क्लास रूम में मिला ताला, टीचर नदारद
-न्यू सेशन का पहला दिन
GORAKHPUR: सीबीएसई और आईसीएसई को देख यूपी बोर्ड ने भी खुद को चेंज कर लिया। जुलाई के बजाए ख्0क्भ् के सेशन की शुरुआत एक अप्रैल से करने का नियम बना दिया। नए नियम के मुताबिक सभी प्राइमरी और जूनियर स्कूल में मई के बजाए मार्च में एग्जाम हो गए और रिजल्ट भी डिक्लेयर हो गए। एक अप्रैल मतलब वेंस्डे से ख्0क्भ् सेशन की शुरुआत भी हो गई। सुबह क्0 बजे से खुलने वाले स्कूल को नए सेशन में 9 बजे से खुलने का आदेश दिया गया। शिक्षा विभाग का यह प्रयास कितना कारगर हुआ, यह जानने जब आई नेक्स्ट टीम सेशन के पहले दिन वेंस्डे को शहर में निकली। आई नेक्स्ट टीम ने जो देखा, वह चौंकाने वाला रहा। जहां एक स्कूल के क्लासरूम में ताला लटका होने के कारण बच्चे ग्राउंड पर खेलते मिले तो दूसरे स्कूल में शिक्षक बच्चों का इंतजार ही करते रहे। इस सेशन की पढ़ाई कैसे होगी, इस बारे में स्टूडेंट्स तो दूर खुद शिक्षकों को भी कुछ पता नहीं है। पहले दिन यही नजर आया कि एक अप्रैल से सिर्फ कागजों में सेशन सुनियोजित ढंग से शुरू हुआ है न कि हकीकत में।
प्लेस - अलहदादपुर स्कूल -प्राथमिक विद्यालय, नगर क्षेत्र टाइम - मार्रि्नग 9.क्फ् मिनटलाइव - सेशन के पहले दिन का जायजा लेने आई नेक्स्ट रिपोर्टर बीएसए ऑफिस से महज डेढ़ किमी की दूर अलहदादपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय पहुंचा। स्कूल का मेन गेट खुला था। अंदर ड्रेस में बच्चे भी नजर आ रहे थे। रिपोर्टर जैसे ही स्कूल के अंदर दाखिल हुआ तो देखा कि प्रिंसिपल से लेकर टीचर के रूम में ताला लटका है। क्लास रूम भी बंद होने के कारण स्कूल के स्टूडेंट्स क्लास रूम की कुंडी में बैग लटका कर ग्राउंड में खेल रहे थे। पूछने पर उन्होंने बताया कि वैसे तो टीचर समय पर आ जाते हैं। आज ही लेट हैं। स्कूल में मौजूद एक चपरासी ने बताया कि आज से नया सेशन शुरू हुआ है। टीचर अभी आ रहे होंगे।
प्लेस - तुर्कमानपुर स्कूल - प्राथमिक विद्यालय टाइम - सुबह 9.फ्7 मिनटलाइव - ग्रामीण इलाकों में अक्सर स्कूल लेट खुलने या बच्चे कम आने की कंप्लेन मिलती है। मगर अधिकारियों की नाक के नीचे सेशन के पहले दिन क्या हो रहा है, इसे जानने आई नेक्स्ट रिपोर्टर बीएसए ऑफिस से दो किमी दूर तुर्कमानपुर पहुंचा। तुर्कमानपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय का मेन गेट खुला था। अंदर दाखिल होते ही ठीक सामने एक टीचर चेयर पर बैठी थीं तो दो अन्य टीचर बच्चों को प्रेयर करा रही थी। हालांकि बच्चों की संख्या महज क्0 से क्ख् के बीच थी। स्कूल की टीचर का कहना था कि सेशन की शुरुआत है। इसलिए बच्चे कम आए हैं।
प्लेस - पुलिस लाइन स्कूल - प्राथमिक विद्यालय टाइम - सुबह क्0.0भ् बजे लाइव - शहर के सबसे वीआईपी एरिया सिविल लाइंस में महिला थाना स्थित है। महिला थाना परिसर में प्राथमिक विद्यालय है। आई नेक्स्ट रिपोर्टर जब वहां पहुंचा तो पूरी क्लास खाली थी। क्लास में तीन टीचर बैठी थी, जो शायद अपना ऑफिशियल वर्क कर रही थी। रिपोर्टर ने जब पूछा कि आज स्कूल खुला है या बंद है तो उनका जवाब था खुला है। मगर अभी बच्चे नहीं आए हैं। सेशन का पहला दिन है, इसलिए थोड़ी प्रॉब्लम है। क्योंकि पहले रिजल्ट मिलने के बाद स्कूल में छुट्टी हो जाती थी। मगर इस साल पहली बार रिजल्ट मिलते ही नेक्स्ट सेशन स्टार्ट हो गया है। करीब आधे घंटे के इंतजार के बाद तीन स्टूडेंट्स स्कूल पहुंचे। जबकि स्कूल में बच्चों की संख्या म्0 थी। जिसमें क्लास भ् के क्0 स्टूडेंट पास हो गए। मतलब स्कूल में स्टूडेंट की संख्या भ्0 बची। सेशन शुरू, पर करें क्यादूसरे बोर्ड की तरह शिक्षा विभाग ने फरमान सुना दिया कि एक अप्रैल से नेक्स्ट सेशन शुरू होगा। फरमान आया तो शिक्षकों ने बच्चों का रिजल्ट डिक्लेयर कर उन्हें नेक्स्ट क्लास में भेज दिया। मगर अभी तक किसी को यह नहीं मालूम है कि आखिर करना क्या है? नेक्स्ट सेशन शुरू हो चुका है, मगर अब तक एक भी क्लास की कॉपी-किताब स्कूल नहीं आई हैं। हर साल पाठ्यक्रम के अनुसार क्लास चलती थी। मगर इस बार पाठ्यक्रम भी नहीं आया है। अभी तक एडमिशन शुरू नहीं हुआ है। ऐसे में बच्चों की क्लास चलेगी या न्यू एडमिशन के लिए प्रयास किया जाएगा, टीचर के लिए बड़ी चुनौती है।
कंफ्यूजन ही कंफ्यूजनशिक्षा विभाग ने यूपी बोर्ड का सेशन चेंज करते हुए एक जुलाई के बजाए एक अप्रैल कर दिया है। इसको लेकर स्टूडेंट्स से लेकर शिक्षकों तक कंफ्यूजन ही कंफ्यूजन है। एक टीचर ने बताया कि एग्जाम के बाद रिजल्ट डिक्लेयर होता है। इसके बाद समर वेकेशन स्टार्ट हो जाता था। मगर इस बार बदले गए नियम से स्टूडेंट्स कंफ्यूज है। तभी रिजल्ट मिलने के बाद अधिकांश स्टूडेंट्स स्कूल आने के बजाए घर पर बैठ कर छुट्टी मना रहे हैं। हर साल अप्रैल में एग्जाम और मई में रिजल्ट आता था। मगर इस साल पहली बार मार्च में एग्जाम हुआ और इसी मंथ में रिजल्ट भी आ गया। पाठ्यक्रम और कॉपी-किताब न आने से शिक्षक कंफ्यूज है, आखिर वे बच्चों को क्या पढ़ाए।
वर्जन- सेशन का पहला दिन था। सभी स्कूल टाइम से खुले थे। इसकी जांच भी कराई गई है। अगर किसी स्कूल में टीचर लेट पहुंचे तो इसकी जांच करा कर कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल किताब अभी शासन से नहीं आई है। कमलाकर पांडेय, बेसिक शिक्षा अधिकारी