- पैन कार्ड अनिवार्यता के विरोध में बंद रहा सराफा बाजार

- ऑल इंडिया सराफा एसोसिएशन की अपील पर एकजुट हुए जिले भर के सराफा कारोबारी

- घंटाघर में चक्का जाम करके केंद्र सरकार के खिलाफ किया जोरदार प्रदर्शन

GORAKHPUR: ज्वेलरी और अर्नामेंट्स की खरीद के लिए पैन कार्ड की नई नीति के विरोध में गोरखपुर के सराफा कारोबारियों ने ऐतिहासिक बंदी की। इस बंदी के लिए ऑल इंडिया सराफा एसोसिएशन ने आह्वान किया था जिसमें सभी प्रमुख बाजारों के सराफा कारोबारी शामिल रहे। गोरखपुर सराफा मंडल का दावा है कि गोरखपुर में इस एक दिन की बंदी के चलते करीब 20 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ है। सुबह 10 बजे बड़ी संख्या में सराफा कारोबारी सड़क पर उतरे और जुलूस के रूप में अलग-अलग बाजारों में पहुंच दुकानों को बंद करने की अपील की। इस दौरान केंद्र सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी भी हुई।

इसलिए व्यापारी हुए लामबंद

गोरखपुर सराफा मंडल के अध्यक्ष शरद चंद्र अग्रहरि का कहना है कि लगभग एक दशक पहले सरकार ने पांच लाख रुपये से ज्यादा की खरीद पर पैन कार्ड का उल्लेख अनिवार्य किया। उसी वक्त से सराफा व्यापारी विरोध कर रहे हैं। हमारी मांग है कि पैन कार्ड की अनिवार्यता 10 लाख या इससे ऊपर की खरीद पर लागू हो। केंद्र सरकार को इसके लिए ज्ञापन भी दिया जा चुका है। लेकिन सरकार ने व्यापारियों की मांग को नजरअंदाज करते हुए इसके उलट नये नियम में दो लाख या इससे ज्यादा की खरीद में पैन कार्ड अनिवार्य कर दिया है। जिससे देश भर के सराफा व्यापारियों में नाराजगी है।

नये नियम से आशंका

- दो लाख से ज्यादा के आभूषण खरीद पर पैन कार्ड की अनिवार्यता से लोग महंगे आभूषण खरीदने से बचेंगे।

- अपने घरेलू बचत से खरीदारी करने वाली महिलाएं, जिनके पास पैन कार्ड नहीं है, वो भी बाजार से दूर हो जाएंगी।

- मध्यमवर्गीय परिवार के अलावा किसान भी दो लाख रुपये से ज्यादा की खरीदारी से किनारा कर लेंगे।

- इसका सीधा असर छोटे व्यापारियों पर पड़ेगा जबकि मल्टीनेशनल और बड़े व्यापारी लाभ में रहेंगे।

- बाजार में विश्वास का संकट होगा, काला कारोबार बढ़ेगा और कुल मिलाकर आम जनता सराफा बाजार से कटेगी।

सरकार का काला कानून है यह

विभिन्न बाजार में विरोध जुलूस निकालने के बाद सराफा कारोबारियों ने घंटाघर में जाम लगाया। हालांकि पुलिस के समझाने के बाद इन्होंने जाम समाप्त कर वहीं सभा की। सभा को संबोधित करते हुए सभी व्यापारियों ने नई पैन नीति को काला कानून बताया। राकेश वर्मा ने कहा कि यह कानून सराफा व्यापार और व्यापारियों के हित में नहीं है। महेश वर्मा ने कहा कि इसे काले कानून को किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा। इसका विरोध होता रहेगा। प्रदर्शन एवं सभा में मुख्य रूप से पुष्पदंत जैन, मदन वर्मा, अनूप सर्राफ, रामनाथ वर्मा, सोनू निगम, विश्वनाथ वर्मा, गिरजेश सर्राफ, राजू सिंह, अच्छेलाल, मनोज सर्राफ, गणेश वर्मा, सतीश बरनवाल, सुधीर जैन, बब्लू अग्रहरि, अनिल बरनवाल, पुरूषोत्तम सर्राफ, रत्‍‌नेश सर्राफ, अरूण सर्राफ सहित महानगर के सभी सराफ कारोबारी थे।

20 हजार की है रोजी-रोटी

सराफा मंडल पदाधिकारियों का कहना है कि गोरखपुर जिले में सराफा व्यापार से लगभग 20 हजार लोग जुड़े हुए हैं। अध्यक्ष शरद चंद्र अग्रहरि ने बताया कि 20 हजार लोगों में सोने-चांदी बेचने वालों के साथ बड़ी संख्या कारीगरों की भी है। शहर में सराफा की छोटी बड़ी करीब 800 दुकानें हैं जबकि ग्रामीण क्षेत्र में ऐसे दुकानों की संख्या करीब 5 हजार है। ये सभी बंदी में शामिल हुए हैं। जिससे एक दिन में 20 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ है।

पीक सीजन में बड़ा नुकसान

दुकान बंदी में शामिल व्यापारियों ने कहा कि मौजूदा समय सराफा बाजार का पीक सीजन है। फरवरी महीने में 13 दिन लगन है। ऐसे में इस समय मार्केट में बहुत अधिक भीड़ खरीदारी के लिए आ रही है। बुधवार को एक दिन की बंदी से व्यापारियों को भी बड़ा नुकसान पहुंचा है, इसके बावजूद काले कानून को देखते हुए व्यापारियों ने बंदी में शामिल होने का निर्णय लिया है।

ये सभी रहे बंदी में शामिल

एरिया दुकानें

घंटाघर: 200

अलीनगर: 100

कूड़ाघाट व रानीडिहा: 100

छाया कांप्लेक्स व राप्ती कांप्लेक्स: 100

रुस्तमपुर: 50

गोरखनाथ: 50

मेडिकल कालेज व पादरी बाजार: 50

गोलघर: 10

सरकार की नई नीति से सराफा बाजार में इंस्पेक्टर राज लागू कराना चाहती है। इस नीति से छोटे व्यापारियों को सबसे ज्यादा नुकसान होगा। क्योंकि इस नीति बाजार पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा।

-शरद चंद्र अग्रहरि, अध्यक्ष सर्राफा मंडल

सरकार ने यह नीति मध्यम वर्ग को ज्वेलरी खरीदने से रोकने के लिए बनाई है। गांवों में ऐसे बहुत लोग हैं जिनके पास पैनकार्ड नहीं है। इनके परिवार में यदि शादी पड़े तो वह खुल कर खरीदारी नहीं कर पाएंगे।

- सुधीर जैन, स्वर्ण व्यापारी

बाजार में आने पर बंदी की जानकारी हुई। नेक्स्ट वीक रिश्तेदारी में शादी है। अब दोबारा आना पड़ेगा। व्यापारियों ने बंदी की जो वजह बताई है वो भी चौंकाने वाली है। ये तो बहुत गलत नियम है।

- नीलम मौर्या, कस्टमर

सरकार की यह नीति किसी मध्यम वर्ग को निशाना बनाने के लिए है। सरकार के इस नीति से भ्रष्टाचार रुके या ना रुके लेकिन माध्यम वर्गीय परिवार ज्वेलरी बाजार से दूर तो हो ही जाएगा।

गायत्री, कस्टमर

Posted By: Inextlive