मेले में न हो जाए झमेला
-पीडब्ल्यूडी इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट की जांच में फेल हो गए मेले में लगे झूले
- डीएम, एसएसपी के साथ ही जिम्मेदारों को सौंपी गई है रिपोर्ट -हर साल मेले में लगते हैं कई झूले, इसमें लाखों की संख्या में आते हैं श्रद्धालुGORAKHPUR: गोरखनाथ मंदिर के मेले में लगे झूले सेफ नहीं हैं, यह कभी भी किसी बड़े हादसे को दावत दे सकते हैं। यह खुलासा पीडब्ल्यूडी के इलेक्ट्रिकल इंजीनियिरिंग की ओर से की गई झूलों की चेकिंग में हुआ है। पीडब्ल्यूडी इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के सहायक अभियंता और अवर अभियंता ने मंदिर में लगे झूलों के निरीक्षण के बाद इसमें काफी कमियां पाई हैं। इसके बाद उन्होंने इसको लोगों के लिए सिक्योर न मानते हुए जिम्मेदारों को तत्काल ठीक कराकर सूचित करने का आदेश दिया है। उन्होंने साफ किया है कि अगर मालिक ऐसा नहीं करते हैं और कोई हादसा होता है तो इसकी सारी जिम्मेदारी झूला मालिक की ही होगी।
निर्देश के बाद भी दुरुस्त नहींमेला लगने से पहले ही मंदिर कैंपस में दुकानें और झूले सज चुके थे। इस दौरान एसपी सिटी हेमराज मीणा के निर्देश पर पीडब्ल्यूडी इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट की टीम ने सुरक्षा व्यवस्था की जांच के लिए 4 जनवरी को इंस्पेक्शन किया। इस दौरान कई झूलों में यांत्रिक कमियां पाई गई, जिसे टीम ने दुरुस्त कराने के लिए झूला संचालकों को निर्देशित किया। इसके बाद टीम वापस लौट गई। मेला शुरू होने से ठीक पहले 12 जनवरी को टीम ने फिर इंस्पेक्शन किया, लेकिन इस बार भी टीम को वहीं खामियां मिलीं और निर्देशों के बाद भी झूला मालिकों ने कोई सुधार नहीं किया।
जिम्मेदारों को भेजा है लेटर झूला मालिकों के मनमाने रवैये से परेशान अधिशासी अभियंता ईई, पीडब्ल्यूडी ने एसपी सिटी, डीएम, एसएसपी और एडीएम सिटी को भी इस मामले में सूचना दे दी है। उन्होंने लेटर में साफ किया है कि दो बार निरीक्षण में कमियां पाए जाने और उसे दुरुस्त कराने का निर्देश मिलने के बाद भी झूला संचालकों ने खामियां दुरुस्त नहीं कराई। उन्होंने लेटर में यह भी लिखा है कि फ्यूचर में अगर कोई घटना होती है तो उसके लिए झूला मालिक पूरी तरह से जिम्मेदार होंगे। यहां िमली कमियां - ड्रेगन के फाउंडेशन - ट्रेन के फाडेंशन - ब्रेक डांस झूले के फाउंडेशन - ज्वाइंट व्हील झूले के डोली में सिक्योरिटी हैंडिल - मौत के कुएं में फ्लोर रैलिंग में क्लैंि1पंग नहीं यह दिए निर्देश -ड्रैगन, ट्रेन और ब्रेक डांस का फाउंडेशन ठीक कराएं -ज्वाइंट व्हील झूले के डोली में सिक्योरिटी हैंडिल लगाएं-मौत के कुएं में फ्लोर रैलिंग में क्लैंपिंग करें
-रोजाना ऑयलिंग, ग्रीसिंग करें -छोटे-बड़े नट, वायरिंग, लिंक और मेन शाफ्ट की जांच के बाद ही झूलों को चलाएं -कैपासिटी से ज्यादा लोगों को न बिठाएं -झूलों को ट्रेंड स्टाफ की देख-रेख में ही चलाएं