रक्षकों ने फोड़ा बंदी का सिर
- सिर में चोट लगी थी, मेडिकल रेफर
- लूट के मामले में बंद है जाफर GORAKHPUR: जिला कारागार के किशोर बैरक में निरुद्ध बंदी ने जेल कर्मचारियों पर सिर फोड़ने का आरोप लगाया। शनिवार शाम उसे जिला अस्पताल ले जाया गया। सिर में चोट लगी होने पर डॉक्टरों ने सिटी स्कैन की सलाह देते हुए बंदी को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। बंदी ने कहा कि मोबाइल यूज करने का आरोप लगाकर उसकी बैरक में जमकर पिटाई की गई है। जिला अस्पताल पहुंचा बंदीजौनपुर, मुफ्तीगंज, सरैया बोगी पट्टी निवासी जाफर अली दाहिने पैर से दिव्यांग है। लूट के मामले में वह मंडलीय कारागार के आठ नंबर बैरक में बंद है। शनिवार शाम करीब छह बजे बंदी रक्षक उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। उसके सिर में चोट लगने से खून बह रहा था। इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर्स ने उसका चेकअप करके उपचार किया। सिर में चोट लगे होने के कारण डॉक्टरों ने बंदी का सिटी स्कैन कराने की सलाह दी। एबुलेंस से जेल पुलिस उसे मेडिकल कॉलेज ले गई।
18 की उम्र, 19 मुकदमे दर्जजाफर ने बताया कि शनिवार की शाम साढ़े चार बजे वह बैग से कपड़े निकाल रहा था। तभी बैरक में बंदी रक्षक पहुंचे। उन लोगों ने मोबाइल से बात करने की बात को लेकर पीटना शुरू कर दिया। सिर में डंडा मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। उसने कहा कि उसकी हालत बिगड़ने पर उसे जिला अस्पताल ले आया गया। जाफर ने कहा कि वह शाहपुर एरिया में एल्मुनियम फैक्ट्री के पास किराए का कमरा लेकर रहता था। वर्ष 2014 में जीआरपी ने उसे लूट के मामले में अरेस्ट करके जेल भेज दिया। वह आर्केस्ट्रा चलाता था। उसी समय उसकी मुलाकात कुछ युवकों से हुई। वे लोग लूटपाट करते थे। जाफर के पास से पुलिस ने लैपटॉप बरामद किया था। जाफर ने कहा कि उसके खिलाफ गोरखपुर और देवरिया में 19 मुकदमे हैं जिनमें पुलिस ने फर्जी फंसा दिया है।
रोजाना होती है पिटाई बंदी ने कहा कि आठ नंबर बैरक में 98 किशोर बंद हैं। रोजाना किसी न किसी बात को लेकर बंदी रक्षक उसकी पिटाई करते हैं। शुक्रवार को उसकी कोर्ट में पेशी थी। पेशी से लौटने में देर हो गई। नहाने की बात को लेकर उसे झाड़ुओं से पीटा गया। बंदी रक्षक रोजाना अत्याचार करते हैं। लेकिन बंदी उनका प्रतिकार नहीं कर पाते हैं।