रियल इस्टेट को मजबूत कर मिलेगी अर्थव्यवस्था को रफ्तार
- बिल्डर को आसानी से मिलने चाहिए लोन, सर्विस टैक्स में भी मिले छूट
- रियल स्टेट कारोबारियों ने रखा अपना पक्षGORAKHPUR: आम बजट पर देश की निगाहें हैं। मगर अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहे रियल स्टेट सेक्टर भी इससे काफी अपेक्षाएं लगाए बैठा है। रियल स्टेट कारोबारी भी आम आदमी के लिए ही सोचने में लगे हुए हैं, ऐसा तभी होगा, जब उन्हें बजट में कुछ रियायत और राहत मिले। इस सेक्टर से जुड़े लोगों की मानें तो उनकी सबसे बड़ी समस्या आसानी से लोन न मिलना है। उन्हें बड़े प्लॉट्स खरीदने के लिए लोन की जरूरत होती है, लेकिन कृषि योग्य भूमि को बचाने और हर व्यक्ति को आसानी से घर उपलब्ध कराने के लिए सरकार को सर्विस टैक्स में छूट देनी चाहिए। साथ ही होम लोन के ऋण में भी छूट देनी चाहिए। कंस्ट्रक्शन क्षेत्र को मजबूत करके ही अर्थव्यवस्था को तेज रफ्तार दी जा सकती है।
रियल स्टेट के लिए फायनेंस की राह आसान होनी चाहिए। आरबीआई के नॉर्म्स इतने कड़े है कि बिल्डर्स को लोन नहीं मिलता। ब्याजदर भी काफी अधिक है। रियल स्टेट पर सर्विस टैक्स कम करना चाहिए। वित्तमंत्री को खेतों को बचाने के लिए वर्टिकल आवासों को प्रमोट करना चाहिए। होम लोन की ब्याज दर को भी कम करना चाहिए।
अतुल सराफ, निदेशक, पॉम पैराडाइज रियल स्टेट को कुछ देकर सरकार होम लोन को सस्ता कर दें। 25 लाख तक अगर टैक्स छह परसेंट हो जाए, तो इसका सीधा फायदा पब्लिक को होगा ही रियल स्टेट के भी अच्छे दिन आ जाते। बैंकों के लिए होमलोन सबसे सेफ और फायदेमंद होता है। इसकी ब्याज दर कम होने से रियल स्टेट से जुड़े करीब दर्जन भर कारोबारों को भी इसका फायदा मिलता। शोभित अग्रवाल, बिल्डर होम लोन सस्ता करके ही 2022 तक केंद्र सरकार सबको घर उपलब्ध करा पाने के सपने को साकार कर पाएगी। रोटी, कपड़ा और मकान तीन बुनियादी जरूरतों में सबको रोटी उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने कई योजनाएं चला रखी हैं। कपड़े की इंडस्ट्री लगाने में भी कई तरह की सब्सिडी मिलती है। अब सबको घर उपलब्ध कराने पर वित्तमंत्री को ध्यान देना चाहिए। संजय जायसवाल, बिल्डरऐसे इलाके जहां लोगों को घरों की आवश्यकताएं है। रेसिडेंशियल अपार्टमेंटों के रॉ मैटेरियल में भी टैक्स की छूट होनी चाहिए। जिससे लोगों को सस्ता घर मिल सके। सर्विस टैक्स 10 परसेंट के नीचे करना चाहिए। मकान एक बुनियादी जरूरत है ऐसे रेसिडेंशियल अपार्टमेंट्स को करों से मुक्त करना चाहिए।
मनोज पाठक, बिल्डर