शिविर सरकारी, चलती रही प्राइवेट दुकानदारी
-आशा सम्मेलन में एक्टिव दिखे दलाल, प्राइवेट हॉस्पिटल की बांट रहे थे पर्ची
- कार्यक्रम में उच्च अधिकारियों की मौजूदगी के बावजूद चलता रहा खेल GORAKHPUR: तमाम इंतजाम करके आशा सम्मेलन का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत आयोजित इस कार्यक्रम का मकसद था, सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं का प्रचार-प्रसार। लेकिन इस सरकारी शिविर के दौरान प्राइवेट दुकानदारी सजी हुई थी। एक तरफ मंच से डीएम और सीएमओ स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी का दावा कर रहे थे तो नीचे दलाल मरीजों को लाने के लिए आशाओं को पर्ची बांटने का खेल कर रहे थे। प्राइवेट दलाल डिफरेंट हॉस्पिटल्स के नाम की पर्ची लेकर आने-जाने वाली आशाओं को दे रहे थे। खुलेआम उन्हें कमीशन का हवाला देकर प्रलोभन भी दिया जा रहा था। योजनाओं पर बट्टागुरुवार सुबह शहर और जिले के अन्य हिस्सों से आशाएं गोरखपुर क्लब पहुंचीं। इन आशाओं को सरकार की उन स्वास्थ्य योजनाओं के बारे में बताया गया, जिनका उन्हें प्रचार-प्रसार करना है। साथ ही अधिक से अधिक मरीजों को सरकारी अस्पतालों तक लाने की भी हिदायत दी गई थी। दूसरी तरफ आशा सम्मेलन में प्राइवेट हॉस्पिटल के पोस्टर और बैनर पटे रहे। इस पर भी किसी जिम्मेदार की रोक-टोक नहीं रही। वहीं दर्जन भर दलाल सम्मेलन मंच से लेकर मुख्य गेट की सड़क तक आशाओं को विभिन्न तरह से प्रभावित करने में लगे रहे। उधर हेल्थ विभाग का सरकारी महकमा यह सब देखता रहा।
आखिर किसने बुलाया उन्हें एक तरफ आशाओं पर सख्त रोक लगाई गई है कि वह प्राइवेट हॉस्पिटल में मरीजों को नहीं ले जाएंगी। मगर दूसरी तरफ दलालों पर अंकुश लगाने के लिए कुछ नहीं किया गया। सवाल यह उठता है कि आशाओं के सम्मेलन में इन दलालों को आने की इजाजत कैसे मिली? इस पर कोई भी जिम्मेदार मुंह खोलने को तैयार नहीं है। आशाओं का कहना है कि किसी ने भी इन प्राइवेट हॉस्पिटल और नर्सिग होम के दलालों को नहीं बुलाया था। ऐसे में आखिर वह किसके कहने पर यहां तक पहुंचे ये जांच का विषय है। बॉक्स और रिपोर्टर को कर दी पैसे की पेशकश कार्यक्रम में मौजूद आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने एक दलाल का फोटो खींच लिया। इसको देखते ही दलाल रिपोर्टर के पास पहुंच गया और फोटो डिलीट करने का दबाव बनाने लगा। सिर्फ इतना ही नहीं उक्त दलाल ने आई नेक्स्ट रिपोर्टर को फोटो डिलीट करने की एवज में पैसे देने की भी पेशकश कर डाली। वर्जनयह कार्यक्रम आशाओं का था। इसमें अफसरों को छोड़कर अन्य किसी को भी आने की इजाजत नहीं थी। अगर दलाल आशाओं को प्राइवेट हॉस्पिटल की पर्ची बांट रहे थे तो यह ठीक नहीं है। इस संबंध में पहले भी सीएमओ को पत्र दिया गया है कि दलालों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
-चंदा यादव, अध्यक्ष ऑल इंडिया आशा बहू कल्याण सेवा समिति आशाओं को चाहिए कि वे गांव व शहर में स्वास्थ्य सुविधा बेहतर बनाएं और दलालों के चक्कर में ना पड़ें। अगर किसी भी कार्यक्रम में इस तरफ की बात आएगी तो नजर रखी जाएगी। दलाल के पकड़े जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। - डॉ। नंद कुमार, एडिशनल सीएमओ