खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स की तैयारियां फाइनल स्टेज की ओर हैं. रामगढ़ताल में पहली बार रोइंग का नेशनल टूर्नामेंट होगा. यूपी की मेजबानी में हो रहे इन गेम्स में रोइंग सबसे एडवेंचरस गेम है जिसमें खिलाडिय़ों खुद को बेस्ट साबित करने के लिए जद्दोजहद करते नजर आएंगे. कियाकिंग का नाम तो लोग काफी दिनों से सुन रहे थे और ताल में उन्होंने इसकी लाइव भी देखा लेकिन अब बात रोइंग की हो रही है ऐसे में रोइंग क्या है? इसमें कैसे इवेंट होंगे कितने इवेंट होंगे और कितने खिलाड़ी पार्टिसिपेट करेंगे इसको लेकर लोगों के मन में कई सवाल हैं. दैनिक जागरण आईनेक्स्ट लोगों के इन्हीं सवालों का जवाब लेकर सबके बीच है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। ओलंपिक में रोइंग के लिए सात इवेंट होते हैं। जिसमें इंडिविजुअल के साथ ही ग्रुप और टीम इवेंट ऑर्गनाइज होता है। मगर गोरखपुर में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के तहत सिर्फ पांच इवेंट ऑर्गनाइज किए जाएंगे। आठ और लाइटवेट डबल स्कल्स इवेंट यहां पर ऑर्गनाइज नहीं होगा। वॉटर स्पोट्र्स एकेडमी, भोपाल से आए अर्जुन अवॉर्डी हेड कोच कैप्टन दलवीर सिंह राठौर ने बताया कि गोरखपुर में इवेंट के लिए पांच सेट बोट आई हैं, इसमें से चार सेट यूज की जाएंगी, जबकि एक सेट रिजर्व रहेगी, ताकि किसी टेक्निकल प्रॉब्लम के केस में रेस डिले न हो। उन्होंने बताया कि गोरखपुर में पांच इवेंट होंगे। इसमें सिंगल, पेयर, कॉक्सलेस फोर, कॉक्सलेस पेयर और क्वाड्रपल्स ऑर्गनाइज किया जाएगा। बोट की टेस्टिंग का क्या स्टेटस है?


रोइंग इवेंट को लेकर बोट्स तैयार हो चुकी हैं। इसको परखने के लिए सोमवार को डबल सीटर बोट का रामगढ़ताल में इवेंट के लिए बनी लेन में ट्रायल किया गया। वॉटर स्पोट्र्स कॉम्प्लेक्स एमपी से पहुंची टीम ने बोट की परख की। दो किमी पर बने ट्रैक पर बोट दौड़ाई गई और फिर कमी न मिलने पर ट्रायल खत्म हुआ। कैप्टन दलवीर ने बताया कि बोट्स एकदम नई हैं और यहां पर लाकर इसे पहली बार असेंबल किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उनकी तरफ से इवेंट के लिए बोट तैयार हैं। 25 और 26 मई को बोट्स को पानी में उतारकर ट्रायल किया जाएगा। इस दौरान एथलीट भी वहां पहुंच जाएंगे। 27 से इवेंट शुरू हो जाएगा। रोइंग क्या है?रोइंग एक खेल है, जिसमें एक बोट को उसके साथ जुड़े हुए स्वीप ओवर की मदद से आगे बढ़ाना होता है। यह अन्य डिसिप्लीन से अलग होता है क्योंकि इसमें बोट को चलाने वाले एथलीट की पीठ बोट की चाल की दिशा में होती है और वे फिनिश लाइन पीछे की ओर से पार करते हैं। ओलंपिक की बात की जाए तो एथलीट्स इंडिविजुअल इवेंट के अलावा दो, चार या आठ की टीम में हिस्सा लेते हैं।रोइंग कितना पुराना गेम है, इसकी शुरुआत कहां से हुई? ओलंपिक की वेबसाइट पर नजर डालें तो रोइंग का इस्तेमाल सबसे पहले इजिप्ट, ग्रीस और रोम में ट्रांसपोर्ट के लिए किया जाता था, लेकिन स्पोट्र्स इवेंट के तौर पर इसकी शुरुआत इंग्लैंड में 18वीं शताब्दी के शुरू में हुई। यूनाइटेड किंगडम में ऑक्सफोर्ड-कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी बोट रेस का आयोजन हुआ, जिसका इनॉगरेशन 1828 में हुआ था। 19वीं शताब्दी तक, रोइंग ने यूरोप में फेमस हो गया और यह अमेरिका तक पहुंच गया।

क्या हैं रोइंग के रूल्स?- रोअर यानी कि बोट को चलाने वाले एथलीट इंडिविजुअली या फिर 2, 4 या 8 की टीमों में 2,000 मीटर की कॉम्प्टीशन करते हैं।- डबल स्कल्स एथलीट हर हाथ में एक स्वीप ओअर रखते हैं जबकि स्वीप रोइंग एथलीट दोनों हाथों से एक स्वीप ओअर को पकड़ते हैं।- आठ मेंबर्स की टीम में एक कॉक्सवेन (बोट कंट्रोलर) होता है, जो बोट चलाता है और टीम को डायरेक्शन देता है। बोट को एक छोटे स्वीप ओअर का इस्तेमाल कर चलाया जाता है जो एक केबल के जरिए रोअर्स में से किसी एक के पैर से जुड़ी होती है।- हर 10 से 12.5 मीटर की दूरी पर पानी की गहराई से एक खास तरह की चीज बांधी जाती है, जिससे रास्तों को प्वाइंट आउट किया जाता है। कोर्स में कम से कम तीन मीटर की गहराई होनी चाहिए।- गलत स्टार्टिंग करने वाली टीम को पहले चेतावनी दी जाती है, और अगर एक ही रेस में दो बार गलत शुरुआत करने वाले एथलीट या टीम को अयोग्य करार दिया जाता है।

- एक बोट का अंतिम समय इस बात से निर्धारित होता है कि उसका अगला भाग फिनिश लाइन को कब पार करता है। करीबी मामलों में हर बोट के अगले पार्ट के पार करने के क्रम को निर्धारित करने के लिए एक फोटो फिनिश का इस्तेमाल किया जाता है।रोइंग के कौन से दो प्रकार होते हैं?रेस को स्कलिंग और स्वीप ओअर (पतवार) में बांटा गया है। स्कलिंग इवेंट्स में दो स्वीप ओअर्स का इस्तेमाल होता है, जबकि स्वीप में बोट को चलाने वाला एक स्वीप ओअर का यूज करता है। आठ व्यक्तियों की टीम में एक कॉक्सवेन (बोट कंट्रोलर) होता है, जो बोट को चलाता है और चालक दल को निर्देशित करता है, लेकिन अन्य सभी बोटों में, एक रोअर (बोट चलाने वाला) एक फुट पेडल के साथ एक छोटे स्वीप ओअर को नियंत्रित करके बोट को चलाता है।ओलंपिक में होने वाले इवेंट -58 एथलीट (हर जेंडर के लिए 29): सिंगल स्कल्स52 एथलीट (हर जेंडर के लिए 26): पेयर (जोड़ी)52 एथलीट (हर जेंडर के लिए 26): डबल स्कल्स72 एथलीट (हर जेंडर के लिए 36): कॉक्सलेस फोर72 एथलीट (हर जेंडर के लिए 36): क्वाड्रपल स्कल्स126 एथलीट (हर जेंडर के लिए 63): आठ64 एथलीट (हर जेंडर के लिए 32): लाइटवेट डबल स्कल्स

Posted By: Inextlive