कूड़ा मुक्त होगा सहारा एस्टेट
-1054 आवासों में कूड़े से खाद बनाने की तैयारी
-शनिवार को शुरू हुआ सहारा एस्टेट में वैज्ञानिक तरीके से कूड़ा निस्तारण का कार्य द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र: सिटी की गंदी गलियों और जगह-जगह कूड़े के ढेर से दुखी सफाई पसंद लोगों के लिए अच्छी खबर है। नगर निगम की आस छोड़कर सहारा एस्टेट के लोगों ने सफाई को लेकर नई पहल की है। लोगों ने घरों से निकलने वालों कूडे़ से खाद बनाने का कार्य शुरू कर दिया है। शनिवार को सहारा एस्टेट रेजिडेंट्स वेलफेयर सोसाइटी ने आवासों से निकलने वाले कूडे़ का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण शुरू कर दिया। अब कूड़ों से महकेंगे गमलेकूड़ा से खाद बनाने के लिए सोसाइटी के सदस्यों ने नगर निगम और एक एनजीओ को भी साथ लिया है। एनजीओ ने शनिवार को कूड़ा अलग-अलग करने का कार्य शुरू कर दिया। नगर निगम की यह पहली ऐसी कॉलोनी होगी, जहां कूड़ा गंदगी फैलाने की जगह खाद बनकर खेतों और गमलों में महकेंगे। सोसाइटी के सदस्यों ने कूड़ा प्रबंधन के लिए सहारा एस्टेट के पंपिंग स्टेशन के पास खाली पड़ी जमीन पर यह कार्य शुरू हुआ। कार्यक्रम के शुभारंभ के समय ले। एलबी यादव, संध्या गुप्ता, डॉ। अरुण पांडेय, एके जायसवाल, पीके लाहिड़ी व एनजीओ अर्थकेयर से एसपी राय उपस्थित थे।
2003 में बनी थी कॉलोनी
शहर की सबसे पहली वीआईपी कॉलोनी सहारा एस्टेट का निर्माण 2003 में हुआ था। यह कॉलोनी पूरी तरह से आवासीय एरिया के मानकों पर बनाई गई थी। जब कॉलोनी बनी थी तो कूड़ा प्रबंधन को लेकर इतनी चर्चा नहीं हुई थी, इसलिए उस समय कूड़ा प्रबंधन के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किया गया। सोसाइटी के सचिव संजय प्रकाश दुबे ने बताया कि नगर निगम, एनजीओ अर्थ केयर और सोसाइटी के संयुक्त तत्वावधान में यह योजना शुरू की गई है। निकलता है 100 मीट्रिक कूड़ासंजय दुबे ने बताया कि सहारा एस्टेट में 1054 आवासों में अभी लगभग 750 परिवार रहते हैं। इससे निकलने वाला कूड़ा रामगढ़ताल के किनारे फेंका जाता था या पंपिग स्टेशन वाले रोड पर बिखरा रहता था। 2014 में जब पीएम ने देश में स्वच्छता अभियान चालू किया, तभी यह योजना बनाई गई थी। अब यह योजना साकार हुई है। सहारा एस्टेट कॉलोनी से डेली लगभग 100 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। अब यह शहर में गंदगी और प्रदूषण फैलाने की जगह शहर को महकाने के लिए कार्य करेगी। सोसाइटी के कोषाध्यक्ष डॉ। पीके पांडेय का कहना है कि सोसाइटी द्वारा पहले से ही मैंटिनेंस खर्च लिया जाता है। इसी खर्च में कूड़ा निस्तारण का कार्य होगा। कॉलोनीवासियों से कोई एक्स्ट्रा खर्च नहीं लिया जाएगा।