रेलवे एंप्लाई समेत 2 चढ़े विजिलेंस के हत्थे
- गोरखपुर-एलटीटी एक्सप्रेस के जनरल कोच में पैसा लेकर दिलवा रहा था सीट
- करीब 2000 रुपए बरामद, रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : ठसाठस भरी ट्रेंस, कहीं बैठने की जगह नहीं, ऐसे में चंद पैसे देकर सीट मिल जाए, तो क्या कहने। ऐसा ही कुछ इन दिनों गोरखपुर जंक्शन पर हो रहा है। जहां महज चंद पैसों के लिए अपना ईमान तक बेचने में गुरेज नहीं कर रहे हैं। कई दिनों से चल रहे इस खेल में ट्यूज्डे को विजिलेंस का ग्रहण लग गया। गोरखपुर से एलटीटी जाने वाली 12541 गोरखपुर-एलटीटी एक्सप्रेस में टीम की छापेमारी के दौरान एक रेलवे एंप्लाइज समेत दो लोगों को रेलवे विजिलेंस टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से करीब 2 हजार रुपए भी बरामद किए हैं। विजिलेंस ने दोनों दलालों को आरपीएफ को सुपुर्द कर मामले की जांच शुरू कर दी है। गोरखपुर-एलटीटी से पकड़े गए दलालगोरखपुर से चलने वाली 12541 गोरखपुर-एलटीटी एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म नंबर 9 पर लगी हुई थी। इस दौरान रेलवे विजिलेंस टीम को सीट दिलाने के नाम पर पैसेंजर्स से पैसे वसूलने की सूचना मिली। टीम तुरंत एक्टिव हो गई और उन्होंने फौरन प्लेटफॉर्म नंबर 9 का रुख किया। इस दौरान उन्होंने निशानदेही के आधार पर उस दलाल का पीछा शुरू किया। काफी देर उसके पीछे लगने के बाद वह अंदर गया और सीट मिलाने के नाम पर 500 रुपए की डिमांड करने लगा। जैसे ही बुजुर्ग ने उसे पैसा दिया, विजिलेंस टीम ने उसे रंगे हाथों धर दबोचा।
रेल एंप्लाई निकला पकड़ा गया दलाल सीट के बदले पैसा वसूलते दलाल से जब पूछताछ शुरू की गई, तो वह रेलवे एंप्लाई पाया गया। वह गोरखपुर वर्कशॉप में ही काम करता है। विजिलेंस से जुड़े सोर्सेज की मानें तो इस मामले में आरपीएफ की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। वह इसलिए कि पकड़े गए रेल एंप्लाई के मोबाइल की कॉल लिस्ट में कुछ आरपीएफ जवानों के नंबर भी मिले हैं, जिन्हें लेकर भी विजिलेंस ने जांच शुरू कर दी हे। रेल एंप्लाई के साथ एक बाहरी व्यक्ति भी पकड़ा गया है। रेलवे एंप्लाई के पास से 1300 और दूसरे के पास से करीब 750 रुपए कैश बरामद किया गया है। जेनविन पैसेंजर्स को नहीं मिलती बर्थगोरखपुर जंक्शन से ओरिजिनेट होने वाली गाडि़यों में सीट के लिए काफी मारामारी होती है। इसमें गोरखधाम, कुशीनगर और एलटीटी में सबसे ज्यादा मुश्किलें होती है। इनके लिए पैसेंजर्स सुबह से ही प्लेटफॉर्म पर लाइन लगा लेते हैं। मगर जब ट्रेन आकर लगती है, तो इस दौरान सुबह से लाइन में लगने वाले जेनविन पैसेंजर्स को बर्थ नहीं मिल पाती, जबकि कुछ शातिर लोग पैसा देकर बर्थ पाने में कामयाब हो जाते हैं। इसमें सब में रात का फायदा उठाकर कुछ रेल एंप्लाइज भी वसूली से बाज नहीं आ रहे हैं।