड के आरोपियों से मिलने राज्यमंत्री शंखलाल मांझी जेल पहुंचे। फ्राइडे को प्रतिनिधिमंडल के साथ बंदियों से मिलकर घटना की पूरी जानकारी ली। जेल के बाहर मौजूद आंदोलनकारियों के फैमिली मेंबर्स को मदद का आश्वासन दिया। राज्यमंत्री ने कहा कि उनके प्रयास पर आंदोलन के खिलाफ उत्पीड़न, गिरफ्तारी पर रोक लगी, वरना पुलिस मुकदमे में सबको दुह लेती। वह इस मामले की निष्पक्ष जांच कराएंगे। हालांकि बंद आंदोलनकारियों की रिहाई, उन पर लगे मुकदमे वापस हटाने के मुद्दे को वह साफगोई से टाल गए। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था बिगाड़ने की छूट किसी को नहीं है। सात जून को हुए आंदोलन में बंद हैं 37 लोगनिषाद समुदाय को अनुसूचित जाति का दर्जा देने की मांग उठी है। इसको लेकर डॉक्टर संजय निषाद की अगुवाई में लोगों ने सात जून को प्रदर्शन किया। आंदोलन के दौरान पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच भिड़ंत हो गई। पथराव, लाठी चार्ज, भगदड़, फायरिंग के बीच इटावा के छात्र अखिलेश निषाद की मौत हो गई। पुलिस आंदोलनकारी सहित करीब 50 लोग घायल हो गए। इस मामले में पुलिस ने निषाद नेता डॉक्टर संजय निषाद सहित तीस लोगों को नामजद, दो हजार अज्ञात को मुल्जिम बनाया। पुलिस ने 37 लोगों को अरेस्ट करके जेल भेज दिया। अन्य लोगों की तलाश में छापेमारी शुरू हो गई। निषाद आंदोलन की धार को देखते हुए राजनीतिक दलों ने आंदोलन का समर्थन किया। लोगों ने पुलिस को गलत ठहराते हुए कार्रवाई की मांग उठाई।
जेल में पहुंचकर दिया सामान, जाना हाल फ्राइडे को प्रदेश सरकार के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, मातृ एवं शिशु कल्याण विभाग राज्य मंत्री शंखलाल मांझी गोरखपुर पहुंचे। उनके साथ सांसद विशम्भर प्रसाद निषाद, विधायक लक्ष्मीकांत उर्फ पप्पू, राजमती निषाद, डॉक्टर पूर्णमासी देहाती, मत्स्य विभाग के अध्यक्ष राजपाल कश्यप, एमएलसी श्याम सुंदरदास, विधायक ओम प्रकाश वर्मा, पूर्व राज्य मंत्री चौधरी लालता प्रसाद, सपा जिलाध्यक्ष डॉक्टर मोहसिन खां सहित कई नेता और पदाधिकारी मौजूद रहे। जेल में बंदियों से मिलकर राज्यमंत्री ने रोजमर्रा की जरूरत की चीजें दी। घटना के बारे में बातचीत करके पूरी जानकारी जुटाई। जेल से बाहर निकलने पर आंदोलनकारी बंदियों के फैमिली मेंबर्स से मिलकर न्याय दिलाने का भरोसा दिया। बवाल के लिए हियुवा कार्यकर्ताओं को ठहराया जिम्मेदारराज्यमंत्री शंखलाल मांझी ने सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में कसरौल कांड के लिए हियुवा कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि निषाद आरक्षण का मामला केंद्र सरकार के पास लंबित है। केंद्र सरकार को जगाने के लिए निषाद समुदाय के लोग रेलवे ट्रैक पर पहुंचे। उसी समय गोरखपुर के सांसद की हिन्दू युवा वाहिनी के कुछ लोगों ने आंदोलन को उग्र रूप दे दिया जिसमें छात्र की मौत हो गई। फर्जी मुकदमे दर्ज करके पुलिस उत्पीड़न करने लगी। उन्होंने कहा कि लोकसभा का सत्र शुरू होते ही संसद भवन का घेराव किया जाएगा। आरक्षण बिल को तत्काल पास कराने के लिए एक दिन का धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
मुकदमा वापसी, रिहाई को टाल गए मांझी निषाद समुदाय को गरीब, पिछड़ा, अशिक्षित बताकर उनको अनुसूचित जाति का दर्जा देने की वकालत करने वाले राज्य मंत्री कुछ सवालों का जवाब देने से कतराते रहे। जेल में बंद आंदोलनकारियों की रिहाई, मुकदमे वापस करने के संबंध में सभी सवालों को वह टालते रहे। उन्होंने कहा कि निष्पक्ष जांच कराई जा रही है। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि कानून व्यवस्था बिगाड़ने की छूट किसी को नहीं है। गृह मंत्रालय के दबाव पर खाली कराया गया ट्रैकराज्यमंत्री ने कहा कि ट्रैक जाम करने की सूचना केंद्र सरकार को मिली। भारत सरकार के गृह मंत्रालय के दबाव में रेलवे ट्रैक को खाली कराया गया। प्रदेश के मुख्य सचिव ने बातचीत करके पुलिस-प्रशासन के अफसरों को ट्रैक खाली कराने को कहा। इसके बाद पुलिस प्रशासन ने कार्रवाई की। इस दौरान कभी वह कार्यक्रम संयोजक डॉक्टर संजय निषाद को जिम्मेदार ठहराते रहे तो कभी पुलिस को दोषी बताया। इस मुद्दे पर कुछ भी खुलकर बोलने से कतराते रहे।
मुकदमा उठाने, बंदियों की रिहाई के बारे में सीएम से मिलकर बात करुंगा। मामले में जो भी दोषी होगा, सिर्फ उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। हमारे प्रयास के बाद लोगों की गिरफ्तारी पर रोक लग गई। समाज का उत्पीड़न नहीं होने नहीं दिया जाएगा। शंखलाल मांझी, राज्यमंत्री