Gorakhpur News : पब्लिक को अट्रैक्ट करेगा रेलवे का पोखरा, शुरू हुई सौंदर्यीकरण की तैयारी
गोरखपुर (ब्यूरो)।बौलिया रेलवे पोखरा के लगभग तीन हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल का सौंदर्यीकरण होना है। चारों तरफ पक्का निर्माण होगा साथ ही पक्की सीढिय़ों के पास टहलने के लिए पाथ-वे बनाया जाएगा, ताकि लोग सुबह-शाम टहल सकें। 2.8 करोड़ का बजट अप्रूव्डसीएम सिटी में रेलवे भी बदल रहा है। धर्मशाला और असुरन चौराहा के बीच स्थित बौलिया पोखरा का भी कायाकल्प होगा। एनई रेलवे प्रशासन इसका विकास पर्यटन केंद्र्र के रूप में करेगा। रेलवे बोर्ड ने पोखरा के सौंदर्यीकरण और वॉटर एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी) लगाने के लिए दो करोड़ 80 लाख रुपए का बजट एप्रूव्ड कर दिया है। लेकिन अब तक निर्माण कार्य शुरु नहीं हो सका है। रेलवे की उदासीनता के कारण पोखरे का सौंदर्यीकरण का काम शुरु नहीं होने से रेलवे के सुस्ती पर सवाल उठने लगे हैैं।ईटीपी लगाकर गंदे पानी को करेंगे साफ
सिटी का चहुमुखी विकास हो रहा है। वहीं रेलवे भी अपने स्टेशन का री-डेवलपमेंट करेगा। वंदे भारत ट्रेन से रेलवे स्टेशन की रौनक बढ़ गई है। वह रेलवे के अपने प्रॉपर्टी पर भी उसके निर्माण के लिए ड्राफ्ट तैयार कर रहा है। धर्मशाला पुल से जहां पूरब दिशा में ट्रैक का जाल दिखाई देता है। वहीं पश्चिम ओर से नीचे देखने पर पोखरे की खूबसूरती दिखाने के लिए उसका सौंदर्यीकरण किया जाना है। पोखरा के लगभग तीन हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल का सौंदर्यीकरण होना है। गोरखपुराइट्स को करेगा अपनी तरफ आकर्षित सौंदर्यीकरण के बाद रेलवे का यह पोखरा आसपास कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को ही नहीं बल्कि सिटी में रहने वाले लोगों और को भी अपनी तरफ आकर्षित करेगा। सुबह ठंडी बयार लोगों को ठंड का अहसास कराएगी। शाम को फौव्वारे से उठने वाली पानी की फुहार तन के साथ मन को भी ठंडक पहुंचाएगी। आसपास के वातावरण में पौधे जहां हरियाली फैलाएंगे वहीं फूल माहौल को खुशनुमा बनाएंगे।जलकुंभी से पटा है पोखरा वर्तमान में पोखरे में जलकुंभी फैली हुई है, लेकिन अब पोखरे का पानी कॉलोनियों में नहीं जाता है। छिछला होने के चलते हल्की बारिश में भी पोखरे का गंदा पानी कालोनियों में चला जाता था। पिछले वर्ष पोखरे को साफ कर पांच फीट गहरा किया था।पर्यावरण को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने के लिए रेलवे प्रतिबद्ध है। बौलिया रेलवे कॉलोनी के पास स्थित पोखरे का सौंदर्यीकरण जल्द शुरु कराया जाएगा। इसकी प्रक्रिया चल रही है। - पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे