शहर के किसी भी बिजली घर से जुड़े इलाके में ट्रांसफॉर्मर फुंक गया है तो अब ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है. दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की खबर के बाद अब जिम्मेदार जाग गए हैं.


गोरखपुर (ब्यूरो)।खबर का संज्ञान लेते हुए अर्बन एसीई ने आधे घंटे में ट्रांसफॉर्मर बदलने की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए एशियन इंफ्राइस्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट बैंक स्कीम के तहत 354 लाख रुपए की लागत से 20 मोबाइल ट्रांसफॉर्मर खरीदे जाएंगे। जल्द ही शहर के लिए 20 मोबाइल ट्रांसफॉर्मर मिल जाएंगे, जिससे ट्रांसफॉर्मर फुंकने की कंडीशन में भी लोगों को प्रॉपर बिजली सप्लाई मिल सकेगी। इस मोबाइल ट्रॉली पर 400 केवीए का ट्रांसफॉर्मर रखा रहेगा। दिन और रात में किसी भी इलाके में ट्रांसफॉर्मर फुंक जाएगा, तो इमरजेंसी में मोबाइल ट्रांसफॉर्मर से सप्लाई चालू की जा सकती है। 12 ट्रांसफॉर्मर उपलब्ध
दरअसल, महानगर के चार डिवीजन 24 घंटे निर्बाध बिजली सप्लाई देने का नियम है। किसी भी इलाके में ट्रांसफॉर्मर फुंक जाए तो उसे बदलने में तीन से 15 घंटे तक का समय लग जाता है। इतना समय लोगों को बिना बिजली के रहना पड़ता है। अब शहर का दायरा भी लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में चारों डिवीजन में 12 मोबाइल ट्रांसफॉर्मर से इतने बड़े इलाके को सप्लाई नहीं दी जा सकती है। इसलिए बिजली कटौती की समस्या को देखते हुए बिजली निगम ने मोबाइल ट्रांसफॉर्मर की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया। जल्द ही 20 मोबाइल ट्रांसफॉर्मर मिलने के बाद शहर के किसी भी इलाके में ट्रांसफॉर्मर फुंकता है तो तत्काल उस इलाके में बिजली सप्लाई मिल सकेगी। मोबाइल ट्रांसफॉर्मर की क्यों जरूरत पड़ती है अफसरों की मानें तो अधिक लोड होने पर ट्रांसफॉर्मर फुंकते हैं। कई जगह ऐसा फॉल्ट हो जाता है कि एक-दो घंटे नहीं बल्कि 10 से 15 घंटे तक बिजली की सप्लाई नहीं हो पाती है। इसके अलावा कुछ स्थानों पर एलटी सब स्टेशन में काम करना पड़ता है, तो उससे भी लंबे समय तक बिजली गुल हो जाती है। अब मोबाइल ट्रांसफॉर्मर से ऐसी परेशानी को दूर किया जा सकता है। एशियन इंफ्राइस्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट बैंक स्कीम के तहत 354 लाख की लागत से 20 मोबाइल ट्रांसफॉर्मर खरीदे जाएंगे। दीपावली से पहले ट्रांसफॉर्मर बिजली घरों को मिल जाएंगे। इससे शहर के कंज्यूमर्स को बेहतर बिजली सप्लाई मिल सके। - लोकेंद्र बहादुर सिंह, एसई शहर

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