जिला कारागार में बंदियों की बगावत
- वीआईपी सुविधा के खिलाफ किया भूख हड़ताल
- आंदोलन से जेल अफसरों के फूले हाथ-पांव GORAKHPUR: जिला कारागार में सोमवार को बंदियों ने हल्ला बोल दिया। जेल प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाकर बंदी भूख हड़ताल पर बैठ गए। कुछ बंदियों को वीआईपी सुविधा देने की बात पर जमकर हंगामा किया। सुबह-सुबह बंदियों की हरकत से जेल अफसरों के हाथ-पांव फूल गए। घंटों मशक्कत के बाद अफसर बंदियों की हड़ताल खत्म कराने में कामयाब हुए। जेल अधीक्षक ने कहा कि सख्ती से बौखलाए बंदी उल्टी- सीधी हरकतें कर रहे हैं। उनको समझा-बुझाकर शांत कराया गया। बैरक खुलते ही शुरू किया हंगामाजिला कारागार में करीब सात बजे बैरक खुलते हैं। सोमवार की सुबह बैरक खुले तो बंदियों ने बाहर आकर हंगामा शुरू कर दिया। बैरक नंबर आठ के बंदियों के साथ-साथ दूसरी बैरकों के बंदी भी एकजुट हो गए। बंदियों ने जेल का नाश्ता करने से मना कर दिया। एकजुट होकर सारे बंदी भूख हड़ताल पर बैठ गए। वीआईपी बंदियों की तरह हर सुविधा की मांग करने लगे।
हम भी चलाएंगे लैपटॉपबंदियों ने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। कहा कि आम बंदियों का सामान गेट पर तलाशी में ले लिया जा रहा है। भूजा-चना, बिस्कुट, मिठाई, सब्जी कुछ भीतर नहीं लाने दिया जा रहा है। इसके उलट कुछ प्रभावशाली बंदियों को वीआईपी सुविधाएं दी जा रही हैं। वह अपने बैरक में लैपटॉप और मोबाइल यूज कर रहे हैं। बंदियों के गुस्से से जेल अफसर परेशान हो गए। करीब दो घंटे तक चली मान मनौव्वल के बाद बंदी किसी तरह से शांत हुए।
बैरकों में ठूंसे बंदी, सांसत वीआईपी बंदियों के लिए खास इंतजाम से अंसतोष पनप रहा है। मिलेनियम बैरक में पूर्व मंत्री के लिए खास इंतजाम किया गया है। उनके जेल में आने के बाद से पूरी बैरक खाली करा ली गई है। उस बैरक के बंदियों को दूसरी बैरकों में शिफ्ट किया गया है। बंदियों का आरोप है कि पूर्व मंत्री के साथ-साथ कुछ अन्य को भी वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा है। इस वजह से उनके साथ कोई बंदी नहीं रखा जा रहा है। जिला कारागार के हालात जेल में कुल बैरक 16 महिला बंदियों के बैरक तीन पुरुष बंदियों के बैरक 13 पुरुष बैरक की क्षमता 60 बंदी महिला बैरक की क्षमता 22 कुल बंदियों की तादाद 1506 महिला बंदियों कुल संख्या 84 महिला बंदियों के बच्चे 12 पुरुष बंदियों की संख्या 1506जेल में सख्ती बरती जा रही है। बैरकों की रोजाना तलाशी ली जा रही है। इससे कुछ बंदियों को प्रॉब्लम हो रही है जिससे वह लोग विरोध जता रहे थे। उनको समझा बुझाकर शांत कराया गया।
एसके शर्मा, वरिष्ठ जेल अधीक्षक