शिक्षक भर्ती पर हो रही राजनीति
- डीडीयूजीयू में भारी मात्रा में शिक्षकों की कमी को लेकर शिक्षक संघ ने खोला मोर्चा
- आरक्षण नीति लागू करने के चक्कर में यूनिवर्सिटी प्रशासन ने शिक्षक नियुक्ति पर साधा है मौन द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : यूनिवर्सिटी में इन दिनों यूजी/पीजी कोर्सेज में एडमिशन चल रहे हैं, लेकिन उन्हें पढ़ाएगा कौन, ये एक बड़ा सवाल है। डीडीयूजीयू में टीचर्स?की कमी को लेकर अब शिक्षक संघ ने मोर्चा खोल दिया है। शिक्षक संघ के अध्यक्ष ने शिक्षक भर्ती में सरकार और यूनिवर्सिटी प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है। संघ का आरोप है कि भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के बजाय सरकार और यूनिवर्सिटी प्रशासन, दोनों राजनीति कर रहे हैं। यह राजनीति इसलिए की जा रही है ताकि आरक्षण नीति को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके। मानकों की उड़ रही धज्जियां स्टूडेंट्स टीचर्स रिक्त 20 1 (यूजीसी) - 17000 166 (डीडीयू) 200 यूनिवर्सिटी खुद कर सकती है भर्तीसुप्रीम कोर्ट ने 2014 में दिए एक आदेश में स्पष्ट कर दिया था कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ऑटोनॉमस बॉडी है, इसलिए वह डिसीजन लेकर शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू कर सकती है। गोरखपुर यूनिवर्सिटी सरकार की ओर से हरी झंडी न मिलने का तर्क रख रही है जबकि उसे भर्ती का विज्ञापन जारी करने के बाद प्रक्रिया स्टार्ट?कर देनी चाहिए। प्रो। जितेंद्र तिवारी ने बताया कि 2003 के बाद से यूनिवर्सिटी में एक भी शिक्षक की नियुक्ति नहीं की गई। कुल 27 डिपार्टमेंट हैं और 17 हजार स्टूडेंट्स। अगर शिक्षकों की भर्ती जल्द नहीं शुरू की गई तो स्टूडेंट्स की पढ़ाई पर संकट आना तय है।
आखिरकार यहां कोई क्यों पढ़ाएगा? क्राइटेरिया अदर स्टेट डीडीयूजीयू रिटायरमेंट एज 65 वर्ष 62 वर्ष सैलरी 70-80 हजार 25-30 हजार शिक्षकों के अभाव को देखते हुए मैं स्वयं 16 जुलाई से पीजी की क्लास लूंगा। फिलहाल जेआरएफ क्वालिफायड टीचर्स और रिटायर्ड टीचर्स से पढ़ाया जाएगा। शिक्षक भर्ती के लिए आज ही मेरी प्रमुख सचिव से बात हुई है। उन्होंने शिक्षक भर्ती में जो रिपोर्ट मांगी थी, वह मैने दे दी है। जल्द ही भर्ती प्रक्रिया स्टार्ट हो जाएगी। प्रो। अशोक कुमार, वीसी, डीडीयूजीयू