बड़े रोड़े हैं इस राह में
-डॉ। भीमराव अंबेडकर से फिराक गोरखपुरी होते हुए रूस्तमपुर चौराहे तक गड़्ढ़े दे रहे दर्द
-कमिश्नर व डीएम के निर्देश भी फेल GORAKHPUR: निर्माण कार्यो को निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत पूर्ण करने के साथ ही उसकी गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें। खराब प्रगति के कारण मोतीचक केएमवाईसी तथा आवास विकास के अभियंता का वेतन रोक दिया जाएं। जयंत नार्लिकर, कमिश्नर 15 फरवरी को आयुक्त सभागार में हुई मंडलीय समीक्षा बैठक में निर्देश ------------- सड़क निर्माण कार्य निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत पूर्ण करते हुए कार्य की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखें। यदि कार्य मानक के विपरीत पाया गया तो संबंधित कार्यदायी एजेंसी/ठेकेदार के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी। संबंधित से व्यय धनराशि की रिकवरी की जाएगी। गोरखपुर-वाराणसी मार्ग की निर्माण प्रगति धीमी है। यदि कार्य में तेजी नहीं लाई गयी तो संबंधित अधिकारी कार्यवाही से वंचित नही रहेंगे। जयंत नार्लिकर, कमिश्नर 11 फरवरी को हुई समीक्षा बैठकयह सारे डॉयलॉग आपको कमिश्नर से लेकर डीएम की हर समीक्षा बैठक में सुनाई देगी। लेकिन एक महीने बाद भी सड़क पर रोड़े ही नजर आएंगे। अब डॉ। भीमराव अंबेडकर चौराहे से लेकर फिराक गोरखपुरी चौराहा होते हुए रूस्तमपुर ढाले तक की सड़क को ही देख लीजिए। गड्ढ़े इनके आदेशों की हकीकत को बयां कर देंगे।
बच्चों को होती है खासी परेशानी
रूस्तमपुर ढाले से लेकर फिराक गोरखपुरी चौराहे होते हुए सिविल लाइंस स्थित पिलर्स, एचपी चिल्ड्रेन एकेडमी, स्प्रिंगर लोरेटो गर्ल्स स्कूल, आरपीएम, अमर सिंह व एमपी गर्ल्स इंटर कॉलेज में हजारों बच्चे पढ़ने आते हैं। इसके अलावा इस राह में दीवानी कचहरी समेत एडीजी आवास और डिस्कि्ट्र जज का भी आवास पड़ता है। लेकिन इस राह में करीब 50 से ज्यादा गढ्ड़े हैं। इससे खासा परेशानी होती है। ये सड़क हैं खराब - सिटी मॉल के सामने से गुजरने वाली सड़क (कार्मल रोड) - बक्शीपुर से चौरहिया गोला तक - एमपी गर्ल्स इंटर कॉलेज रोड से सिटी मॉल तक फैक्ट फीगर - इस राह से डेली करीब 70 हजार से ऊपर व्हीकल का आना जाना लगा रहता है। - सिविल लाइंस एरिया में आने वाले स्कूलों की संख्या - 7 कोट्स डेली बच्चों को स्कूल छोड़ने जाना पड़ता है, लेकिन फिराक गोरखपुरी से लेकर डॉ। अंबेडकर चौराहे के बीच इतने गड्ढ़े हैं कि पूछिए मत। इतना बुरा हाल है सीएम सिटी का। प्रोफेशनल,प्रशासनिक अधिकारी तमाम बैठक करते हैं। मातहतों को निर्देश भी देते हैं, लेकिन पीडब्लूडी और नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी कभी सड़कों के गडढ़ों पर नजर नहीं दौड़ाते हैं। कई बार तो शिकायत भी की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं है।
प्रोफेशनल पिछले छह महीने से रूस्तमपुर ढाले से हरिहर प्रसाद दुबे मार्ग होते हुए फिराक गोरखपुरी चौराहे तक सडक का बुरा हाल है। लेकिन जिम्मेदारों को यह गडढ़े नजर नहीं आते हैं। बाइक चलाना तक दूभर हो गया। बिजनेसमैन कई बार आफिस जाने में दिक्कत होती है। इसलिए रास्ता बदलकर जाते हैं। जब सड़क मरम्मत हो जाएगी। तभी फिराक गोरखपुरी से अंबेडकर चौराहे वाले रोड पर जाएंगे। बिजनसमैन वर्जन मई-जून तक सड़कों को ठीक करा लिए जाएगा। इसके लिए हम लोगों ने काम भी शुरू करा दिया है। जल्द सब ठीक होगा। जयंत नार्लिकर, कमिश्नर गोरखपुर मंडल