दड़बे में खोल लिया बारहवीं तक का स्कूल
- फर्जीवाड़े को नजरअंदाज करते रहे जिम्मेदार
- स्कूल संचालक के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा GORAKHPUR : भगत चौराहा, कैलाशपुरी कालोनी में सेंट जेवियर्स इंटरनेशनल स्कूल खोलकर रुपए हड़पने के मामले में संडे को केस दर्ज हुआ। स्कूल पहुंचे गार्जियन के हंगामा करने पर पुलिस जागी। खोराबार पुलिस ने 33 लोगों की संयुक्त तहरीर पर स्कूल संचालक और उसके राम प्रकाश चौधरी और जय प्रकाश चौधरी के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी सहित कई धाराओं में केस दर्ज किया। स्कूल के लिए किराये पर भवन देने वाले मालिकों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। आई नेक्स्ट की पड़ताल में सामने आया कि नियम-कानून की धज्जियां उड़ाकर संचालक ने स्कूल खोल लिया था। मान्यता को लेकर सवाल उठने पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जांच शुरू करा दी है। जांच पूरी होने पर फर्जी तरीके से स्कूल चलाने का मुकदमा अलग से दर्ज होगा। स्कूल खुल गया, सोते रहे अधिकारीफ्राइडे को भगत चौराहा, कैलाशपुरी कालोनी में खुला सेंट जेवियर्स इंटरनेशनल स्कूल अचानक बंद हो गया। स्कूल बंद होने पर बच्चे घर लौट गए, लेकिन गार्जियन की परेशानी बढ़ गई। सालाना फीस की एकमुश्त रकम के रूप में करीब चार सौ लोगों ने लाखों रुपए जमा कराकर संचालक फरार हो गया। फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद गार्जियन की आंख खुली। सवाल खड़ा होता है कि आखिर इस तरह के स्कूल सिटी में कैसे चल रहे हैं। शिक्षा विभाग के अफसर इसकी जांच क्यों नहीं करते हैं। आई नेक्स्ट ने जब मामले की पड़ताल की तो तमाम खामियां सामने आई। स्कूल संचालक ने किराये पर भवन लेकर बारहवीं तक स्कूल खोल लिया। सीबीएसई बोर्ड की मान्यता का झांसा देकर चार सौ से अधिक बच्चों का एडमिशन भी करा लिया। कैलाशपुरी कॉलोनी निवासी काशीनाथ राय के दो मंजिला मकान में नर्सरी स्कूल, ऑफिस और आवास बनाया। इसके बाद अरविंद गुप्ता के मकान में इंटर की पढ़ाई शुरू की। हॉस्टल बनाकर गार्जियन से हजारों रुपए जमा कराए। करीब तीन साल से यह सब कुछ चलता रहा, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी सोते रहे। यदि किसी ने मान्यता की संस्तुति की तो निश्चित रूप से उसने पैसे खाएं हैं।
ये हैं सीबीएसई के मानक - औपचारिक पूर्व मान्यता और सरकार जिनमें राज्य या केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं। उनका अनापत्ति प्रमाण पत्र आवश्यक है। - स्कूल सोसायटी या किसी ट्रस्ट द्वारा पंजीकृत द्वारा चलाना चाहिए। कंपनी एक्ट-धारा 25 के मुताबिक गैर मालिकाना चरित्र होना जरूरी।- कम से कम दो एकड़ भूमि। कैंपस में स्पोर्ट्स ग्राउंड और खाली जगह के साथ मेन बिल्डिंग हो।
- स्कूल में मानदंडों के अनुरूप योग्य कर्मचारी होने चाहिए। छात्रों और अध्यापकों का अनुपात तीस स्टूडेंट्स पर एक से अधिक टीचर का नहीं होना चाहिए। - न्यूनतम कमरे का आकार लगभग 500 वर्गफुट। - प्रयोगशालाए, सुज्जजित लाइब्रेरी। - कंप्यूटर लैब में कम से कम 10 कंप्यूटर या कंप्यूटर 1:20 छात्र का अनुपात का होना चाहिए। - संगीत के लिए अलग-अलग कमरे, नृत्य, कला और खेल या इन सभी गतिविधियों के लिए एक बहुउद्देश्यीय हॉल उपलब्ध होना चाहिए। - स्कूल मनोरंजन गतिविधियों और शारीरिक शिक्षा प्रदान करने के लिए पर्याप्त सुविधाएं होने चाहिए। ये है स्कूल की हकीकत -किसी से कोई एनओसी नहीं। - संचालक ने ऑनर से किराये का एग्रीमेंट करके बिल्डिंग को किराये पर ले लिया। हॉस्टल बनाकर स्कूल खोल दिया। - बिल्डिंग 28 सौ वर्ग फीट में है। इसके अलावा कोई जगह नहीं है। - मानक के मुताबिक स्टाफ नहीं। - ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर पर सात- सात कमरे हैं। मानक से साइज कम है। - लैब और लाइब्रेरी के लिए जगह सुरक्षित नहीं की गई है। - कंप्यूटर लैब ही नहीं। - किसी क्रिएटिव या एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी के लिए कोई जगह नहीं।स्कूल संचालक के बारे में पूरी जानकारी नहीं है। वह पहले काशी राय के मकान में एक से आठवीं तक स्कूल चला रहा था। उसने 50 रुपए के स्टांप पर मुझसे किराये का एग्रीमेंट कराया है। स्कूल खोलने का क्या मानक होता है, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।
अरविंद कुमार गुप्ता, स्कूल बिल्डिंग के मालिक स्कूल संचालक के खिलाफ तहरीर मिली थी। मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई की जा रही है। स्कूल संचालक, उसके भाइयों पर केस दर्ज किया गया है। बिना कोई आईडी प्रूफ लिए किराये पर मकान देने के मामले में भी कार्रवाई होगी। रामाशीष यादव, एसओ खोराबार इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से जांच कराई जा रही है। बीएसए के निर्देश पर एबीएसए खोराबार जांच कर रहे हैं। उनकी रिपोर्ट आने के बाद विभागीय कार्रवाई की जाएगी। ए एन मौर्या, डीआईओएस स्कूल संचालक ने सीबीएसई की मान्यता नहीं ली है। इस वजह से उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा सकती है। तमाम ऐसे लोग हैं जो सीबीएसआई पैटर्न पर स्कूल चला रहे हैं। या फिर टू बी एफिलेटेड सीबीएसई की बात करते हैं। ऐसे में यह पूरी तरह से पुलिस केस है। डॉ। मीना अधमी, सिटी कोआर्डिनेटर, सीबीएसई