भारत आज जी20 की अध्यक्षता कर रहा लेकिन भारत का विजन जी200 के लिए होना चाहिए. भारत को कम विकसित और विकासशील देशों का भी आवाज बनना होगा.


गोरखपुर (ब्यूरो)।यही पीएम नरेंद्र मोदी का भी संदेश है। अमेरिका, चीन और रूस के साथ-साथ भारत के हित ही आने वाले 75 साल में वैश्विक राजनीति को परिभाषित करेंगे। यह बातें भूराजनीति के प्रख्यात विद्वान प्रो। माधव दास नलपत ने डीडीयूू गोरखपुर यूनिवर्सिटी के पॉलिटिकल साइंस डिपार्टमेंट की ओर से संचालित आठवें रिफ्र शर कोर्स 'भारत की विदेश नीति के बदलते आयामÓ के समापन सत्र में कहीं। गोरखपुर भी बन सकता है टेक हब


एक राष्ट्र की यात्रा: भारत की विदेश नीति के 75 साल किताब के लेखक और मनिपाल यूनिवर्सिटी में भूराजनीति के प्रो। एमडी नलपत ने कहा कि अब छोटे शहरों को विकसित करने का समय है। मनिपाल की तरह गोरखपुर भी टेक हब बन सकता है। कार्यक्रम के चीफ गेस्ट सेंट्रल यूनिवर्सिटी साउथ बिहार, गया के वीसी प्रो। केएन सिंह ने कहा कि भारत अपने भौगोलिक स्थिति से हमेशा दुनिया के लिए महत्वपूर्ण रहेगा। हिंदुस्तान महासागर के शीश पर भारत अंगूठी में एक नगीने जैसा है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करें

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वीसी प्रो। राजेश सिंह ने कहा कि देश की शिक्षा एवं अर्थव्यवस्था जियो-पॉलिटिक्स को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं। हमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के क्षेत्र में और कार्य करने की जरूरत है। गेस्ट्स का वेलकम यूजीसी एचआरडी सेंटर के डायरेक्टर प्रो। रजनीकांत पांडेय ने किया। कोर्स के कोऑर्डिनेटर और डिपार्टमेंट के एचओडी प्रो। रूसिराम महानंदा ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। डॉ। धीरेंद्र कुमार सिंह और डॉ। शिव प्रकाश राय ने कोर्स के बारे में अपने विचार प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का संचालन डॉ। महेंद्र कुमार सिंह और धन्यवाद ज्ञापन डॉ। अमित उपाध्याय ने किया। इस दौरान प्रो। गोपाल प्रसाद सहित डिपार्टमेंट के सभी टीचर्स मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive