'कागज में सफाई' की खुल गई पोल जब हुई असली बारिश
- बारिश के पहले नालों की सफाई प र खर्च किए गए 10 लाख रुपए
- शहर के सभी प्रमुख नाले और नालियां जाम GORAKHPUR: नगर निगम ने बारिश के पहले नाले-नालियों की सफाई के नाम पर लाखों रुपए खर्च किए। कागज में सफाई दर्ज भी हो गई लेकिन बारिश शुरू हुई तो इसकी पोल खुल गई। नाले-नालियां ओवरफ्लो होकर रोड पर बहने लगी और सफाई का दावा करने वाले छुपते नजर आए। शुक्रवार को भी शहर में यही नजारा देखने को मिला। दोपहर में हुई हल्की बारिश में ही कॉलोनी की सड़कों पर नाले का पानी बहने लगा। यह तब है जब इन नालों की सफाई पर बारिश के पहले 10 लाख रुपए खर्च हुए हैं। यहां सफाई का दावा पैडलेगंज नाले की लंबाई- लगभग 5 किमी किस एरिया का पानी निकलता है- गीता प्रेस, रेती, छोटेकाजीपुर, अलहदादपुर, बेतियहाता, दाउदपुर और बिलंदपुर हकीकतशहर का यह बहुत ही प्रमुख नाला है। इस नाले की खासियत यह है कि इस नाले का पानी ठीक और तेज गति से निकलने लगे तो शहर 40 प्रतिशत एरिया में जल जमाव नहीं होगा, लेकिन जगह-जगह अतिक्रमण का शिकार और सफाई के लिए कोरम पूरा करने वाली गतिविधियों के कारण जल निकासी नहीं कर पाता है और शहर में दो से तीन घंटे अधिक जल जमाव की हालत बनी रही है। गीता प्रेस के पीछे से यह नाला शुरू होता है और पैडलेगंज के पास रामगढ़ताल में मिल जाता है, लेकिन पैड़लेगंज के पास यह नाला पूरी तरह से जाम हो चुका है। पानी निकलने के सभी रास्ते बंद होने के कारण नाले का पानी मोहल्लों में फैलने लगता है।
फल मंडी नाले की लंबाई- लगभग डेढ़ किमी किस एरिया का पानी निकलता है- पुराना महेवा चुंगी, बेतियाहाता, बेतियाहाता आवास विकास, फलमंडी हकीकत- यह नाला टीपीनगर पुलिस चौकी से शुरू होता है और हाइवे के किनारे-किनारे यह नाला नहर रोड के नाले में मिल जाता है। इस नाले से शहर के प्रमुख रूप से पांच मोहल्लों और दो प्रमुख सड़कों की जल निकासी होती है। इस नाले से महेवा फल मंडी तक बहुत तेज आता है, लेकिन उसके बाद नाले की कागजी सफाई के कारण पानी वहीं रूक जाता है। यहां पर नाले के पानी की जगह केवल पालीथीन और कूड़ा कचरा दिखता है। स्थिति यह होती है कि तेज बारिश होतो तो पानी किसी तरह से निकल जाता है, लेकिन हल्की बारिश का पानी निकला मुश्किल हो जाता है और धीरे-धीरे पानी सड़कों पर बहने लगता है।मुंशी प्रेमचंद पार्क
नाले की लंबाई- लगभग 500 मीटर किमी किस एरिया का पानी निकलता है- मुंशीप्रेम चंद पार्क, नार्मल आंशिक, अलहदादपुर आंशिक हकीकत यह नाला एक तरह से शहर को जोड़ने वाला प्रमुख सड़क के साथ ही साथ कई प्रमुख एरिया को जल जमाव से मुक्त कराने का कार्य करता है। इस नाले की सफाई का आलम यह है कि नाले के पानी का लेवल और रोड का लेवल एक बराबर है। जैसे ही बारिश शुरू होता है, धीरे-धीरे नाले के पानी का लेवल बढ़ने लगता है और कुछ ही देर में नाले का पानी सड़क पर आ जाता है। स्थिति यह होती है कि आधा रास्ता बंद हो जाता है। इन प्रमुख सड़कों पर जल जमाव - हरिओम नगर तिराहे से लेकर एमपी गेट तिराहा - शिवाय होटल से लेकर बैंक रोड मोड़ - विजय चौक - धर्मशाला बाजार - अलीनगर - बक्शीपुर जुबिली रोड - नखास चौक - रेती चौक - गीता प्रेस के सामने - घंटाघर - पांडेयहाता - साहबगंज मंडी - गोलघर चेतना तिराहा - शास्त्री चौक - कचहरी - डीएम कार्यालय - बेतियाहाता हनुमान मंदिर - दाउदपुर - एचपी शाही मार्ग - गंगेज चौराहा - बेनीगंज रोड कॉलिंगबारिश बंद होने के बाद कम से कम 4 घंटे तक सिटी का हर हिस्सा जलजमाव से कराहता है। नालों और नालियों की सफाई न होने के कारण बारिश का गंदा पानी सड़क पर बहने लगाता है। गुरुवार और शुक्रवार को ऐसी ही हालत शहर में हुई।
संजय शिलांकुर, हड़हवा फाटक बारिश होते ही सिटी की कई गलियां बंद हो जाती हैं क्योंकि इन गलियों में इतना पानी जमा हो जाता है कि लोग पैदल की कौन कहें अपने चार पहिया वाहन से भी नहीं चल पाते। संतोष मौर्या, दीवार बाजार नगर निगम की लापरवाही के कारण बारिश होते ही सिटी में जल जमाव की हालत बन गई। अगर नाले की सफाई समय से और ठीक तरह से कराई गई होती तो शायद जल जमाव की हालत नहीं बनती। विशाल गुप्ता, जिलाध्यक्ष युवा व्यापार मंडल लालडिग्गी से लेकर बेतियाहाता तक जल जमाव का एक मात्र कारण है नाले पर अतिक्रमण और नाले की सफाई न होना है। अगर पूरे नाले से अतिक्रमण हटा दिया जाए तो सिटी में जल जमाव की हालत नहीं बनेगी। अविनाश गुप्ता, व्यापारी लालडिग्गी वर्जन