प्री मानसून सूखा जा रहा है. गोरखपुराइट्स को मानसूनी बारिश के लिए भी इंतजार करना होगा. इस बार 15 जून से मानसून की दस्तक के कम ही आसार हैं.


गोरखपुर (ब्यूरो)।मौसम विज्ञानी काफी देरी की आशंका जता रहे हैं। इस बार औसत से (जून से सितंबर तक) चार से पांच प्रतिशत कम बारिश का अनुमान जताया गया है। भीषण गर्मी के चलते लोग जल्द बारिश की राह देख रहे हैं। उन्हें मानसूनी बारिश का इंतजार है। मौसम विज्ञानी जय प्रकाश गुप्ता का कहना है कि इस मानसून में चार से पांच प्रतिशत कम बारिश होने का अनुमान है। हालांकि, बीते वर्ष के मुकाबले इस वर्ष बरसात में ठीक बारिश होगी। बीते वर्ष पूरे बरसात के दौरान महज 890 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। 7-8 दिन हो सकती है भारी बारिश


इस मानसून भारी बारिश वाले दिनों की संख्या एक सप्ताह रहने का अनुमान है। इनमें से दो से तीन दिन अत्याधिक भारी बारिश वाले दिन भी हो सकते हैं। मौसम विज्ञानी जय प्रकाश के अनुसार जिस दिन 64.5 मिमी से अधिक बारिश रिकॉर्ड की जाती है, उसे भारी बारिश वाला दिन करार दिया जाता है। 115.5 मिमी से अधिक बारिश वाला दिन अत्याधिक भारी वाला दिन कहा जाता है। जलवायु परिवर्तन का प्रभाव

मौसम विज्ञानी जय प्रकाश के अनुसार जलवायु परिवर्तन का प्रभाव मानसूनी बारिश पर भी पड़ रहा है। कभी यह बारिश औसत से काफी अधिक तो कभी कम हो रही है। एक अध्ययन के मुताबिक जलवायु परिवर्तन के कारण ही अत्याधिक बारिश वाले दिनों की संख्या भी बढ़ रही है। जिसका प्रभाव अन्य दिनों की बारिश पर पड़ रहा है। लंब समय तक चलने वाली रिमझिम बारिश वाले दिन कम हो रहे हैं। गोरखपुर में बन रहा लो प्रेशर एरिया मौसम विज्ञानी के अनुसार तेज धूप के चलते बढ़ रहे पृथ्वी के ताप के आधार पर 12-13 जून को प्री मानसूनी बारिश का अनुमान है। गर्मी के चलते गोरखपुर और आसपास के क्षेत्र में निम्न वायुदाब क्षेत्र बन रहा है। ऐसे में पुरवा हवा के साथ आने वाली नमी को इस क्षेत्र में प्रवेश का अवसर मिलेगा। गर्मी की वजह से यह नमी पहले बादल और फिर बारिश की वजह बनेगी। क्या है प्री मानसून

मानसून आने की तारीख कुछ ही दिन बची है। माना जाता है कि 15 जून से मानसून शुरू हो जाता है। इसके पहले का समय को प्री मानसून कहते हैं। प्री मानसून के बादल ऊपर की तरफ जाते हैं। ये अधिक तापमान की वजह से बनते हैं। जबकि मानसूनी बादल एक से दूसरे स्थान तक दूरी तय करते हैं। इस वजह से इन बादलों में नमी ज्यादा होती है और बारिश काफी ज्यादा होती है। प्री मानसून तेज अवधि के साथ बारिश और धुंध की तरह छाता है, बारिश काफी ज्यादा मात्रा में होती है। भले ही बारिश तुरंत ही खत्म हो जाए। प्री मानसून में हवाएं तेज चलती है। बीते वर्षों में कब आया मानसून वर्ष डेट2022 29 मई2021 8 जून2020 1 जून2019 3 जून2018 20 मईअभी मानूसन के आने में देरी है। अनुमान भी बताना कठिन है कि कब बारिश होगी। हालांकि अच्छी बारिश के आसार हैं। सोमवार और मंगलवार को प्री मानूसन में बारिश के आसार हैं। जय प्रकाश गुप्ता, मौसम विज्ञानी खेती के लिहाज से इन दिनों की गर्मी अच्छी मानी जाती है। इन दिनों जितनी गर्मी पड़ती है उससे जुताई के बाद खेत में खरपवार, कीट आदि नष्ट हो जाते हैं। इससे धान की पैदावार अच्छी होती है। अरविंद कुमार सिंह, उपनिदेशक, कृषि इतनी होनी चाहिए औसत बारिश जून 173.7 मिमी जुलाई 379.4 मिमी अगस्त 319.5 मिमी विगत वर्षों में कुछ तरह हुई बारिश 2017जून 130.1 मिमी
जुलाई 476 मिमीअगस्त 354 मिमी2018 मेंजून 286.1 मिमीजुलाई 346.7 मिमीअगस्त 367.1 मिमी2019 मेंजून 83.7 मिमीजुलाई 697 मिमीअगस्त 76.1 मिमी2020 मेंजून 382.5 मिमीजुलाई 648 मिमीअगस्त 133.8 मिमी2021 मेंजून 294 मिमी जुलाई 452.1 मिमीअगस्त 440.9 मिमी2022 मेंजून 150.3 मिमीजुलाई 104 मिमीअगस्त 180.4 मिमी

Posted By: Inextlive