मौलाखोर में दुर्लभ प्रजाति का कछुआ मिला
- वन विभाग ने दिखाई उदासीनता, डीएफओ ने कहा- तालाब में छोड़ दें
BHATHAT: भटहट ब्लॉक के मौलाखोर गांव में मनरेगा से चकरोड भराई के दौरान एक दुर्लभ कछुआ मिला। कछुआ काफी आक्रामक है। ग्रामीणों के अनुसार ऐसा कछुआ इधर नहीं मिलता। ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचना दी लेकिन विभाग ने कोई रूचि नहीं दिखाई। डीएफओ ने कहा कि उनके पास कोई एक्सपर्ट नहीं है। कछुआ को किसी तालाब में बहा दीजिए। तीन दिन से है कछुआबुधवार को मजदूर चकरोड भराई का काम कर रहे थे। एक मजदूर के कुदाल के नीचे से कुछ आवाज आई तो उसने धीरे से मिट्टी हटानी शुरू की। देखा कि नीचे कछुआ दबा था। इसकी सूचना ग्रामप्रधान गजेन्द्र चौरसिया और रोजगार सेवक जयेश कुमार साहनी को दी। प्रधान ने इसकी सूचना भटहट ब्लाक के अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी सुधांशु शाहू को दी। सुधांशु शाह ने वन विभाग को इसकी सूचना दी। कोई कर्मचारी मौलाखोर गांव नहीं पहुंचा। प्रधान कछुए को संभालकर किसी के आने का इंतजार कर रहे हैं।
कुछ अलग है कछुआआमतौर पर देखा गया है कि कछुए शांत स्वभाव के होते हैं मगर यह कछुआ कुछ अलग है। ज्यादा उम्र का लग रहा कछुआ तेज और आक्रामक है। रोजगार सेवक जयेश कुमार बताते हैं कि कछुआ काटने के लिए दौड़ा ले रहा है। लकड़ी के छोटे टुकड़ों को काट दे रहा है। कछुए के कवच पर सुनहरे रंग में खूबसूरत आकृति बनी हुई है।
हमारे पास कोई एक्सपर्ट नहीं है जो कछुए की पहचान कर सके। इसलिए बोल दिया गया कि किसी भी तालाब में उसे छोड़ दें। - जनार्दन शर्मा, डीएफ ओ, वन विभाग