क्रूरता की हदें पारकर कर दिया कत्ल
- दुर्भावनाओं का अतिरेक बना रहा कातिल
- मर्डर का पश्चाताप नहीं करते, आराम से चले जाते जेल GORAKHPUR: निर्ममता से मर्डर करने वालों के भीतर कोई खौफ नहीं होता। उनके मन में किसी न किसी बात का मलाल होता है। यह मलाल जब गुस्से, आवेश और आक्रोश का रूप लेता है तो परिणाम भयंकर होते हैं। दुर्भावनाओं के अतिरेक में ऐसे लोग निर्ममता करने के लिए विवश हो जाते हैं। मन में धीरे-धीरे पनप रही मामूली सी बेरूखी, उपेक्षा और तिरस्कार की भावना ऐसी नृशंसता के लिए विवश कर देती है। यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि उन पुलिस कर्मचारियों का कहना है, जिनके हाथ ऐसे मामलों की विवेचना होती है। ऐसे क्रूरतम प्रवृत्ति के लोग अपने किए पर कोई पश्चाताप नहीं करते। पकड़े जाने पर बिना किसी प्रतिरोध के वह आराम से जुर्म कबूल कर जेल चले जाते हैं।केस एक: जलन और गुस्से ने ले ली जान
सात अप्रैल 15- हत्यारा दिमाग किन-किन वजहों से सामने आता है। गुलरिहा एरिया के जंगल डुमरी, कुटिया टोला निवासी राजेश्वर की हत्या के मामले में कुछ ऐसा ही देखने को मिला। मृतक की पत्नी का गांव के गौतम से प्रेम संबंध था। करीब एक साल पहले दोनों एक दूसरे के करीब आए। राजेश्वर को नशे की लत थी। वह अपनी पत्नी को रोजाना पीटता था। महिला की पिटाई से प्रेमी का कलेजा मसक उठता था, लेकिन चाहकर भी वह अपनी प्रेमिका को पति के चंगुल से छुड़ाने में कामयाब नहीं हो पाता। एक दिन प्रेमिका के मायके जाने के बाद गौतम को मौका मिल गया। अपनी चाहत पर जुल्म करने वाले राजेश्वर को उसने छककर शराब पिलाई। इसके बाद उसको बेरहमी से गला कसकर मारकर फंदे से लटका दिया। राजेश्वर की मां घुरपाती ने बेटे के हत्या की आशंका जताई। उसने बहू पर साजिश में शामिल होने का शक जताया। पुलिस ने जांच की तो बहू तो नहीं लेकिन गांव का उसका प्रेमी जरूर पकड़ा गया। पुलिस ने उसको पकड़ा तो उसने जुर्म कबूल कर लिया। बताया कि पति से तंग उर्मिला ने सिंदूर तक पोछ दिया था। कलाई से पति की पहनाई चूडि़यों को तोड़कर फेंक दिया।
केस दो: मोहब्बत ने बना दिया हत्यारापांच अप्रैल 15 - हरपुरबुदहट क्षेत्र के कटाई टीकर निवासी रामाशीष विदेश में रहकर कमाता था। बड़ी बेटी की शादी सिलसिले में वह घर आया। उसको पत्नी और बेटियों का स्वभाव ठीक नहीं लग रहा था। इसको लेकर वह आए दिन टोकाटाकी करता था। नाराज होकर उसकी पत्नी राधिका मायके चली गई। रामाशीष अपने दोस्त दीनानाथ के साथ ससुराल गया। रात में उसने अपनी बीवी को दीनानाथ के साथ देख लिया। गुस्से में उसने पत्नी को अपशब्द कहे। घर लौटने पर रोजाना अनापशनाप कहता रहा। रामशीष की पत्नी ने प्रेमी दीनानाथ को रोज-रोज के ताने की बात बताई। प्रेमी के साथ मिलकर पत्नी ने पति को मार डाला। फिर बीमारी से मौत होने के बाद डेड बॉडी को आधी रात में आमी किनारे जलाने ले गए। दो दिन बाद अधजली डेड बॉडी देखकर लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पत्नी और प्रेमी ने पुलिस के सामने अपनी करतूत मान ली, लेकिन मां के उकसावे पर बच्चे भी अपराध में शरीक हुए। पिता की चिता जलाने में मदद की।
केस तीन: गुस्से से एक्टिवेट हुआ हत्यारा दिमाग31 मई 15 की दोपहर दो बजे असुरन चुंगी के पास झाड़ी में युवक की डेड बॉडी मिली। बदमाशों ने ईट से चेहरा कूंचकर उसको मार डाला था। मर्डर करने के बाद गमछा डालकर बदमाश फरार हो गए थे। दो दिन बाद मृतक की पहचान देवरिया के सूरज के रूप में हुई। उसके दो साथियों पंकज उर्फ कल्लू और दिवाकर सिंह को अरेस्ट किया। दोनों ने बताया तीनों एक गहरे दोस्त थे। मजदूरी करके पेट पालते थे। सभी स्मैक के भी आदी थे। सूरज जब स्मैक ले लेता तो नशे में वह दोनों के साथ गलत व्यवहार करता था। स्मैक पीने के दौरान हुए झगड़े में उन्हें अचानक गुस्सा आ गया। इसलिए उन्हें कुछ और समझ में नहीं आया और वह सूरज को ईट से कूंचकर फरार हो गए। दोनों के चेहरे पर कोई शिकन नहीं नजर आई।
केस चार: मिट्टी का तेल गिराकर जिंदा जलाया 26 जून 2015 को सिकरीगंज एरिया के नकौड़ी में बदमाशों ने एक युवती संग रेप का प्रयास किया। रेप में नाकाम युवकों ने बर्बरता की हदें पार कर दी। कमरे में सो रही युवती को घर से बाहर उठाकर ले गए। उसके बदन पर मिट्टी का तेल उड़ेलकर आग लगा दी। गंभीर हाल युवती का मेडिकल कॉलेज से लेकर दिल्ली तक उपचार कराया गया। दो दिन पहले युवती की मौत हो गई। इस मामले में पुलिस अभियुक्तों को अरेस्ट नहीं कर सकी है। लेकिन बर्बरता के इस खौफनाक दास्तां की चर्चा सबकी जुबान पर है। केस पांच: कमेंट न हुआ बर्दाश्तछह अगस्त 14 खजनी के बोगा स्थित ईट भट्ठे के पास खेत में चिलुआताल एरिया के सोनबरसा निवासी पप्पू की डेड बॉडी मिली। सीने के नीचे उसका पेट चाकू से फाड़ा गया था। खेत में थोड़ी दूर पर कलेजे के टुकड़े मिले। पुलिस ने जांच शुरू की तो आंखें फटी की फटी रह गई। जांच में सामने आया कि ईट भट्ठे पर काम करने वाले झारखंड के गुमला डिस्ट्रिक्ट स्थित जोराल निवासी जनक लोहार, उसकी पत्नी राधा, पवन और सोनू पांच अगस्त की रात पप्पू के साथ जुआ खेल रहे थे। पुलिस ने पवन और सोनू को उठाया तो सचाई सामने आई। जनक, उसकी पत्नी राधा, पवन और सोनू मूल रूप से आदिवासी हैं। पप्पू अक्सर जनक की पत्नी राधा पर कलेजा कहकर कमेंट कसता था, इसलिए जनक ने पप्पू को निशाने पर ले लिया। कसम खाई कि कलेजा खाकर दम लेंगे। मौका मिलने पर पप्पू की हत्या की। उसका कलेजा निकालकर भूना। खाने के बाद डेड बॉडी फेंककर फरार हो गए। पुलिस ने दो आरोपियों को अरेस्ट कर लिया। लेकिन मुख्य आरोपी आज भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं।
क्या मानते हैं पुलिस के अधिकारी क्रूरता से हत्या का मतलब ऐसाी कोई रंजिश जिसमें कातिल पूरी तरह से सत्यानाश करना चाहता है। या फिर ऐसा होता है कि आदमी बहुत गुस्से में आ जाए। इसलिए अचानक से कदम उठा ले। अधिकांश मामलों में प्रेम प्रसंग की वजह से ऐसी जघन्य हत्याएं होती हैं। कभी कभी परिस्थितियां ऐरी कर देती हैं कि सोचने समझने की शक्ति खत्म हो जाती है। अचानक उत्पन्न होने वाली परिस्थितियों में सोच लिया जाता है। मन में कोई छोटी बड़ी होने पहले से होने पर अचानक कातिल वारदात कर बैठते हैं। इनमें कई बार पूरा परिवार को निशाना बनाया जाता है। खजनी में कलेजा भूनकर खाने वाली घटना पूरी तरह से बदला लेने की भावना थी। विजय राज सिंह, इंस्पेक्टर कोतवाली कटाई टीकर की घटना अचानक हुई थी। पत्नी का दूसरे व्यक्ति प्रेम संबंध चल रहा था। इसको लेकर पति आए दिन पत्नी और बेटियों को अपशब्द कहता था। कई दिनों से हो रहे झगड़े से पत्नी आजिज आ गई। उसने पति के मर्डर की सिफारिश अपने प्रेमी से की। रास्ते का कांटा हटाने के लिए वह तैयार हो गया। इस मामले में यदि बेटियों ने प्रतिकार किया तो उनकी भी जान जाती। इसका डर सभी को सता रहा था। इसलिए जैसे तैसे डेडबॉडी को ठिकाने लगाने का प्रयास किया गया, लेकिन पराकाष्ठा थी कि कोई पत्नी अपने बच्चों के साथ मिलकर पति की हत्या कर करवा दे। श्याम बिहारी एसओ, हरपुर बुदहट बर्दाश्त न कर पाने की क्षमता इंसान को कमजोर और खोखला कर देती है। गुलरिहा के मर्डर में ऐसा ही सामने आया। गौतम को राजेश्वर की पत्नी से प्रेम था। वह पति के बजाय गौतम के साथ संबंध में खुद को सेफ मानती थी। प्रेमिका की पिटाई होने पर गौतम आहत हो जाता था। इसलिए उसने मौका देखकर राजेश्वर को निपटा दिया। ऐसे लोग पहले से क्रिमिनल माइंडेड होते हैं। मौका मिलने पर किसी न किसी बहाने अपराध कर देते हैं। जयवर्द्धन सिंह, एसओ गुलरिहा नशे की लत ने हैवानियत पर मजबूर कर दिया। तीनों दोस्त एक साथ उठते बैठते थे। रोजाना काम पर जाते थे। तीनों मेडिकल कॉलेज के पास एक दुकान के सामने रात में सो जाते थे। उनके बीच अच्छी दोस्ती थी। बावजूद इसके जब स्मैक के नशे में झगड़ा हुआ तो दोनों ने आपा खो दिया। इसके बाद तीसरे की ईट से कूंचकर जान ले ली। यह उनके दिमाग के भीतर से अचानक उभरी उपज थी जो इस तरह से क्रूरतम वारदात कर बैठे। पकड़े जाने पर तीनों ने अपना जुर्म कबूल किया। लेकिन उनको मर्डर का मलाल नहीं था। अनिल उपाध्याय, एसओ शाहपुर