स्टेडियम में बंद हुई कुश्ती
-रेसलिंग हाल में मैट कवर फटने से बंद हुई प्रैक्टिस
-25 मार्च से लगना है हॉस्टल में एडमिशन का कैंप -मैट कवर न होने से कहीं छिन न जाए कैंपGORAKHPUR: स्पोर्ट्स हॉस्टल। जहां देश के लिए पहलवान तैयार किए जाते हैं। स्पेशल ट्रेनिंग और कंपलीट डाइट दी जाती है, जिससे वे इंटरनेशनल नहीं बल्कि ओलंपिक में मेडल जीतने की तैयारी कर सके हैं। ऐसा ही स्पोर्ट्स हॉस्टल गोरखपुर में भी है, मगर यहां कुछ दिन से पहलवानों को सिर्फ फिजीकली ट्रेनिंग दी जाती है। कुश्ती के गुर नहीं सिखाए जाते हैं और न ही मैट पर प्रैक्टिस कराई जाती है। रीजनल स्टेडियम के रेसलिंग हाल में मैट कवर भी फट गया है, जिसकी वजह से हॉस्टल के साथ जिले से आने वाले पहलवानों की प्रैक्टिस पर पूरी तरह ब्रेक लग गया है। वहीं स्टेडियम एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि उन्होंने मैट कवर के लिए शासन से बजट मांगा है।
ऐसे कैसे लगेगा कैंपप्रदेश के स्पोर्ट्स हॉस्टल में एडमिशन प्रॉसेस चल रहा है। जिला, मंडल और प्रदेश लेवल के कॉम्प्टीशन ट्रायल के बाद फाइनल कैंप के लिए खिलाडि़यों का सेलेक्शन हो चुका है। यह फाइनल कैंप गोरखपुर के रीजनल स्टेडियम में ख्भ् मार्च से लगना है, मगर स्टेडियम के रेसलिंग हाल में मैट कवर फटा हुआ है। इससे रूटीन की प्रैक्टिस पर ब्रेक लगा हुआ है। ऐसे में ये फाइनल कैंप कैसे लगेगा? यह बड़ा सवाल है। इसी कैंप के आधार पर ही हॉस्टल में एडमिशन की लिस्ट फाइनल होगी। सोर्सेज की माने तो अगर जल्द मैट कवर नहीं मिला तो हॉस्टल में एडमिशन के लिए लगने वाला कैंप भी कैंसिल हो सकता है।
70 से अधिक खिलाड़ी करते हैं प्रैक्टिस स्टेडियम के रेसलिंग हाल में डेली करीब 70 से अधिक से खिलाड़ी प्रैक्टिस करते हैं। इनमें हॉस्टल के साथ जिले के खिलाड़ी भी होते हैं। पिछले कुछ दिन से मैट कवर पूरी तरह फट गया है। इससे रेसलिंग की प्रैक्टिस पर पूरी तरह ब्रेक लग गया है। सभी खिलाड़ी सिर्फ फिजिकली प्रैक्टिस ही कर रहे हैं। जबकि हॉस्टल के खिलाडि़यों की रेगुलर प्रैक्टिस उनके रूटीन में शामिल है। स्टेडियम में कुछ दिन से रेसलिंग की प्रैक्टिस बंद है। हॉल में लगा मैट कवर फट गया है। इसकी वजह से प्रैक्टिस बंद चल रही है। शासन से मैट कवर के लिए बजट का प्रस्ताव भेजा गया है। जल्द मैट कवर मिलने की उम्मीद है। अश्विनी कुमार सिंह, रीजनल स्पोर्ट्स अफसर