नगर निगम को चूना लगा रहा रेलवे
- गोरखपुर शहर के 20 परसेंट भूभाग पर सालों से काबिज है रेलवे
- नगर निगम को मात्र 10 लाख रुपए टैक्स दे रहा रेलवे - जमीन के हिसाब से बनता है करोड़ों का टैक्स - नगर निगम के पास है फंड की कमी, मिलता टैक्स तो होता फायदाGORAKHPUR: रेलवे पैसेंजर्स से तो सर्विस टैक्स और अन्य चार्जेस सख्ती से वसूल लेता है। लेकिन जब खुद को सर्विस चार्ज चुकाना होता है तो आनाकानी करता है। नगर निगम की जमीन पर कब्जा जमाए बैठे रेलवे ने पिछले 48 साल से टैक्स रिवाइज नहीं करने दिया। जब-जब जीएमसी ने सर्विस चार्ज रिवाइज करने की कोशिश की तो रेलवे ने पेंच फंसा दिया। अगर रेलवे नगर निगम को वर्तमान दरों के हिसाब से टैक्स पे करे तो शहर के विकास में फंड की कमी आड़े नहीं आएगी। अभी रेलवे नगर निगम को महज 10 लाख रुपए सर्विस चार्ज देता है। जबकि नगर निगम का संशोधित टैक्स करीब 10 करोड़ रुपए बैठता है।
48 साल बाद बढ़ा चार्जनगर निगम के टैक्स इंस्पेक्टर गणेश ने बताया कि अप्रैल 1967 में पूर्वोत्तर रेलवे पर पर 10 लाख रुपए का सर्विस टैक्स निर्धारित किया गया था। तब से अब तक रेलवे यही सर्विस चार्ज चुकाता रहा है। बीच-बीच में नगर निगम ने रेलवे का सर्विस चार्ज बढ़ाने की कवायद की लेकिन रेलवे के विरोध के कारण सफल नहीं हो पाया। अब 48 साल बाद नगर निगम ने रेलवे के सर्विस चार्ज में 100 गुना बढ़ोत्तरी करते हुए 10.03 करोड़ रुपए निर्धारित किया है। नगर निगम अधिकारियों का तर्क है कि गोरखपुर के काफी बड़े भूभाग पर पूर्वोत्तर रेलवे का विस्तार है। इसके बावजूद नगर निगम काफी कम सर्विस चार्ज लेता है। इसीलिए टैक्स रिवाइज करने की जरूरत हुई।
दो वार्ड हो सकेंगे डेवलपनगर निगम साल भर में एक वार्ड में चार से पांच करोड़ रुपए निर्माण कार्य पर खर्च करता है। नगर निगम के चीफ इंजीनियर एसके केसरी का कहना है कि अगर नगर निगम को 10 करोड़ रुपए मिल जाते हैं तो नगर निगम दो वार्डो को डेवलप कर लेगा। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी की मानें तो सर्विस टैक्स रिवाइज होने पर एक साल की टैक्स वसूली के टारगेट में से 20 प्रतिशत एक ही जगह से मिल जाएगा। रबीस चंद का कहना है कि जब हम लोगों ने रेलवे को नये सर्विस चार्ज का प्रारूप भेजा था तब वहां से एक अधिकारी आए थे। उन्हें केंद्र सरकार का शासनादेश दिखाया गया, उन्होंने भी सर्विस चार्ज रिवाइज करने के लिए हामी भरी थी।
नगर निगम एरिया में रेलवे का हाल ्ररेलवे की कुल भूमि- 536.21015 हेक्टेयर आवासीय क्वार्टर्स का प्लिंथ एरिया- 476172 वर्ग मीटर अन्य बिल्डिंग्स का प्लिंथ एरिया- 335891.38 वर्ग मीटर कुल ऑफिस बिल्डिंग की प्लिंथ एरिया- 271280.59 वर्ग मीटर कुल शेड का प्लिंथ एरिया- 18972 वर्ग मीटर इलेक्ट्रिक पावर हाउस का प्लिंथ एरिया- 10771 वर्ग मीटर वर्कशॉप एवं स्टोर का प्लिंथ एरिया- 34867 वर्ग मीटर क्या है सर्विस चार्ज? नगर निगम क्षेत्र के मकान, दुकान, कार्यालय, शिक्षण संस्थानों से हाउस टैक्स, वाटर टैक्स और सीवर टैक्स लिया जाता है। उसी तरह केंद्रीय संस्थानों से भी टैक्स लिया जाता है, जिसे सर्विस चार्ज कहा जाता है। नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी रबीस चंद्र ने बताया कि सर्विस चार्ज, सामान्य टैक्स की तुलना में कुछ कम होता है। जिन इलाकों में नगर निगम पूरी सुविधा मुहैया कराता है, वहां के केंद्रीय संस्थानों से 75 प्रतिशत, आधी-अधूरी सुविधा वाले क्षेत्रों में 50 प्रतिशत और जहां कोई सुविधा नहीं दी जाती है, वहां 35.25 प्रतिशत टैक्स लिया जाता है।रेलवे ने नगर निगम की ओर से निर्धारित सर्विस चार्ज पर आपत्ति जताई है। हालांकि नगर निगम ने रेलवे द्वारा अपनी भूमि के संबंध में दी गई जानकारी के अनुसार यह चार्ज निर्धारित किया गया है। यह टैक्स किसी भी हाल में लागू किया जाएगा।
रबीश चंद्र, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी, नगर निगम