गांधी गीता से अहिंसा का संदेश दे रहे राजेश्वर
- राष्ट्रपिता पर एसोसिएट प्रोफेसर ने लिखा महाकाव्य
- कलियुग में ईश्वर के अवतार, अहिंसा के दूत हैं गांधी GORAKHPUR: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पूरी दुनिया में अहिंसा के दूत में रूप में जाने जाते हैं। लेकिन मऊ के घोसी स्थित सर्वोदय पीजी कॉलेज में अंग्रेजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ। राजेश्वर प्रसाद उन्हें कलयुग में भगवान का अवतार मानते हैं। महात्मा गांधी के जीवन पर लिखित अपनी पुस्तक द गांधी गीता के माध्यम से वह लोगों को अहिंसा का संदेश दे रहे हैं। गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर शनिवार को गोरखपुर पहुंचे प्रोफेसर ने कहा कि राष्ट्रपिता के आदर्श और विचार ही पूरी दुनिया को हिंसा और अराजकता से बचा सकते हैं। ईश्वर का संदेश देने पैदा हुए गांधीप्रो। राजेश्वर का कहना है कि कलयुग में महात्मा गांधी ईश्वर के अवतार हैं। उनका जन्म भारत माता को गुलामी से मुक्त कराने, ईश्वर के अमर संदेश प्रेम, शांति, सत्य, सहिष्णुता, अहिंसा और न्याय की शक्ति को पूरी दुनिया में स्थापित करने के लिए हुआ। उन्होंने अपने जीवन काल में इसे पूरा कर दिखाया। इसलिए महात्मा गांधी के कैरेक्टर का वर्णन पुस्तक में अवतार के रूप में किया गया है। प्रोफेसर ने कहा कि महात्मा गांधी के आदर्शो का दुनियाभर में प्रचार-प्रसार करने का यह छोटा लेकिन अनोखा प्रयास है। इसलिए 30 जनवरी 2016 को प्रकाशित पुस्तक लेकर वह हर जगह जाते हैं।
किताब में मिलेंगी ये चीजें पुस्तक में छह विषय हैं। इसमें महात्मा गांधी की जीवनी, राजनीति, इतिहास, धर्म, दर्शन और साहित्य को समाहित किया गया है। अंग्रेजी में प्रकाशित महाकाव्य में छह पाटर््स, 22 उपखंड और 101 कैंटोज हैं। अंतिम भाग में लेखक ने दुनिया भर के लोगों के सामने 50 सवाल रखे हैं। जिनमें पूछा गया है कि आखिर दुनिया में शांति कैसे कायम रहेगी। वर्जन वर्तमान समय में महात्मा गांधी के आदर्शो की प्रासंगिकता के बारे में प्रकाश डालना ही पुस्तक का मुख्य उद्देश्य है। राष्ट्रपिता पर रचित पुस्तक को मैंने राष्ट्र को समर्पित कर दिया है। - डॉ। राजेश्वर प्रसाद, एसोसिएट प्रोफेसर