रेलवे और रोडवेज जागे, सोती रही पुलिस
- रेलवे स्टेशन व बस स्टेशन पर चला जबरदस्त चेकिंग अभियान
- रोज की तरह सोमवार को भी पुलिस खोजती रही अस्पताल में बम - सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही उजागर होने के बाद भी सोती रही पुलिसGORAKHPUR: सिटी के लोगों को अब अपनी सुरक्षा व्यवस्था खुद करनी पडे़गी। जिले की पुलिस ने खुद ये साबित कर दिया है कि चाहे गोली चले या फिर बम फटे, उसे कोई फर्क नहीं पड़ता। अब तो मनबढ़ों के साथ ही आम पब्लिक भी जान चुकी है कि यहां की पुलिस महज एस-7 व एस-10 की मीटिंग के अलावा और कुछ नहीं कर सकती। लापरवाही का आलम तो ये है कि रविवार को आई नेक्स्ट की ओर से शहर के प्रमुख स्थलों की सुरक्षा पर किए गए रियलिटी चेक के बाद जहां रेलवे व रोडवेज प्रशासन पूरी तरह सक्रिय हो गया, वहीं जिले की पुलिस सोती रही। इस खबर के सोमवार को छपने के बाद जहां सुबह से ही आरपीएफ व जीआरपी की टीम रेलवे स्टेशन पर जबरदस्त चेकिंग करती नजर आई, वहीं रोडवेज के अधिकारी खुद मेटल डिटेक्टर लेकर बस स्टेशन का चप्पा-चप्पा खंगालते दिखे। वहीं दूसरी तरफ पुलिस इस दौरान भी हर रोज की तरह सिटी के एक अस्पताल में बम खोजती रही।
रेलवे स्टेशन पर हुई सघन चेकिंगरेलवे स्टेशन पर सोमवार को उस समय पैसेंजर्स के बीच अफरातफरी मच गई, जब भारी संख्या में आरपीएफ व जीआरपी जवानों ने ट्रेंस से लेकर प्लेटफॉर्म तक के चप्पे-चप्पे की चेकिंग शुरु कर दी। चीफ सिक्योरिटी कमिश्नर सुनील कुमार सिंह के निर्देश पर चलाए गए इस चेकिंग अभियान की कमान खुद असिस्टेंट सिक्योरिटी कमिश्नर अमित कुमार गुंजन ने संभाली।
मेटल डिटेक्टर से ली तलाशी गोरखधाम व वैशाली एक्सप्रेस के लिए शाम करीब 4 बजे स्टेशन पर पैसेंजर्स की जबरदस्त भीड़ थी। ऐसे में चेकिंग अभियान को देखकर पैसेंजर्स के बीच अफरा-तफरी मच गई। स्टेशन के सभी गेटों से लेकर प्लेटफॉर्म व ट्रेंस तक में बैठे एक-एक पैसेंजर और उनके सामानों की डॉग स्क्वॉयड व मेटल डिटेक्टर से तलाशी ली गई। इस दौरान असिस्टेंट सिक्योरिटी कमिश्नर अमित कुमार गुंजन सहित आरपीएफ इंस्पेक्टर केएन तिवारी, सब इंस्पेक्टर मुकेश सिंह, दुर्गेश कुमार सहित भारी फोर्स मौजूद रही। बस स्टेशन भी खंगालाइसके साथ ही आई नेक्स्ट की खबर का असर रोजवेज में भी देखने को मिला। रोडवेज अधिकारी सोमवार को खुद बस स्टेशन का चप्पा-चप्पा खंगालने उतर आए। आरएम एसके राय के निर्देश पर बस स्टेशन पर एआरएम महेश चंद खुद देर शाम तक कर्मचारियों के साथ बसों से लेकर पैसेंजर्स और उनके सामानों की तलाशी लेते रहे। इस दौरान वेटिंग लॉउंज में रखे हर एक सामान की तलाशी लेने के साथ ही इधर-उधर पड़े अन्य लावारिस सामानों की भी तलाशी ली गई। ये सब देखकर कई पैसेंजर्स के बीच ये अफवाह फैलने लगी कि कहीं बस स्टेशन पर बम तो नहीं है। जब पैसेंजर्स को पता चला कि ये रुटीन चेकिंग है तब जाकर उन्होंने राहत की सांस ली।