- राप्तीनगर के हरिद्वारपुरम निवासी राघवेन्द्र व सविता का सारा संसार है बेटी श्रेया

GORAKHPUR: शहर के राप्तीनगर के हरिद्वारपुरम कॉलोनी फेज-1 निवासी राघवेंद्र प्रताप सिंह और पत्‍‌नी सविता के लिए बेटी श्रेया ही उनका सारा संसार है। प्राइवेट मोबाइल कंपनी में काम करने वाले राघवेन्द्र बिटिया की हर फरमाइश पूरी करने की कोशिश करते हैं तो घर पर रहकर सविता उसकी देखभाल में कोई कमी नहीं होने देतीं। इस दंपत्ति के जीवन में शादी के एक साल बाद ही सारी खुशियां अपने अंदर समेटकर श्रेया आई थी। अब वह आठ साल की हो चुकी है। श्रेया की मम्मी-पापा कहते हैं कि इस उम्र में ही बिटिया अपना सारा काम खुद कर लेती है और उनका भी हाथ बंटाने की कोशिश करती है। वे उसे पाकर बहुत खुश हैं।

तरक्की लेकर आई लाडली

राघवेन्द्र और सविता बताते हैं कि 2007 में बेटी ने जन्म लिया। इसके बाद से घर में खुशियां छाती गई। उनके काम में भी तरक्की हुई। बेटी के आने से सारी परेशानियां जाती रहीं। इस समय उनके जीवन में सबकुछ ठीक चल रहा है। बेटी श्रेया को पाने के बाद कभी नहीं लगा कि अब बेटे की भी जरूरत है। वे कहते हैं कि संतान मां-पिता का नाम बढ़ाती है और कुल को आगे ले जाती है। ऐसा नहीं है कि यह सब एक बेटे से ही होगा। बिटिया अच्छी हो तो वही कुल का मान बढ़ा सकती है वहीं बेटा यदि बुरा निकल जाए तो वह कुल को डूबो सकता है। इसलिए जरूरी यह नहीं कि बेटा हो या बेटी, जरूरी है कि जो भी हो उसकी परवरिश अच्छी की जाए और वह भी अपने माता-पिता का सम्मान करे। बिटिया उनकी उम्मीदों को अभी से पूरा कर रही है।

एक ही औलाद से खुश हूं

एलएफएस स्कूल में क्लास तीन की स्टूडेंट्स श्रेया अपने क्लास में टॉपर है। उस पर परिवार को गर्व है। उसके मम्मी-पापा का कहना है कि बेटी बेटा में कोई अंतर नहीं है। वे श्रेया के साथ बहुत खुश हैं। उनका कहना है कि बेटा-बेटी की सोच से आगे निकलने की जरूरत है। माता-पिता के लिए सभी बराबर हैं। अब तो उनकी बिटिया ही उनके लिए बेटा भी है। सोच सही हो तो सबकुछ सही ही होगा।

Posted By: Inextlive