रेलवे बस स्टेशन और कचहरी बस स्टेशन के पास से हो रही डग्गामारी के मामले में रोडवेज और आरटीओ अमला आमने-सामने है. संयुक्त चेकिंग नहीं करने की चिट्ठी से मामला गरमाया है.


गोरखपुर (ब्यूरो)।इससे पूर्व दी गई सूचना के मुताबिक 74 डग्गमार वाहन भी आरटीओ अमले को नहीं मिले। मतलब एआरएम की ओर से की जा रही चिट्ठी-पत्री सब बेकार है। डग्गामार वाहनों के चलने से रोडवेज के राजस्व पर चूना लग रहा है। आलम यह है कि रेलवे बस स्टेशन से प्राइवेट बस और कार वाले जबरिया सवारी बैठा रहे हैं। आईनेक्स्ट को दिखे डग्गामार वाहन, पर आरटीओ को नहीं मिले


दैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम ने सोमवार को रेलवे स्टेशन रोड, रेलवे बस स्टेशन और यूनिवर्सिटी चौराहे के पास प्राइवेट वाहनों की पड़ताल की। इस दौरान रोडवेज की ओर से दी गईं लिस्ट में कई प्राइवेट बसें नजर आई, जो आए दिन बस स्टेशन से सवारी बैठाने में लगे रहते हैं। वहीं, रोडवेज प्रशासन डग्गामार वाहनों पर कार्रवाई के लिए बार-बार आरटीओ को पत्र लिख रहा है, लेकिन इसके बाद भी आरटीओ उन पर कार्रवाई करने से कतरा रहा है।

हर माह लाखों की चपत

बस स्टेशन परिसर के बाहर प्राइवेट बसों के खड़े होने और पैसेंजर उठाने के कारण रोडवेज को हर महीने लाखों रुपए की चपत लग रही है। सरकारी आदेशानुसार रोडवेज बस स्टेशन से 500 मीटर से लेकर दो किलोमीटर की दूरी तक कोई भी प्राइवेट बस स्टेशन नहीं होगा और न ही इस दूरी पर प्राइवेट बसों का संचालन होगा। इसके बाद भी रोडवेज परिसर के बाहर से डग्गामार वाहन धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं। रोडवेज स्टाफ ने पकड़े आधा दर्जन वाहन बस स्टेशन परिसर के बाहर आधा दर्जन से अधिक प्राइवेट बसें पैसेंजर्स को बैठाती नजर आईं। इसके बाद उन्होंने बसों को रोक लिया। बस में सवार सभी पैसेंजर्स को नीचे उतारकर रोडवेज की बसों में बैठाया। इसके बाद आरटीओ को उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा। रोडवेज बस स्टेशन से प्राइवेट वाहनों का संचालन हो रहा है। आरएम के निर्देश पर कई गाडिय़ां पकड़ी गई र्हं। कार्रवाई के लिए आरटीओ का सूचित कर दिया गया है। महेश चंद्र, एआरएम गोरखपुर डिपो

Posted By: Inextlive