उनकी फितरत में खोट, पब्लिक खुद बना रही रोड
- फुलवरिया में चंदा लगाकर पब्लिक करा रही रोड का निर्माण
- एक साल तक लगातार गुहार लगाने के बाद भी जिम्मेदारों ने नहीं कराई रोड की मरम्मतGORAKHPUR: नगर निगम को टैक्स देने वाली पब्लिक की जब जिम्मेदारों ने नहीं सुनी तो पब्लिक ने चंदा लगाकर खुद रोड मरम्मत कराना शुरू कर दिया। फुलवरिया मोहल्ले के करीब 100 घरों के लोगों ने चंदा से राशि जमा की और खुद ही रोड बनवाने की ठान ली। एक माह चंदा इकट्ठा करने के बाद अब रोड मरम्मत का काम शुरू हो गया है। एक ही दिन में 15 ट्रक मिट्टी गिराकर जेसीबी से रोड के गड्ढे भरवा दिए। पब्लिक की इस पहल ने शहरी क्षेत्र के विकास और रखरखाव की जिम्मेदारी निभाने के लिए बनाई गई नगर निगम जैसी संस्था की मंशा पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। गुस्से से भरे लोगों ने रविवार को कहा कि वे सिर्फ वोट देकर पार्षद चुनने और नगर निगम को टैक्स देने के लिए ही हैं क्या? यदि सबकुछ उन्हें ही करना है तो नगर निगम किसलिए है।
सिर्फ मिलता रहा आश्वासननगर निगम के अधिकारियों से लेकर नेताओं तक के चौखट पर फरियाद करते-करते मोहल्ले वाले थक गए। एक साल में जितनी बार रोड बनवाने की मांग की, उतनी बार सिर्फ आश्वासन ही मिला। नगर निगम के जिम्मेदारों के व्यवहार से जब मोहल्ले के लोगों को यह पता चल गया कि यहां कुछ नहीं होने वाला है तब लोगों ने मीटिंग की और खुद ही रोड बनवाने का निर्णय लिया। इसके बाद चंदा एकत्र करना शुरू कर दिया।
50 हजार रुपए जमा किए स्थानीय नागरिक दीपक दूबे ने बताया कि इस गली से लगभग 100 घर जुड़े हैं। इसके अलावा यहां स्थित प्रसिद्ध पब्लिक स्कूल के बच्चे भी इसी रास्ते से आते-जाते हैं। 100 घरों के लोगों ने लगभग 50 हजार रुपए चंदा दिया। दशहरा के बाद रोड निर्माण का कार्य शुरू करा दिया गया है। मिट्टी गिरा दी गई है। इसके बैठ जाने के बाद खडं़जा कराया जाएगा। 5 साल से खराब थी रोडइस मोहल्ले में ज्यादातर लोग सरकारी नौकरी में हैं या रिटायर्ड हो चुके हैं। यूं तो रोड पांच सालों से खराब थी लेकिन इधर एक साल में यह खतरनाक भी हो गई थी। इस पर चलना दुर्घटना को दावत देना था। इसके बाद से ही लोगों ने लगातार नगर निगम के जिम्मेदारों से मरम्मत की मांग करनी शुरू कर दी थी। मोहल्ले के दीपक दूबे ने बताया कि मांग के बाद रोड के लिए दर्जनों बार आंदोलन भी किया गया लेकिन तब भी किसी ने नहीं सुनी। जुलाई में हुई बारिश में दो बच्चे स्कूल से घर आते समय गिर गए थे, दोनों बच्चों को काफी चोटें आई थीं। उसके बाद हम लोगों ने चक्का जाम किया था। नगर निगम के एक्सईएन मौके पर पहुंचे और आश्वासन दिया था कि 15 दिन में रोड बन जाएगी, लेकिन डेढ़ माह हो गया, रोड बनने की कौन कहे, एक ईट तक नहीं रखी गई।
कोट्स पांच वर्ष से मैं इस मोहल्ले में रह रहा हूं। समय से हाउस टैक्स देता हूं। पांच साल पहले खड़ंजा हुआ था, उसके बाद रोड बनने की कौन कहे एक ईंट भी नहीं लगाई गई। स्थिति यह है कि बारिश हो या अन्य मौसम कीचड़ फैला रहता है। चंद्रभूषण राय, रिटायर्ड सर्विसमैन नगर निगम के जिम्मेदार कभी पब्लिक के बीच में जाते ही नहीं हैं। वह केवल अपने लोगों के बीच में जाते हैं, इसलिए उनके लोगों को सुविधा मिलती है। आम जनता सफर करती है रामराज राय, रिटायर्ड सर्विसमैन,अब हम लोग तो खुद ही चंदा लगाकर इस रोड को बना दिए हैं। नगर निगम के लोगों को शर्म आनी चाहिए कि जो कार्य नगर निगम का है वह पब्लिक कर रही है।
कृष्णा प्रसाद, सर्विसमैन नगर निगम के अधिकारी और पार्षद यहां कभी आते ही नहीं है। ज्यादा दिक्कत होने पर पब्लिक ने हंगामा किया तो एक-दो अधिकारी आए और आश्वासन देकर चले गए। नगर निगम रोड बनाने या पब्लिक की समस्या दूर करने का कार्य नहीं करता। दीपक दूबे, प्रोफेशनल