गोरखपुर में प्राइवेट स्कूल संचालक बच्चों के जान से खेलने से नहीं चूक रहे हैं. बच्चों को स्कूल लाने और उन्हें वापस पहुंचाने के लिए वह मोटी रकम वसूल रहे हैं लेकिन बच्चों की सुरक्षा पर उनका थोड़ा भी ध्यान नहीं है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। हालत यह है कि धड़ल्ले से ही स्कूली वाहन बिना फिटनेस के ही सड़कों पर दौड़ाए जा रहे हैं। आरटीओ विभाग से मिले आंकड़े के अनुसार वर्तमान में 683 स्कूली वाहनों का फिटनेस समाप्त हो चुकी है, लेकिन अब तक इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया है। नोटिस के बाद भी नहीं बनवा रहे फिटनेसआरटीओ विभाग की ओर से इन वाहनों के संचालकों को दो से तीन बार नोटिस भी भेजा जा चुका है। लेकिन फिर भी ये वाहनों का फिटनेस नहीं बनवा रहे हैं। एआरटीओ प्रशासन श्यामलाल ने बताया कि जिले में वर्तमान में 2062 वाहन स्कूली वाहनों के रूप में पंजीकृत हैं। इसमें से 683 वाहनों की फिटनेस समाप्त हो चुकी है। जिसके लिए उन्हें नोटिस भेजा जा चुका है।393 वाहनों का रजिस्ट्रेशन पहले ही हुआ था सस्पेंड
अफसरों के अनुसार 303 स्कूली बस और 90 स्कूली वैन का फिटनेस 30 अप्रैल 2021 से पहले ही समाप्त हो गई। नोटिस के बाद भी फिटनेस नहीं बनवाने पर उनके रजिस्ट्रेशन को भी सस्पेंड कर दिया गया था। वहीं 201 स्कूली बस और 89 वैन का फिटनेस 30 अप्रैल 2022 को समाप्त हुई। इन्हें भी नोटिस दिया गया था, लेकिन कोई रूचि नहीं ली। जिसके बाद शनिवार को इनका भी रजिस्ट्रेशन 3 महीने के लिए सस्पेंड कर दिया गया। अफसरों का कहना है कि फिलहाल गर्मियों की छुट्टी चल रही है। अगर स्कूल खुलने तक इन वाहनों का फिटनेस बन जाता है तो निलंबन समाप्त कर दिया जाएगा।

Posted By: Inextlive