- संकेतों में संत सभा ने किया स्पष्ट, राम मंदिर और हिन्दुत्व का चेहरा होगा 'यूपी 2017'

- योगी आदित्यनाथ के लिए प्रदेश में माहौल बनने में जुट सकते हैं संत

GORAKHPUR: श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मन्दिर का निर्माण, धर्मान्तरण रोकने हेतु कड़ा कानून, समान नागरिक संहिता, गोहत्या पर पूर्ण प्रतिबन्ध जैसे मुद्दों को भाजपा ने भले ही ठंडे बस्ते में डाल दिया है लेकिन गोरखनाथ मंदिर में हुई संत सभा की बैठक में संतों ने दोबारा इन्हें मुद्दा बनाने के संकेत दिए हैं। सभी संतों ने एक स्वर में कहा कि राम मंदिर का निर्माण के लिए जगह और समय कोई सरकार नहीं बल्कि देश का संत समाज तय करेगा। सभी संतों ने एक स्वर में योगी आदित्यनाथ को हिन्दुत्व के मुद्दों को आगे बढ़ाने के लिए जिम्मेदारी सौंपी। इस मौके पर सांसद योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर के मुद्दे को अपने भाषण में प्रमुखता से जगह देते हुए साबित कर दिया कि वह भी इन मुद्दों के साथ ही मैदान में उतरेंगे। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पदाधिकारियों की उपस्थित ने भी योगी को मौन स्वीकृत दे दी। वहीं दिगम्बर अखाड़ा के महन्त सुरेशदास महाराज ने हिन्दू हित की बात करने वाले मुख्यमंत्री की बात करते हुए योगी आदित्यनाथ को सर्वोपरि बता दिया।

गूंजा राम मंदिर का मुद्दा

संत समाज भले ही गोरखनाथ मंदिर में पहले दिन की सामाजिक समरसता का मुद्दा छाया रहा, लेकिन सम्मेलन के दूसरे दिन अन्य मुद्दे पर भी चर्चा हुई। इसमें जहां राम मंदिर, लव जेहाद, घर वापसी जैसे मुद्दों को संतों ने मंच के माध्यम से सबके सामने रखा, वहीं योगी आदित्यनाथ ने भी इशारे-इशारे में कह दिया कि राम मंदिर की जगह कोई सरकार नहीं बल्कि देश का संत समाज करेगा। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व। राजीव गांधी ने एक बार कहा था कि राम मंदिर सरकार बनाएगी, लेकिन जो जगह होगी वह मंदिर से हटकर होगी। जिसे संत समाज ने अस्वीकार कर दिया था। अब भले ही कोई कहे कि मंदिर निर्माण के बारे में सोचा जाएगा, लेकिन जब भी मंदिर बनेगा, उसके लिए जगह और समय संत समाज तय करेगा।

सीएम के लिए योगी का नाम

भारतीय संत सभा के अध्यक्ष महामण्डलेश्वर स्वामी गोविन्द देव गिरी महाराज ने कहा कि संत सभा का कार्य उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री कौन हो यह घोषित करना नहीं है, किन्तु इसमें कोई संदेह नहीं कि श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए जो अपना सब-कुछ दांव पर लगा दे, जो हिन्दुत्व के लिए मुखर होकर बोलता हो उसके साथ संत सभा व देश के संत पीछे खड़े हैं। इस अवसर पर वहां उपस्थित संतों ने एक स्वर से हाथ उठवाकर संतों ने समर्थन भी दे दिया। दिगम्बर अखाड़ा के महन्त सुरेशदास महाराज ने कहा कि अयोध्या में जब तक श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य मन्दिर नहीं बन जाता तब तक हम चैन से नहीं बैठेंगे।

पूर्ण बहुमत से बने सीएम

संतों ने ये भी कहा कि न्यायालय के फैसले के बाद बावजूद भी सपा-बसपा की सरकार में श्रीराम जन्मभूमि पर मन्दिर बनना सम्भव नहीं। इसलिए 2017 में होने वाले विधानसभा के चुनाव में हमें एक सशक्त हिन्दू नेता को मुख्यमंत्री के रूप में प्रस्तुत कर चुनाव लड़ना होगा। पूर्ण बहुमत से मुख्यमंत्री बनने से अयोध्या में भव्य श्रीराम मन्दिर का निर्माण हो सकेगा। इसके लिए एक ही नाम सर्वोपरि है वह है गोरक्षपीठाधीश्वर महन्त योगी आदित्यनाथ का। स्वामी गोविन्द देव गिरी महाराज ने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि पर मन्दिर निर्माण के लिए संत संकल्प लेकर इस सभा से जा रहे हैं। मंदिर के लिए यह संत समाज एक अभियान शुरू करने जा रहा है।

Posted By: Inextlive