आखिरकार राणा पहुंचा जेल
- जैतपुर तिहरे हत्याकांड में काम आई सख्ती
- शरणदाता के रूप में राणा की बहन पर हुई थी कार्रवाई GORAKHPUR : सहजनवां के जैतपुर पशु बाजार के तिहरा हत्याकांड में फरार राणा सिंह ने सरेंडर किया। मंगलवार की सुबह पुलिस को चकमा देकर वह कोर्ट पहुंचा। गैंगेस्टर एक्ट की कोर्ट में सरेंडर करके जेल चला गया। राणा के सरेंडर करने की सूचना पर कैंट पुलिस हरकत में आई। आरोपी के साथ पहुंचे लोगों की कड़ी निगरानी की गई। लाकअप से लेकर कोर्ट तक पुलिस मुस्तैद रही। उधर लाल बहादुर हत्याकांड के फरार आरोपी ने भी सरेंडर कर दिया। तीन साल से था फरारतीन साल पहले जैतपुर पशु बाजार को लेकर गोलियां तड़की थी। वर्ष 2012 के अगस्त माह में नौ तारीख की दोपहर करीब तीन बजे घटना हुई। पशु बाजार के विवाद में राणा सिंह के पक्ष के लोगों ने विकलांग रणजीत पांडेय, उनके दो बेटों मनोज और विनोद की गोली मारकर हत्या कर दी। रणजीत की बहू ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कराया। मुख्य आरोपी बाजार संचालक राणा सिंह ओम प्रकाश सिंह, विजयेंद्र सिंह, बाल मुकुंद सिंह, लड्डू सिंह और विक्की को मुल्जिम बनाया। अन्य अभियुक्तों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई में कामयाब नहीं रही। दबाव में कुछ लोगों ने सरेंडर किया लेकिन राणा सिंह पर शिकंजा कसने में पुलिस नाकाम रही। वह तीन साल से फरार चल रहा था।
बर्दाश्त न हुई कार्रवाई मुकदमे में राणा सिंह ने कई पैंतरे चले। कभी मामला सीबीसीआईडी में ट्रांसफर कराने का प्रयास किया गया तो कभी विवेचना में नाम निकलवाने की कोशिश की। हालांकि उसकी हर कोशिश पर विपक्ष के लोग पानी फेरते रहे। मंगलवार को पुलिस ने राणा की बहन को उसके मोहद्दीपुर स्थित आवास से गिरफ्तार किया। आरोप है कि पुलिस पहुंची तो राणा सिंह फरार हो गया। अभियुक्त को संरक्षण देने की कार्रवाई उसकी बहन कृष्णा पर की गई। बहन पर कार्रवाई से परेशान राणा सिंह ने सरेंडर की योजना बनाई। मंगलवार की सुबह कचहरी पहुंच गया। दोपहर 12 बजे के बाद पुलिस को राणा के सरेंडर करने की भनक लगी। इसके बाद पुलिस कचहरी में एक्टिव हो गई। किसी ने पुलिस अफसरों को बताया कि राणा के साथ कई लोग पहुंचे हैं। वे लोग लाकअप के आसपास मंडरा रहे हैं। इसको लेकर एसएसपी लव कुमार ने चेकिंग का निर्देश दिया। इसके बाद कैंट पुलिस कचहरी में जम गई। पांच हजार इनामी का सरेंडरपूर्व उप ज्येष्ठ ब्लाक प्रमुख लाल बहादुर यादव मर्डर में फरार आरोपी ने सरेंडर किया। पांच हजार के इनामी दीपक को पुलिस तलाश रही थी। उसके सहयोगी अवनीश पांडेय ने 17 सितंबर को सरेंडर किया था। मंगलवार को वह साथियों के साथ कोर्ट पहुंचा। 20 मई 2014 को यूनिवर्सिटी गेट पर बदमाशों ने लाल बहादुर की हत्या की। इस मामले में माफिया विनोद उपाध्याय का नाम सामने आया। तत्कालीन एसएसपी आकाश कुलहरी ने विनोद और गुर्गो को अरेस्ट करके जेल भेज था। दीपक और उसके कुछ साथियों की पुलिस तलाश कर रही थी।
पुलिस के दबाव में राणा सिंह ने सरेंडर किया है। उसकी बहन को शरण देने के आरोप में अरेस्ट किया गया था। लाल बहादुर हत्याकांड के आरोपी दीपक के सरेंडर की सूचना है। श्यामलाल यादव, एसओ कैंट