'उजाले' की आड़ में हो रहा पैसों का जुगाड़
- शहर में हो रहा स्ट्रीट लाइट्स लगाने में गोलमाल
- नगर निगम खरीद रहा 4500 का सेट, जबकि ठेकेदार लगा रहे 4000 में - मुख्य लेखा परीक्षक ने नगर आयुक्त को लिखा पत्र GORAKHPUR: अपनी कारगुजारियों के लिए मशहूर नगर निगम ने एक नया कारनामा कर दिखाया है। इस बार मामला स्ट्रीट लाइट्स के भुगतान से जुड़ा है। पिछले तीन माह से शहर में लग रहे स्ट्रीट लाइट सेट के भुगतान में अनियमितता देखी जा रही है। नगर निगम एक सेट के लिए पथ प्रकाश कंपनी को जितने पैसे दे रहा है वहीं ठेकेदार वही सेट कम कीमत देकर ले रहे हैं। मुख्य लेखा परीक्षक ने नगर आयुक्त और पथ प्रकाश प्रभारी को इस संबंध में पत्र लिखकर संभावित धांधली की शिकायत की है। क्या लिखा है पत्र मेंमुख्य लेखा परीक्षक ने अपने पत्र में लिखा है कि स्ट्रीट लाइट्स के रेट में बहुत कंफ्यूजन है। एक सेट के लिए कंपनी को नगर निगम 4500 रुपए का भुगतान कर रही है, जबकि ठेकेदार वही सेट 4000 रुपए में लेकर मौके पर लगा रहे हैं। उन्होंने ये भी लिखा है कि आखिर किस परिस्थिति में कंपनी से सामान लिया गया है इसकी भी जांच कराई जानी चाहिए। पथ प्रकाश विभाग के एक कर्मचारी का कहना है कि इस खेल में भाजपा के पार्षद पति का खेल चल रहा है। कंपनी एक सेट के लिए नगर निगम से 4500 रुपए का भुगतान ले रही है, जबकि ठेकेदार 4000 हजार रुपए में भी उस सामान को मौके पर ही लेकर जाकर लगा दे रहा है।
फाइलों में अनियमितता को लेकर जांच की जाती है और गड़बड़ी मिलने पर फाइल रोककर पत्र भी लिखा जाता है। इस बार नगर आयुक्त को पत्र लिखकर जांच की मांग की गई है। कंपनी के एक ही सामान के दो रेट पर आपत्ति है। इसरार अंबिया अंसारी, मुख्य लेखा परीक्षक