- मंडल की शादी-ब्याह के लिए प्रसिद्ध मार्केट है

- डेली कम से कम 25 हजार पब्लिक आते हैं मार्केट में

- गलियों और खुली नालियों में करते हैं लोग पेशाब

GORAKHPUR: शहर की कॉलोनी सुनते ही दिमाग में एक सुव्यवस्थित मोहल्ले का खाका खींच जाता है लेकिन यदि आप गोरखपुर के पुराने मोहल्ले व मार्केट पांडेयहाता में चले जाइए तो यही लगता है कि नाम बड़े और दर्शन छोटे। पांडेयहाता एरिया में अन्य सुविधाओं की बात तो छोड़ दें, पब्लिक टॉयलेट और यूरिनल तक की व्यवस्था नहीं है। आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने शनिवार को पांडेय हाता में सुविधाओं की पड़ताल की तो कड़वा सच सामने आया। मंडल के सबसे बड़े शादी-ब्याह के सामानों के मार्केट पांडेयहाता में रोज करीब 50 हजार से अधिक लोग खरीदारी के लिए पहुंचते हैं लेकिन इन्हें जब यूरिनल की जरूरत होती है तो वे गलियां और दीवार ढूंढते फिरते हैं।

मार्केट का नाम- पांडेयहाता

मार्केट की खासियत- शहर के सबसे पुराना शादी-ब्याह के सामानों का थोक मार्केट

दुकानों की संख्या- 3000 अधिक दुकानें

दुकानों पर कार्य करने वाले वर्कर की संख्या- 5500

कस्टमर की संख्या- 50 हजार से अधिक

कहां-कहां से आते हैं कस्टमर- गोरखपुर, नेपाल, विहार, गोरखपुर मंडल में शादी-ब्याह सामानों के व्यापारी आते हैं।

यहां जाते हैं लोग

- चौधरी गली में

- सिद्दीकी कटरे के किनारे दीवार के सामने

- लखनचंद गली में

- अफगान गली में

- सोनार पट्टी गली में

- पुलिस चौकी के पास

- नॉर्मल सब स्टेशन की दीवार पर

मार्केट का दर्द कोई सुनने वाला नहीं है, इसलिए तो आज भी यहां जनहित सुविधाओं को टोटा है। स्थिति यह है कि पांडेयहाता में एक भी यूरिनल न होने के कारण मजबूर लोग किसी दीवार का सहारा लेते हैं और स्थिति यह होती है कि उस एरिया में बदबू फैलने लगी है।

निजामुल हई, कपड़ा व्यापारी

नगर निगम हजारों लाखों रुपए हर माह सफाई पर खर्च करता है, लेकिन मार्केट में बने यूरिनल की सफाई पर एक भी रुपए खर्च नहीं करता है और न ही कोई ध्यान देता है। जिसके कारण अगर किसी मार्केट में यूरिनल है तो भी वह इतना अधिक गंदा है कि वहां कोई जाना ही नहीं चाहता है।

सतीश जायसवाल, निवासी, पहाड़पुर

एक तरह से लोगों के आने की संख्या देखें तो आज भी शहर के अन्य मार्केट से कहीं अधिक महिलाएं मार्केट करने यहां आती हैं, लेकिन पूरे मार्केट में एक भी सुलभ शौचालय नहीं है, जहां महिलाएं जा सकें। यह यहां के जिम्मेदारों की सबसे बड़ी विफलता है।

विजय सिंह, कपड़ा व्यापारी

किसी भी शहर की पहचान वहां की मार्केट से होता है, लेकिन आज शहर के सभी मार्केट में यूरिनल के लिए उचित स्थान न होने के कारण किसी गली का लोग सहारा ले रहे हैं। लोगों की इस मजबूरी के कारण कई बार तो लोग आस-पास इतनी अधिक बदबू फैल जाती है कि लोगों का रहना मुश्किल हो जाता है।

मोईनुद्दीन, निवासी अफगान हाता

कहां जाएं, यह सवाल सबके मन में आता है, लेकिन हम तो यहां मार्केट करने आए हैं और पेशाब लगने के बाद जगह तलाशना पड़ता है। एक तो किसी एरिया में पब्लिक टॉयलेट नहीं है, अगर कहीं है तो रखरखाव न होने कारण वहां कोई जाना ही पसंद नहीं कर रहा है। यूरिनल के आस-पास के लोगों से पूछा जाए तो उसकी कब सफाई हुई थी, उनको ही नहीं पता है।

निलेश गुप्ता, कस्टमर

पूरे पांडेयहाता में न तो कोई यूरिनल है और न ही यहां आस-पास कोई पब्लिक टॉयलेट शौचालय है। स्थिति यह है कि पुरुष को तो हम लोग गली में दीवार का किनार दिखा देते हैं, लेकिन महिलाओं के लिए इस मार्केट में सबसे अधिक समस्या होती है। कई बार तो किसी दुकानदार महिला कस्टमर को अपने घर के अंदर भेजने के लिए मजबूर होते हैं।

नरूल हसन, निवासी कस्टमर

Posted By: Inextlive