Sawan 2023 : सावन आज से, 19 साल बाद 59 दिनों तक भगवान शिव की श्रद्धा में डूबे रहेंगे भक्त
गोरखपुर (ब्यूरो)।आठ सोमवार के साथ सावन मास का समापन 31 अगस्त को होगा। 19 वर्ष बाद भक्त 59 दिनों तक भोले की भक्ति में श्रद्धालु लीन रहेंगे। ज्योतिर्विद पंडित नरेंद्र उपाध्याय ने बताया, सावन में शिवालयों में स्थापित, प्राण प्रतिष्ठित शिवलिंग या धातु से निर्मित शिवलिंग का गंगाजल व दुग्ध से रुद्राभिषेक करें। यह शिव को अत्यंत प्रिय है। वहीं, उत्तरवाहिनी गंगाजल, पंचामृत का अभिषेक भी महाफलदायी है। कुशोदक (ऐसा जल, जिसमें कुश घास की पत्तियां डाली गई हों) से व्याधि शांति, जल से वर्षा, दही से पशुधन, गन्ने के रस से लक्ष्मी, मधु से धन, दूध से संतान की सुख समृद्धि और एक हजार मंत्रों सहित घी की धारा से भगवान शिव का अभिषेक करने से पुत्र व यश की वृद्धि होती है।सावन मास के दिनों का महत्व
बताया गया है कि सावन मास में सोमवार 'सोमवारी व्रत रोटकाÓ भी कहलाता है। इसे सोम या चंद्रवार भी कहते हैं। यह दिन भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। मंगलवार को मंगलागौरी व्रत, बुधवार को बुध गणपति व्रत, गुरुवार को बृहस्पति व्रत, शुक्रवार को जीवंतिका देवी व्रत, शनिवार को बजरंग बली व नरसिंह व्रत और रविवार को सूर्य व्रत होता है।सावन मास के व्रत और त्योहार
ज्योतिषाचार्य मनीष मोहन के अनुसार, प्रतिपदा को अशून्यन व्रत, द्वितीया को औदुंबर व्रत, तृतीया को गौरी व्रत, चतुर्थी को दूर्वा गणपति व्रत, पंचमी को उत्तम नाग पंचमी व्रत, षष्ठी को सूपोदन व्रत, सप्तमी को शीतला व्रत, अष्टमी और चतुर्दशी को शिव व्रत, नवमी को नक्त व्रत, दशमी को आशाव्रत, एकादशी को भगवान श्रीहरि व्रत, द्वादशी को श्रीधर व्रत, त्रयोदशी को प्रदोष व्रत, अमावस्या को पिठोरा व्रत, पूर्णिमा को उत्सर्जन, उपाकर्म, सभाद्वीप, रक्षाबंधन, श्रावणी पूर्णिमा सहित कई व्रत होते हैं। शिव मंदिरों में जलाभिषेक की तैयारी पूरी भगवान शिव का महीना सावन इस बार मंगलवार से ही शुरू हो रहा है। इसलिए सावन के पहले दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु शिव मंदिरों में पहुंचेंगे। भोले बाबा को जल चढ़ाकर आस्था व श्रद्धा अर्पित करेंगे। सोमवार को सभी मंदिरों में सफाई-धुलाई का काम दिन भर चला। झारखंडी शिव मंदिर, मुक्तेश्वर नाथ शिव मंदिर, मान सरोवर शिव मंदिर, गोरखनाथ मंदिर में विशेष तैयारी की गई है। जलाभिषेक के साथ ही श्रद्धालु रुद्राभिषेक भी कराएंगे, मंदिरों में इसकी तैयारी पूरी है। शिव मंदिरों में स्थानीय लोगों ने साफ-सफाई की। भक्तों को कोई असुविधा न हो इसलिए जलाभिषेक एवं पूजन अर्चन के लिए प्रवेश व निकास मार्ग अलग-अलग बनाए गए हैं। कब-कब सावन सोमवर पहला - 10 जुलाई दूसरा - 17 जुलाई
तीसरा - 24 जुलाई
चौथा - 31 जुलाई पांचवां - 7 अगस्तछठा - 14 अगस्त सातवां - 21 अगस्त आठवां - 28 अगस्त