बिजली दे रही बीमारी
- घर से लेकर मार्केट तक बिजली कटौती से परेशान हैं गोरखपुराइट्स
- बढ़ रहा चिड़चिड़ापन, तनाव और प्रदूषण आसमान पर GORAKHPUR : सिटी में बिजली की किल्लत गोरखपुराइट्स का चैन भर नहीं छीन रही, उन्हें बीमार भी कर रही है। मार्केट?में जनरेटर की आवाज से कान के पर्दे हिल जाते हैं तो निकलने वाला जहरीला धुआं कई बीमारियां मुफ्त में बांट रहा है। जनरेटर को तेल पिलाकर व्यापारी परेशान हैं, वहीं स्टूडेंट्स की पढ़ाई भी चौपट हो रही है। बिजली कटौती से लोगों में चिड़चिड़ापन और तनाव भी बढ़ रहा है। जनरेटर बढ़ा रहे हैं प्रदूषणबिजली कटौती ने जनरेटर बेचने वालों की चांदी कर दी है। सिटी के मार्केट एरिया में जनरेटर के धुएं के कारण चलना मुश्किल हो जाता है। गोलघर के व्यापारी राधेश्याम गुप्ता का कहना है कि अभी तो दिन में केवल ख् घंटे ही बिजली कट रही है, लेकिन बाद में यह कटौती बढ़ेगी। पिछले साल दोपहर क्ख् बजे से लेकर शाम ब् बजे तक डेली रूटीन से कटौती हो रही थी। तब डेली कम से कम ख्म्0 रुपए का डीजल खर्च होता था। इस तरह गोलघर, बेतियाहाता, बैंकरोड, टाउनहाल, रेती चौक, घंटाघर, माया बाजार और अलीनगर जैसे मार्केट वाले एरिया में कम से कम क्000 हजार जनरेटर लगे हुए हैं। इसमें लगभग 700 जनरेटर सामान्य हैं, जबकि फ्00 डीजी (डीजल जनरेटर) जनरेटर हैं। ये जनरेटर डेली करीब एक हजार लीटर डीजल पी जाते हैं।
एकघंटे में पी जाते हैं हजारों का डीजल जनरेटर (क्षमता) डीजल कीमत 7 हार्सपावर ख् लीटर क्क्0 रुपए क्00 केवीए ख्0 लीटर क्क्00 रुपए ख्भ्0 केवीए फ्0 क्म्भ्0 रुपए भ्00 केवीए भ्0 ख्7भ्0 रुपए बिजली न मिलने के कारण हम लोगों पर डीजल का एक्स्ट्रा भार तो पड़ ही रहा है, कस्टमर्स भी दुकान में आने से कतराते हैं। जनरेटर की आवाज के चलते कस्टमर्स से ढंग से बात करना भी दूभर हो जाता है। संदीप चौधरी, व्यापारी पढ़ाई के लिए शांत माहौल जरूरी है। दिन में तो शोरगुल के चलते पढ़ाई नहीं हो पाती और रात में जब शांति होती है तो बिजली गुल हो जाती है। ऐसे में पढ़ाई तो चौपट होनी तय है। उज्जवल निगम, स्टूडेंट नींद न आने से कार्यक्षमता प्रभावित होती है। स्टूडेंट्स में सीखने की क्षमता कम होती है। चिड़चिड़ापन बढ़ने के साथ-साथ गुस्सा बढ़ना भी स्वाभाविक है। अधिक पसीना होने से शरीर में कई तरह के इंफेक्शन भी हो जाते हैं। डॉ। सुधांधु शंकर, फिजीशियनप्रदूषण को देखते हुए कई बार सिटी के व्यापारियों को मानक के अनुसार जनरेटर लगाने के लिए कहा गया था, लेकिन अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला है। अगर सिटी में पर्याप्त बिजली मिलती तो शायद दिन में जनरेटर नहीं चलते और प्रदूषण भी नहीं होता।
चंद्रेश कुमार, सहायक अभियंता, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड