- नगर निगम में जलापूर्ति छोड़ सभी कार्य रहे ठप

- सड़कों से नहीं उठा कूड़ा, जरूरी कागजात भी नहीं बने

- स्थानीय निकाय महासंघ के आह्वान पर कर्मचारियों ने किया दो दिवसीय बहिष्कार

GORAKHPUR:

नगर निगम की हड़ताल पब्लिक के लिए जी का जंजाल बन गई है। पहले ही दिन कूड़ा नहीं उठने का असर सड़कों पर दिखने लगा। वहीं कई महत्वपूर्ण कागजात भी नहीं बन पा रहे हैं। उप्र स्थानीय निकाय महासंघ के आह्वान पर दो दिवसीय प्रदेश व्यापी आंदोलन का असर शहर में दिखने लगा है। 17 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे कर्मचारियों ने नगर निगम के सभी कार्य ठप कर दिए। सुबह कर्मचारी नगर निगम ऑफिस पर जुटे और तीनों गेट पर तालाबंदी करके धरने पर बैठे रहे। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में नागरिक अपने कार्य कराने के लिए निगम आए, लेकिन उनको उदास लौटना पड़ा।

कई दिन तक होगी मुश्किल

कर्मचारियों के दो दिन के आंदोलन का असर कई दिनों तक पब्लिक को झेलना पड़ेगा। दो दिन के कार्य बहिष्कार के कारण नगर निगम में पब्लिक के कार्यो और उनकी समस्याओं को अंबार लग जाएगा। कई स्कूलों में एडमिशन का समय होने के कारण जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र विभाग में प्रमाण पत्र बनवाने के लिए डेली दो सौ से तीन सौ आवेदन आ रहे हैं। वहीं इन दिनों डेली सुनवाई के भी तीन से चार मामले आ रहे हैं। ऐसे में यह भी ठप हो जाएंगे। जब तीसरे दिन जैसे ही नगर निगम के कर्मचारी कार्य बहिष्कार से वापस लौटेंगे अचानक उन पर कार्य का दबाव बढ़ जाएगा। जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र विभाग का ही लें तो दो दिन बाद अचानक प्रमाण पत्र बनवाने के लिए पांच सौ आवेदन जमा हो जाएंगे।

हर तरफ हो जाएगा कचरा

नगर निगम में दो दिन कूड़ा न उठने का असर पर पहले ही दिन दिखने लगा। नगर निगम सीमा के अंदर डेली 598 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। अगर दो दिन कूड़ा नहीं उठा तो शहर में 1200 मीट्रिक टन कूड़ा एकत्रित जाएगा। ऐसे में अगर तीसरे दिन कूड़ा उठाने का कार्य शुरू होता है तो उस दिन शहर में कूड़े का वजन 1800 मीट्रिक टन हो जाएगा। वहीं नगर निगम के कूड़ा एकत्रित करने के आंकड़ों पर नजर डाले तो प्रति दिन 350 मीट्रिक टन कूड़ा उठाया जाता है। ऐसे में 1800 मीट्रिक टन कूड़ा उठाने में नगर निगम को एक सप्ताह का समय लग जाएगा।

बॉक्स

इसलिए कर रहे प्रदर्शन

प्रदेश नेतृत्व के आदेश पर नगर निगम के कर्मचारी 17 सूत्रीय मांगों को लेकर दो दिवसीय कार्य बहिष्कार रहे हैं। कार्य बहिष्कार के पहले दिन कर्मचारी नगर निगम कर्मचारी समन्वय समिति के अध्यक्ष कौशल कुमार शुक्ल के नेतृत्व में जुलूस लेकर नगर निगम पहुंचे। जहां सभी विभागों में जाकर कर्मचारियों से समर्थन मांगा और उसके बाद नगर निगम परिसर में धरना प्रदर्शन दिया। समन्वय समिति के प्रवक्ता रामप्रकाश सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा कर्मचारियों के साथ धोखा कर रही है। इसलिए मजबूर होकर कर्मचारी आंदोलन के लिए बाध्य हुए हैं। प्रदर्शन के दौरान मुख्य रूप से रविंद्र कुंवर, नवीन नथैनियल, देवानंद त्रिपाठी, सुरेंद्र पांडेय, शक्ति मिश्र, राम कुमार, अशोक पाठक सहित कई अन्य लोग उपस्थित रहे।

इन प्रॉब्लम का करना पड़ा सामना

- जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बना

- जमीनी विवाद के मामले की सुनवाई नहीं हुई

- निर्माण कार्य भी ठप रहे

- कूड़ा नहीं उठा

- अधिकारी भी नहीं आ पाए

- सरकारी कर्मचारियों की तैनाती वाले वार्डो में सफाई नहीं हुई

- पथ प्रकाश के भी कार्य ठप रहे

- दिन में स्ट्रीट लाइट जलती रही

- शाम को कई गलियों में फैला रहा अंधेरा

- टेंडर के कार्य भी ठप रहे

- कंप्लेन करने पर नहीं सही होगी समस्या

Posted By: Inextlive