'किसी को फिक्र नहीं है मेरी'
- फैकल्टी ऑफ डीन के घर पर कई बार हो चुके हैं हमले, लेकिन यूनिवर्सिटी नहीं ले रहा सुध
- शासन से लेकर जिला प्रशासन और यूनिवर्सिटी प्रशासन से कई बार की सिक्योरिटी की मांगद्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : 'मेरे घर पर अज्ञात हमलावरों द्वारा बार-बार हमले के बाद भी सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है। जबकि इसके लिए शासन, जिला प्रशासन और डीडीयूजीयू प्रशासन को कई बार लेटर लिख चुका हूं, लेकिन इसके बाद भी जिम्मेदार अफसर कुंभकर्णी नींद सो रहे हैं। किसी को मेरी जान की फिक्र नहीं है.' यह आरोप है डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी में फैकल्टी ऑफ एजुकेशन के डीन, प्रो। लाल जी त्रिपाठी का। सैटर्डे को उनके घर पर हुई पत्थरबाजी के बाद आई नेक्स्ट ने उनसे बात की। उन्होंने बताया कि कई बार उन पर हमला किया गया है। पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों से कई बार शिकायत करने और सुरक्षा मांगने के बावजूद अब तक उन्हें कोई सिक्योरिटी नहीं मिली है।
15 मिनट तक हुई पत्थरबाजीहीरापुरी कॉलोनी के ए-1 क्वार्टर में रहने वाले प्रो। लालजी त्रिपाठी ने अपने फैमिली के साथ रहते हैं। 9 मई की रात करीब सवा ग्यारह बजे उनके आवास पर अचानक अज्ञात हमलावरों द्वारा पत्थरबाजी की गई जिससे उनकी कार के शीशे टूट गए। करीब 15 मिनट तक हुई पत्थरबाजी से पूरा परिवार सहम गया। प्रो। त्रिपाठी ने इसकी सूचना पुलिस के साथ-साथ यूनिवर्सिटी प्रशासन को दी। मौके पर पहुंचे चीफ प्राक्टर डॉ। सतीश पांडेय ने जायजा लिया। पुलिस केस रजिस्टर्ड कर जांच कर रही है।
क्यों प्रो। त्रिपाठी हैं निशाने पर प्रो। लालजी त्रिपाठी गोरखपुर यूनिवर्सिटी के कई अहम पदों पर काबिज हैं। एजुकेशन फैकल्टी के डीन होने के अलावा वे कई कमेटी के मेंबर भी हैं। इस वजह से अक्सर उन पर दबाव बनाने की कोशिश होती है। अपनी ईमानदार और सख्त छवि के लिए यूनिवर्सिटी में मशहूर प्रो। त्रिपाठी को 22 दिसंबर 2012 में एक स्पीड पोस्ट भेजकर जान से मारने की धमकी दी गई थी। लेटर की लैंग्वेज कुछ यूं थी, 'प्रो। लाल जी त्रिपाठी, तुम्हारे कर्म तुम्हें भगवान के करीब ले जा रहे हैं। विद्या सागर पांडेय की तरह तुम्हें भी सद्गति जल्द प्राप्त होगी। तैयारी कर लो। तुम्हारा शुभेच्छु'। इस पत्र के बाद प्रो। त्रिपाठी ने तत्कालीन वीसी, मुख्य सचिव, राज्यपाल, आईजी, डीआईजी, एसएसपी, कैंट इंस्पेक्टर, मुख्य नियंता आदि को लेटर लिखकर सुरक्षा की मांग की थी। जिसके बाद इनके आवास पर एक सिक्योरिटी गार्ड की तैनाती की गई थी, लेकिन दो महीने बाद ही उस गार्ड?को हटा लिया गया।प्रो। त्रिपाठी पर है इन पदों की जिम्मेदारी
- डीन, फैकल्टी ऑफ एजुकेशन - मेंबर, बोर्ड ऑफ स्टडीज - मेंबर, डिसिप्लीन कमेटी - चेयरमैन, परचेजिंग व टेंडर कमेटी - को-आर्डिनेटर, आवास आवंटन - डिप्टी को-आर्डिनेटर, नैक - मेंबर, एग्जामिनेशन कमेटी - मेंबर, रिसर्च डिग्री कमेटी लेटर पर लेटर, एक्शन कुछ नहीं - 22 दिसंबर'12 को जान से मारने की धमकी मिलने के बाद प्रो। त्रिपाठी ने पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए पत्र लिखा। - 6 जनवरी'13 को प्रमुख सचिव, गृह की तरफ से मामले में कार्रवाई सुनिश्चित की गई। - 2 मार्च'13 को मामले में कोई कार्रवाई न होने पर प्रो। त्रिपाठी ने चीफ मिनिस्टर को लेटर लिखकर सशस्त्र अंगरक्षक की मांग की। पूरी कॉलोनी बस एक सिक्योरिटी गार्ड?के भरोसेडीडीयूजीयू की हीरापुरी कॉलोनी में करीब 100 घर हैं। इस कॉलोनी में यूनिवर्सिटी के लेक्चरर्स से लेकर प्रोफेसर्स तक को बंगले आवंटित हैं, लेकिन कॉलोनी की सुरक्षा के लिए मेन गेट पर महज एक सिक्योरिटी गार्ड?तैनात है। जिस रात प्रो। त्रिपाठी के घर अज्ञात हमलावरों ने हमला किया, मौके पर तैनात सिक्योरिटी गार्ड का कुछ पता नहीं चला। हीरापुरी कॉलोनी के प्रोफेसर्स यूनिवर्सिटी प्रशासन से सिक्योरिटी व्यवस्था बढ़ाए जाने की कई बार मांग कर चुके हैं।
प्रो। लाल जी त्रिपाठी के घर पर सिक्योरिटी गार्ड की तैनाती की जाएगी। जब वह कहीं बाहर जाएंगे तो उनके साथ एक बंदूकधारी गनर रहेगा। दी जाएगी। प्रो। अशोक कुमार, वीसी, डीडीयूजीयू