पुराने मार्केट में कुछ भी नया नहीं
- वर्षो पुराने अलीनगर स्थित स्वर्ण मार्केट में एक यूरिनल तक नहीं बनवा पाया नगर निगम
- डेली 30 से 40 हजार लोग आते हैं इस मार्केट में GORAKHPUR: पुराना मार्केट कहते ही आंखों के सामने सोने चांदी की चमक कौंध जाती है। लेकिन अलीनगर स्थित स्वर्ण मार्केट में प्रवेश करते ही यह चमक गायब हो जाती है। पुराने मार्केट में कुछ भी नया नहीं है। ऐसा लग रहा है जैसे यहां आकर विकास ठहर गया हो। दशकों बाद यहां पब्लिक के लिए नगर निगम एक यूरिनल तक नहीं बनवा पाया। जबकि यहां रोज 30 से 40 हजार लोग बाजार करने आते हैं। इन सभी के लिए यहां की गलियां और दीवार ही यूरिनल के रूप में काम आते हैं। सबसे अधिक आती हैं महिलाएंयहां पुरुषों से अधिक महिलाएं मार्केट करने आती हैं। क्योंकि इस मार्केट में स्थित दुकानों में घर व उनकी जरूरत की सभी चीजें मिल जाती हैं। ऐसे में इन घरेलू मार्केट में पुरुष से अधिक महिलाएं ही आती हैं। यहां के एक दुकानदार ने बताया कि अगर एक दिन में यहां 100 लोग मार्केट करने आते हैं तो उसमें 80 महिलाएं होती हैं, जबकि 20 पुरुषों की संख्या होती है। जाहिर है पुरुष तो जहां-तहां यूरिनल की कमी मैनेज कर लेंगे लेकिन महिलाओं के लिए ऐसी हालात में कोई चारा नहीं है।
मार्केट का नाम- अलीनगर मार्केट की खासियत- शहर की प्रसिद्ध स्वर्ण और घरेलू सामानों का मार्केट मार्केट की दूरी- लगभग डेढ़ किमी दुकानों की संख्या- 3000 दुकानों पर कार्य करने वाले वर्कर की संख्या- 5000 कस्टमर की संख्या- 50000 कहां-कहां से आते हैं कस्टमर- पूरे शहर से लोग यहां पर मार्केट करने आते हैं सिनेमा रोड की खासियत - अलीनगर मेन मार्केट लगभग 800 मीटर में है, जबकि कई अन्य मार्केट भी अटैच हैं - शहर के सबसे व्यस्त चौराहों में से एक है अलीनगर - शहर का दूसरे नंबर का स्वर्ण मार्केट है - आस-पास के एक दर्जन मोहल्लों के लोगों के हर सामान का मार्केट यही है - शहर के कई प्रसिद्ध व्यापारियों का दुकान है कहां-कहां जाते हैं - थवईपुल वाले रास्ते की कई गलियों में - विजय चौक रास्ते में तीन गलियों - मानस टॉकीज के ग्राउंड में - अली नगर से शंकर मंदिर जाने वाले रास्ते में - अली नगर से दीवान बाजार गली में - हजारीपुर रास्ते में दीवारों परसभी के मन में मार्केट में आने के बाद यूरिनल की जरूरत होती तो एक सवाल उठता है कहां जाएं। ऐसे में छोटे-छोटे दुकानदारों के सामने प्रॉब्लम खड़ी हो जाती है। पुरुष को तो हम गली की तरफ भेज देते हैं, लेकिन महिलाओं को लेकर बहुत अधिक परेशानी खड़ी हो जाती है।
- शक्तिमोहन वर्मा, निवासी उत्तरी जटेपुर नगर निगम को पत्र लिखकर और अधिकारियों को मौखिक रूप से अलीनगर में एक आधुनिक सुलभ शौचालय की बात कही गई है, लेकिन नगर निगम के अधिक जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण यहां आज तक शौचालय की बात कौन कहे यूरिनल तक नहीं बन पाया है। सुरेंद्र अग्रवाल सोनी, स्वर्ण व्यापारी आज भी घंटाघर के बाद कोई भी स्वर्ण मार्केट करने अलीनगर ही आता है। ऐसे में मार्केट में एक भी यूरिनल नहीं होने के कारण सबसे अधिक परेशानी महिलाओं को और रोड पर आने वाले लोगों को होती है। कई बार तो दुकान के अंदर आकर महिलाएं शौचालय के लिए पुंछने लगती है। रमेश मद्धेशिया, स्वर्ण व्यापारी