- यात्री मित्र की तरफ से बार-बार मेमो जारी करने के बाद भी प्लेटफॉर्म नंबर तीन पर पड़े अचेत व्यक्ति को आरपीएफ ने एडमिट कराने से किया इंकार

GORAKHPUR: यात्रियों को बेहतर सुरक्षा और सहायता का दावा करने वाली आरपीएफ किस तरह अपनी ड्यूटी करती है यह ट्यज्डे को देखने लायक था, जब इन्होंने अचेत व्यक्ति को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट कराने से सीधे मना कर दिया। यह हम नहीं बल्कि खुद यात्री मित्र में तैनात डिप्टी एसएस कॉमर्शियल कह रहे।

रेलवे डाक्टर के इलाज के बाद कर दिया रेफर

ट्यूज्डे की सुबह करीब 7.फ्0 बजे प्लेटफॉर्म नंबर तीन पर एक व्यक्ति अचेत अवस्था में पड़ा था। किसी ने यात्री मित्र को इसकी सूचना दी। मौके पर पहुंचे यात्री मित्र कर्मियों ने रेलवे डाक्टर अरविंद आर्या को बुलाकर इलाज कराया, लेकिन डॉक्टर ने हालत सीरियस बताते हुए उसे डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल रेफर करने की सलाह दी।

रिमाइंडर के बाद भी नहीं आई आरपीएफ

जब डिप्टी एसएस कॉमर्शियल की तरफ से पीडि़त व्यक्ति को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट कराने के लिए आरपीएफ को मेमो जारी किया गया, लेकिन मौके पर तैनात आरपीएफ कांस्टेबल बलवीर ने मना कर दिया। मेमो करीब 8.फ्0 बजे जारी की गई थी। डिप्टी एसएस कॉमर्शियल एके रस्तोगी ने बताया कि सुबह 9.फ्0 बजे तक आरपीएफ की तरफ से कोई नहीं आया। बार-बार रिमाइंडर दिया गया, लेकिन आरपीएफ ने लापरवाही की इंतहा ही कर दी। जबकि नियमानुसार, स्टेशन पर कोई भी यात्री घायल या फिर बीमारी के कंडीशन में है तो उसे रेलवे डॉक्टर से प्राथमिक उपचार के बाद डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल ले जाने की जिम्मेदारी आरपीएफ की है।

जीआरपी का लेना पड़ा सहारा

डिप्टी एसएस कॉमर्शियल ने बताया कि अंत में जीआरपी का सहारा लेना पड़ा। इसके लिए जीआरपी को क्0.क्0 बजे मेमो जारी किया गया। तब अवधेश व प्रेमनाथ कांस्टेबल पीडि़त को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल ले गए। हैरान करने वाली बात यह है कि सुबह 7.फ्0 से क्0.क्0 बजे तक ख् घंटे ब्0 मिनट तक स्टेशन पर वह पीडि़त व्यक्ति तड़पता रहा, लेकिन लापरवाह आरपीएफ के चलते रेलवे व्यवस्था सुरक्षा व सहायता व्यवस्था पर एक बार फिर प्रश्न चिन्ह लग गया।

Posted By: Inextlive