शहर से लेकर गांव तक फैले प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंचे मरीजों पर एम्स रिसर्च करेगा. एम्स की टीम बीमारी के कारणों का पता लगाने के साथ ही इलाज के तरीके भी बताएगी.


गोरखपुर (ब्यूरो)।इसके साथ ही एम्स जिला अस्पताल से लेकर पीएचसी तक के डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ को ट्रेनिंग भी देगा। एक समझौते पर सिग्नेचर किएइसको लेकर बुधवार को लखनऊ में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के मध्य एक समझौते पर सिग्नेचर किया गया। इस समझौते का उद्देश्य यूपी में जनस्वास्थ्य शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान में सहयोग करना है। एम्स की कार्यकारी निदेशक डॉ। सुरेखा किशोर और प्रदेश सरकार के सचिव रविंद्र ने इस समझौते पर सिग्नेचर किया। इस अवसर पर निदेशक संचारी रोग डॉ। एके सिंह, डॉ। आनंद मोहन दीक्षित, जॉन हॉपकिंग विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ। ब्रायन वाल और वरिष्ठ अनुसंधान अधिकारी डॉ। रघुकुल पांडेय मौजूद रहे। सीएम ने दिखाई थी राह
एम्स के मीडिया प्रभारी पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने जनस्वास्थ्य के क्षेत्र में अनुंसधान के महत्व और आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने एम्स के सार्थक योगदान की अपेक्षा व्यक्त की थी। इसके बाद एम्स और जॉन्स हॉपकिंग ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ (बीएसपीएच) ने कार्यक्रम विकसित किया। इसका नाम रखा सेवार्थ। इसका उद््देश्य रिसर्च और ट्रेनिंग के माध्यम से जनस्वास्थ्य चुनौतियों की पहचान व समाधान करना है। जनपद में सेवार्थ कार्यक्रम बिल और मेलिंडा गेट््स फाउंडेशन (बीएमजीएफ) के सहयोग से संचालित किया जा रहा है।

Posted By: Inextlive