अब तो ब्लैक बोर्ड को ही मानिए क्वेश्चन पेपर
- बेसिक स्कूलों को निर्देश, ब्लैक बोर्ड पर लिखे जाएं क्वेश्चन
- प्रिंटिंग और पेपर के 19 लाख बचाएगा शासन GORAKHPUR: यदि आपको कहा जाए कि अब एग्जाम बिना क्वेश्चन पेपर का होगा तो आप चौंक जाएंगे लेकिन यह सौ फीसदी सच है। बेसिक शिक्षा विभाग एग्जाम को पेपरलेस करने की दिशा में काम कर रहा है ताकि इस मद में हो रहे खर्च को बचाया जा सके। शासन ने बेसिक शिक्षा विभाग को निर्देश जारी कर बिना प्रश्नपत्र के परीक्षा कराने के लिए कहा है। प्रश्न ब्लैक बोर्ड पर लिखे जाएंगे। इससे बेसिक शिक्षा विभाग के 19 लाख रुपए से अधिक रुपए बचेंगे। स्टूडेंट्स के बचेंगे पांच रुपएबेसिक शिक्षा विभाग प्रति बच्चे के हिसाब से पांच रुपए परीक्षा शुल्क लेता हैं। जिले के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय में 3,88,595 स्टूडेंट पढ़ते हैं। इस हिसाब से छात्रों को परीक्षा शुल्क के रूप में 19,42,975 रुपए देने पड़ते हैं जो उन्हें नहीं देने होंगे।
ऐसे होगी परीक्षा बिना प्रश्नपत्र के परीक्षा के लिए बच्चों को ब्लैकबोर्ड पर प्रश्नपत्र लिख दिया जाएगा। बच्चों को कॉपी दी जाएगी उस पर उनको उत्तर लिखना होगा। 19 लाख का होता है बजटबेसिक शिक्षा विभाग की ओर से हर साल प्रश्नपत्र छपवाए जाते हैं। जिसका बजट साढ़े उन्नीस लाख रुपए का होता है। प्रश्नपत्र को न छापने से जो पैसा बचेगा उससे स्कूलों में सुधार कार्य कराया जाएगा। स्कूलों की रूप रेखा बदली जाएगी।
जिले में हैं इतने स्कूल बेसिक शिक्षा के अनुदानित विद्यालय - 84 परिषदीय प्राइमरी विद्यालय - 2151 परिषदीय जूनियर विद्यालय - 834 राजकीय बेसिक विद्यालय - 04 माध्यमिक स्कूल से संबद्ध जूनियर विद्यालय - 117 माध्यमिक स्कूल से संबद्ध प्राइमरी विद्यालय - 22 राजकीय विद्यालय - 05 मदरसा - 08 टोटल - 3244 इन छात्रों को मिलेगा लाभ प्राइमरी स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या - 2,66,542 जूनियर स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या - 1,23,053 (कक्षा एक से 8 तक में पढ़ने वाले सभी बच्चों को इसका लाभ मिलेगा.) वर्जन इससे प्रश्नपत्र छपवाने का खर्चा बचेगा। छात्रों को भी एग्जाम फीस नहीं देने होंगे। इन पैसों को स्कूलों के विकास पर खर्च किया जा सकेगा। ओम प्रकाश यादव, बीएसए, बेसिक शिक्षा विभाग, गोरखपुर