एक्सप्रेस-वे पर बढ़ती मार्ग दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए रोडवेज प्रशासन ने बसों में स्लीप अलर्ट डिवाइस लगाने की स्कीम तैयार की है. प्रथम चरण में गोरखपुर रीजन से लखनऊ आगरा बरेली और दिल्ली रूट पर रात के समय चलने वाली लंबी दूरी की 100 बसों में स्लीप अलर्ट डिवाइस लगाई जाएगी. गोरखपुर में डिवाइस लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. अलर्ट डिवाइस ड्राइवर को ही नहीं कंडक्टर्स को भी जगाती रहेगी. - गोरखपुर रीजन की 100 बसों में लगेंगे इलेक्ट्रिक उपकरण - बसों में लगेगी स्लीप अलार्म डिवाइस रोडवेज प्रशासन सख्त

कैमरा करेगा रीड
आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस एआइ तकनीक पर आधारित स्लीप अलर्ट डिवाइस ड्राइवर सीट के ठीक सामने लगाई जाएगी। डिवाइस में सीसी कैमरे लगे होंगे। जो ड्राइवर के शरीर, चेहरे और आंखों की गतिविधियों को रीड करेगा।

आएगी बीप की आवाज
ड्राइवर को झपकी आते ही, स्लीप अलर्ट डिवाइस से बीप की आवाज आने लगेगी। बीप की आवाज पर भी अगर ड्राइवर की नींद नहीं टूटी तो डिवाइस से सायरन बजने लगेगा। जिसकी आवाज कंडक्टर और पैसेंजर्स तक पहुंचेगी। सायरन बजते ही ड्राइवर जाग जाएगा। इसके बाद भी ड्राइवर नहीं जाग तो कंडक्टर और यात्री ड्राइवर को जगा देंगे।

भोर में आती नींद
जानकारों का कहना है कि एक्सप्रेस हाईवे पर अक्सर रात में खाना खाने के बाद या भोर में दो से सुबह 6 बजे के बीच ड्राइवर्स को नींद आने की संभावना बढ़ जाती है। ड्राइवर झपकी लेने लगते हैं। ड्राइवर बस चलाते समय सो जाते हैं, न कंडक्टर जान पता है और न पैसेंजर कुछ समय पाते हैं। दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है।

230 बसों में पैनिक बटन
रोडवेज का 230 बसों में पैनिक बजट लग गई है। नई बसों में पैनिक बटन लगकर ही आ रही है। पैनिक बटन सीधे हेल्पलाइन नंबर 112 से जुड़ी है। पैसेंजर किसी भी कठी परिस्थिति में बटन दबा सकते हैं। बटन दबते ही कंट्रोल रूम होते हुए सीधे पुलिस तक सूचना पहुंच जाएगी। मौके पर सुरक्षा बल पहुंच जाएंगे। इस व्यवस्था के संचालन के लिए क्षेत्रीय कार्यालय में कंट्रोल रूम बना दिया गया है।
गोरखपुर रीजन की 230 बसों में पैनिक बटन लग गई है। जल्द ही पैनिक बटन हेल्पलाइन नंबर 112 से जोड़ दी जाएंगी। आने वाले दिनों में रीजन की करीब 603 बसों में यह व्यवस्था शुरू कर दी जाएगी।

बसों की लोकेशन
पैसेजर अब अपने मोबाइल फोन के माध्यम से भी बसों की लोकेशन देख सकते हैं। इसके लिए उन्हें पूछताछ सेंटर पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह सुविधा देने के लिए रोडवेज प्रशासन ने ट्रैक योर बस नाम से मोबाइल एप लॉच किया है।

मिलेगी सटीक जानकारी
रोडवेज बसों के लाइव लोकेशन लेने के लिए भी जीपीएस आधारित व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम वीटीएस लगाए जा रहे हैं। यह सिस्टम लग जाने से ड्राइवर्स और कंडक्टर्स की मनमानी नहीं चलेगी। निर्धारित समय और रूट पर ही संचालित होगी। रोडवेज की बस कहां चल रही है, ऑफिस में बैठे अफसर लाइव देखते रहेंगे। ड्राइवर और कंडक्टर बस से संबंधित कोई बहाना नहीं बना सकेंगे।

लखनऊ-दिल्ली रूट पर चलने वाली 100 बसों में स्लीप अलर्ट डिवाइस लगेगी। 230 बसों में पैनिक बटन लगा है। व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम भी लग रहे हैंं। इससे दुर्घटनाओं पर अंकुश लगने के साथ पैसेंजर्स की सुरक्षा बढ़ेगी।
लव कुमार सिंह, आरएम गोरखपुर

Posted By: Inextlive