मेडिकल कॉलेज को दवाओं के लिए तीन करोड़
- बीआरडी मेडिकल कॉलेज में प्रमुख सचिव ने किया निरीक्षण
- पेशेंट्स के फैमिली मेंबर्स से बातकर जानी इलाज की स्थिति - आधुनिक उपकरणों और सुविधाओं को बढ़ाने पर दिया जाएगा जोर - इंसेफेलाइटिस पेशेंट्स के लिए बनेगा रैन बसेराGORAKHPUR: बीआरडी मेडिकल कॉलेज के इंस्पेक्शन के लिए पहुंचे प्रमुख सचिव हेल्थ और मेडिकल एजुकेशन अनूप चंद पांडेय ने विभिन्न वार्ड का बारीकी से इंस्पेक्शन किया। मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे मेडिकल कॉलेज पहुंचे प्रमुख सचिव सबसे पहले प्रिंसिपल ऑफिस पहुंचे। यहां कॉलेज के प्रशासन और डॉक्टर्स से परिचय प्राप्तकर सीधे ट्रामा सेंटर गए। यहां उन्होंने डेली इमरजेंसी में आने वाले और मंगलवार को आए पेशेंट्स की संख्या पूछी। उसके बाद वे सेंट्रल पैथालॉजी गए। यहां जांच संबंधी डिटेल जानी। सर्जरी की इमरजेंसी में उन्होंने बेड खाली होने का कारण पूछा तो डॉक्टर्स की ओर से बताया गया कि अब सर्जरी की इमरजेंसी भी आर्थो और मेडिसिन की इमरजेंसी के साथ नीचे ट्रामा सेंटर में शिफ्ट कर दिया गया है। उसके बाद उन्होंने सर्जरी की ओटी और डायलिसिस वार्ड का निरीक्षण किया गया। जहां डेली डायलिसिस कराने वाले पेशेंट्स की संख्या जानी। 100 बेडों वाले वार्ड के पेशेंट्स के फैमिली मेंबर्स से बातकर दवाओं, डाक्टर्स और नर्सेस की उपलब्धता के संबंध में जाना।
दवाओं के लिए मिले तीन करोड़
इस दौरान प्रमुख ने मेडिकल कॉलेज को दवाओं के लिए तीन करोड़ रुपए देने की घोषणा की। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि इंसेफेलाइटिस से मरने वालों की संख्या यहां पिछले वर्षो से कम है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा संसाधनों को बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। उन्होंने इंस्पेक्शन के बाद व्यवस्था पर संतोष व्यक्त किया। इंस्पेक्शन के बाद वे विभागाध्यक्षों और डॉक्टर्स के साथ मीटिंग के लिए प्रिंसिपल ऑफिस स्थित सभागार में चले गए। बनेगा रैन बसेरा प्रमुख सचिव ने इंसेफेलाइटिस पेशेंट्स के लिए रैनबसेरे का प्रस्ताव बनाने को भी कहा। वार्ड के पास कैंटीन के बाहर लगी भीड़ को देखते हुए रैन बसेरा होने की जरूरत बताई। इंस्पेक्शन के दौरान मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ.आरपी शर्मा, एडी हेल्थ एके तिवारी, सीएमओ डा। एमके सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट एसआईसी बीएन शुक्ला आदि मौजूद रहे। धांधली के संबंध में दिया ज्ञापनदीवानी कचहरी के अधिवक्ता उदयवीर सिंह ने मेडिकल कॉलेज के पूर्व पि्रंसिपल पर धांधली कर एक पद की रिक्तता पर तीन लोगों की नियुक्ति का आरोप लगाया है। अधिवक्ता ने इस संबंध में एक ज्ञापन भी प्रमुख सचिव सौंपकर मामले के जांच की मांग भी की। अधिवक्ता के मुताबिक ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन योजना के अंतर्गत पिडियाट्रिक्स डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर एक नियुक्तिका विज्ञापन निकाला गया था, लेकिन नियुक्तियां तीन की गई जो नियमत: बिल्कुल गलत था।