मातारानी के जयकारे से गूंजे मंदिर और घर
- घट स्थापना के साथ ही चैत्र नवरात्रि का भक्तिपूर्ण शुरुआत
- पहले दिन भक्तों ने किया मां शैलपुत्री के स्वरूप का दिया दर्शन - नव संवत्सर पर हुए आयोजन पर चला बधाइयों का दौरGORAKHPUR: घट स्थापना के साथ ही चैत्र नवरात्रि का शुक्रवार से शुभारंभ हो गया। पहले दिन मंदिरों और घरों में श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा अर्चना की। शहर के प्रतिष्ठित देवी मंदिरों व सिद्ध पीठों में विशेष अनुष्ठान की शुरुआत की गई। गोलघर काली मंदिर और दाउदपुर स्थित काली मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ लगनी शुरू हो गई। वहीं बुढि़या माई मंदिर, तलकुलहा और बांसगांव के दुर्गा मंदिरों में भी श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। दोपहर तक लोगों ने पूजा अर्चना की और शाम छह बजे के बाद आरती की गई। नवरात्रि के पहले दिन शहर में कई जगह जागरण का भी आयोजन किया गया। वहीं हिंदू नववर्ष का शुभारंभ होने पर लोगों ने एक दूसरे को बधाई दी।
कलश स्थापना से शुरू हुआ उपवासशुक्रवार की सुबह पौने छह बजे से लेकर दोपहर 2.26 बजे तक कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त था। कलश स्थापना के बाद नौ दिन का उपवास शुरू हो गया। वहीं कई घरों में केवल दुर्गा पाठ के लिए कलश स्थापना की गई। इस दौरान सुबह कई घरों में पंडितों को बुलाकर दुर्गा सप्तशती पाठ का आयोजन किया गया।
मंदिरों में पूजा, मोहल्लों में जागरण नवरात्रि के पहले दिन मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जमा रही। लोगों ने मां दुर्गा के पहले स्वरूप की पूजा की। वहीं शाम को मंदिरों में आरती हुई और मोहल्लों में जागरण का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर रुस्तमपुर के भरवलिया स्थित शिव मंदिर प्रांगण में नौ दिवसीय संगीतमयी श्रीराम कथा व रामचरित मानस पाठ का शुभारंभ किया गया।